India News Haryana (इंडिया न्यूज), Ayurvedic Medical Officer Recruitment : चंडीगढ़ प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता करते हुए भर्ती विश्लेषक एवं कांग्रेस नेता श्वेता ढुल ने हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) पर आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए मामले की सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की है।
उन्होंने एचपीएससी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती में योग्य उम्मीदवारों की अनदेखी की गई है तथा विश्वविद्यालय टॉपरों, आईआईटी से पीएचडी करने वाली एकमात्र हरियाणवी महिला, गोल्ड मेडलिस्ट, कॉलेज टॉपर, पीजी स्कॉलर, प्रोफेसरों सहित एचपीएससी के अपने स्क्रीनिंग टेस्ट के टॉपरों को फेल कर दिया गया है।
हरियाणा लोक सेवा आयोग लगातार बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को वरीयता दे रहा है, जबकि हरियाणा के उम्मीदवारों के साथ भेदभाव कर रहा है। इसके अलावा आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने परीक्षा के पेटर्न और विषय-वस्तु से संबंधित मुद्दा भी उठाया और कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी की भर्ती के पेपर में हरियाणा से संबंधित कोई भी प्रश्न नहीं था, जो कि उचित नहीं है और साथ ही गंभीर चिंता का विषय भी है।
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने 805 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन 16/2024 के माध्यम से 12 साल बाद आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की थी। कुछ समय बाद एक शुद्धिपत्र के माध्यम से इस परीक्षा में हरियाणा से बाहर के उम्मीदवारों को भी शामिल कर लिया गया। पहले पेपर यानी स्क्रीनिंग टेस्ट में लगभग 18,000 उम्मीदवार शामिल हुए, जो कि 100 अंकों और प्रश्नों का एक वस्तुनिष्ठ पेपर था और इसका परिणाम 9 अक्टूबर, 2024 को घोषित किया गया था।
विशेष रूप से, केवल 25% अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को ही अगले स्तर की परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाना था और यह नेगेटिव मार्किंग वाला पेपर था। इसके बाद 17 नवंबर को विषय ज्ञान परीक्षा (एसकेटी) आयोजित की गई, जिसका परिणाम 3 दिसंबर, 2024 को दिया गया। साक्षात्कार के लिए परीक्षा में 35 अंक लाना अनिवार्य था।