डॉ. रविंद्र मलिक, Haryana News: चुनावी नतीजे आने के बाद ये यक्ष प्रश्न सबके जहन में रहा कि आखिर कांग्रेस किन कारणों से चुनाव हार गई। इतिहास विषय के पेपर में एक सवाल हमेशा से पूछा जाता रहा है कि मुगलों के पतन के क्या कारण रहे, बिल्कुल ऐसा ही सवाल यहां भी चर्चा में है कि चुनाव में कांग्रेस की हार व पतन के क्या कारण रहे। इसके पीछे कई कारण हैं। इस बारे में पार्टी व इसको दिग्गज नेताओं को निरंतर चिंतन और मंथन की गहन आवश्यकता है कि आखिर पार्टी रसातल में क्यों जा रही है।
कुलदीप बिश्नोई के विपक्ष में वोट डालने के बाद कांग्रेस की चुनाव जीतने की संभावनाएं धूमिल नहीं हुई थी, लेकिन जब वोटों की काउंटिग में सामने आया कि एक वोट रद हो गई है तो पार्टी की हार तय हो गई। मतपत्र पर प्राथमिकता मार्क करना बेहद जरूरी था, लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार वहीं मार्क किया गया था, जिसके चलते एक वोट रद हो गई।
पार्टी द्वारा क्रॉस वोटिंग से बचने के लिए विधायकों को करीब एक सप्ताह के लिए छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक होटल में ठहराया गया और इसको प्रशिक्षण शिविर की संज्ञा दी गई। अब यहां सवाल ये है कि जब वहां चुनाव में वोटिंग को लेकर ट्रेनिंग दी गई थी तो फिर वोट गलत कैसे पड़ी और इसके चलते फिर रद हो गई।
पार्टी की हार के अन्य कारणों में पार्टी का अति-आत्मविश्वास भी माना जा रहा है। पार्टी को खुद पर जरूरत से ज्यादा भरोसा था कि वो चुनाव जीत जाएगी, लेकिन ये हो न सका। इसके अलावा पार्टी के अंदर जारी निरंतर कलह भी हार के प्रमुख कारणों में रही। इसी का नतीजा था कि कुलदीप ने पार्टी कैंडिडेट को वोट नहीं डाली।
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