India News (इंडिया न्यूज़), Haryana Tourism Department, चंडीगढ़ : हरियाणा के टूरिज्म विभाग के अंडर आने वाले टूरिस्ट कॉम्पलेक्स व रेस्टोरेंट्स लंबे समय से खराब हालत में हैं। घाटे से उभरने के लिए तमाम प्रयास किए गए, लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ पाई। विभाग का घाटा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में सामने आया है कि पर्यटन विभाग ने इसके अंडर आने वाले 5 टूरिस्ट कॉम्पलेक्स व परिसर को प्राइवेट प्लेयर्स को लीज पर देने का निर्णय लिया है और प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
इसको लेकर पांच पर्यटन विभाग के पांच कॉम्पलेक्स का चयन कर लिया गया है लेकिन फिलहाल बतौर ट्रायल एक ही परिसर को नई प्रक्रिया के तहत लाने की प्लानिंग है। इसको लेकर प्राइवेट कंपनियों व होटल संचालकों से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) मांगा गया है। जो भी कॉम्पलेक्स को लीज पर लेकर इनके संचालन में रुचि रखते हैं वो इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। बता दें कि कोरोना दौर में भी पर्यटन को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा था। उस वक्त कोरोना और आर्थिक तंगी के चलते निगम को 35 करोड़ रुपए का अनुदान सरकार ने दिया था।
ये भी बता दें कि पर्यटन निगम की स्थापना सितंबर 1974 में कंपनी एक्ट के तहत की गई थी और शुरुआत में निगम के पास संसाधनों की कमी भी व्यापक स्तर पर थी लेकिन वर्तमान में पर्यटन निगम के 47 टूरिस्ट कॉम्पलेक्स हैं। सभी रेस्टोरेंट और बार का काम निगम के अंडर आता है। इसके अलावा पर्यटन निगम के पास कई जगह टूरिस्ट टैक्सी और पेट्रोल पंप का संचालन भी है।
इनके अलावा स्विमिंग पूल, हेल्थ क्लब और गोल्फ क्लब का संचालन भी किया जाता है। पर्यटन के पास कई होटल व परिसर ऐसे भी हैं जहां झील है जैसे करनाल और रोहतक आदि टूरिस्ट कॉम्पलेक्स। इनको लेकर बोटिंग का काम भी पर्यटन निगम के अधीन आता है। इतने सब होने के बावजूद निगम पर्यटकों को आकर्षित करने की किसी पुख्ता योजना को अमलीजामा नहीं पहना सका।
विदेशी और भारतीय पर्यटकों को हरियाणा में लाने की खास योजनाएं भी विभाग द्वारा अभी धरातल पर उतर नहीं पाई हैं। टूरिस्ट कॉम्पलेक्स के घाटे के पीछे कई कारण हैं। टूरिस्ट कॉम्पलेक्स में एक रात्रि ठहराव का रेंट कम से कम 2 हजार से भी ज्यादा है और ये 4 हजार तक है। वहीं सुईट का रेंट कहीं ज्यादा है। इसके अलावा ज्यादातर टूरिस्ट कॉम्पलेक्स में उच्च स्तर की सुविधाएं भी नहीं हैं।
इसके अलावा कॉम्पलेक्स व रेस्टोरेंट्स में काम कर रहे स्टाफ का भी व्यापक पैमाने पर टोटा है। कोरोना दौर में तो टूरिज्म को बड़े पैमाने पर झटका लगा। ये भी बता दें कि साल 2020 में राज्य सरकार ने भारी नुकसान को देखते हुए राज्य में हरियाणा पर्यटन निगम के तहत सभी 47 होटल-रेस्तरां परिसरों को 20 से 25 साल की लीज अवधि के लिए निजी हाथों में देने का प्रस्ताव तैयार किया लेकिन उस वक्त पर्यटन निगम के अध्यक्ष रणधीर गोलन और पर्यटन मंत्री कंवर पाल गुर्जर के बीच मामले पर मतभेद हो गए।
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