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हरियाणा-उत्तर प्रदेश सीमा कब्जा विवाद…

• LAST UPDATED : June 17, 2021

करनाल/महिंदर सिंह

करनाल और हरियाणा गठन के 55 वर्षों के बाद भी यूपी हरियाणा सीमा निर्धारित नही हो सकी है. यूपी से लगते प्रदेश के 5 जिलों में बहुत वर्षो से सीमा को लेकर विवाद है.  दोनों प्रदेशो के बीच उलझे सीमा मामले का खामियाजा दोनों तरफ के किसान भुगत रहे है. सीमा से लगते खेतो में फसल कटाई और भूमि पर कब्जे को लेकर अक्सर दोनों राज्यो के किसानों के बीच टकराव होता है, कई मामलों में गोलीबारी तक की नोबत आई है.

 

 

हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच उलझे सीमा विवाद के सबसे अधिक मामले करनाल, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद और पलवल जिले में है. दोनों राज्यो के बीच सीमा निर्धारण के लिए सरकारों ने कई बार योजनाएं तैयार की है. दोनों राज्यो की तरफ से सीमा की नपाई व भूमि की  पैमाईश भी करवाई गई है. सीमा विवाद को हल करने के लिए एक बार फिर पायलट प्रोजेक्ट के तहत यमुना नदी में 70 फिट के पिलर्स लगाए जा रहे है. सरकार के इस कदम से उम्मीद जताई जा रही है कि पिलर्स लगने के बाद इस विवाद का हल हो जाएगा.

 

 

सीमा निर्धारित करने के लिए 1975 में दीक्षित अवार्ड कमेटी का फैसला भी हुआ लेकिन धरातल पर विवाद का हल नहीं हुआ. लिहाज आज भी किसान जमीन की पैमाईश ओर मालिकाना हक के लिए उलझते है. इंडिया न्यूज हरियाणा की टीम सीमा विवाद का दंश झेल रहे है. किसानों के बीच पहुंची और वास्तविक स्थिति और दिक्कतों को उजागर किया है. किसानों ने बताया कि दोनों राज्यो में आज तक सीमा निर्धारित नही होने से उनकी सैकड़ो एकड़ की भूमि पर नाजायज कब्जा कर रखा है. यमुना नदी का बहाव हरियाणा की तरफ अधिक होता है जिससे हमारे गावो के सैकड़ो एकड़ भूमि यमुना नदी के दूसरी तरफ चली गई है. इस भूमि पर यूपी के लोग कब्जा करते है और उनकी फसल काट कर ले जाते है.

 

 

 

करनाल जिले के गांव पीर बडौली के किसानों की 250-300 एकड़ जमीन यमुना नदी के दूसरी तरफ है. रोजाना नदी पार कर अपने खेतों में काम के लिये जाने वाले किसानों ने बताया कि अपनी फसल व खेतो को लेकर अक्सर उनका सामना यूपी के लोग से होता है. फसल चोरी करना और खेतो पर कब्जा करना आम बात है.  सरपंच अशोक कुमार ने बताया कि विवाद का मुख्य कारण दोनों राज्यो के बीच जमीन और सीमा निर्धारण नही होना है. नदी के बहाव में बदलाव के बाद किसानों को अपनी जमीन के लिए  संघर्ष करना पड़ता है. यमुना तट पर बसे गांव लालुपरा के किसानों का भी यूपी के किसानों ओर खनन माफिया के साथ कई बार टकराव हो चुका है. सरपंच विकास कुमार ने बताया कि हरियाणा की जमीन से यूपी के खनन ठेकेदार रेत निकाल लेते है खेत मालिको को धमकाया जाता है.

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