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UHBVN की लापरवाही…उपभोक्ता को सेवा प्रदान करने में रहा विफल, अनुचित रूप से किया परेशान, अब लगा जुर्माना

• LAST UPDATED : December 22, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), UHBVN : हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने पानीपत में उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) को उपभोक्ता बिमला को निगम द्वारा औसत बिल बनाने के कारण हुई अनावश्यक देरी के लिए 5,000 रुपये का मुआवजा देने के निर्देश दिये है। आयोग के प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि बिमला ने मई 2024 तक नियमित रूप से अपने बिलों का भुगतान करने के बावजूद यूएचबीवीएन द्वारा उनके बिजली मीटर की औसत बिलिंग के संबंध में आयोग से संपर्क किया था।

UHBVN : उपभोक्ता को अनुचित रूप से परेशान किया

उनके अनुरोध पर निगम निर्धारित सात दिनों के भीतर सेवा प्रदान करने में विफल रहा, जिसके परिणामस्वरूप उपभोक्ता को अनुचित रूप से परेशान किया गया। इसके अलावा, उपभोक्ता को सही बिल प्राप्त करने के बजाय जुलाई 2023 से जुलाई 2024 तक लगभग एक वर्ष के लिए औसत बिलिंग जारी की गई। शिकायत के अनुसार,  बिमला ने यूएचबीवीएन द्वारा अपने बिजली मीटर की औसत बिलिंग के संबंध में आयोग से संपर्क किया था।

अपने बिलों का नियमित रूप से भुगतान किया था

उन्होंने मई 2024 तक अपने बिलों का नियमित रूप से भुगतान किया था। उनके अनुरोध पर, निगम  निर्धारित सात दिनों के भीतर सेवा प्रदान करने में विफल रहा, जिसके परिणामस्वरूप उपभोक्ता को अनुचित रूप से परेशान किया गया। इसके अलावा, उपभोक्ता को सही बिल प्राप्त करने के बजाय जुलाई 2023 से जुलाई 2024 तक लगभग एक वर्ष के लिए औसत बिलिंग जारी की गई।

कोई समाधान नहीं होने पर उनकी शिकायत बंद कर दी गई

बिमला ने पहले, प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकरण से संपर्क किया था, लेकिन एक महीने बाद भी कोई समाधान नहीं होने पर उनकी शिकायत बंद कर दी गई।औसत बिलिंग के संबंध में उपभोक्ता की शिकायत के जवाब में आयोग ने मामले की गहन समीक्षा की। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यूएचबीवीएन अधिकारियों की उदासीनता के कारण उपभोक्ता को परेशानी का सामना करना पड़ा।

बिमला को हुई असुविधा के लिए 5,000 रुपये का मुआवजा दे

संबंधित अधिकारियों से सुनवाई के बाद आयोग ने यूएचबीवीएन को निर्देश दिया कि वह बिमला को हुई असुविधा के लिए 5,000 रुपये का मुआवजा दे। निगम को निर्देश दिया गया कि वह या तो अपने फंड से उपभोक्ता के खाते में राशि समायोजित करे या फिर सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में मुआवजा ट्रांसफर करे। यूएचबीवीएन के एक्सईएन को 10 जनवरी, 2025 तक आयोग को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

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