मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालन विभाग नियमानुसार राज्य के शत-प्रतिशत पशुधन का टैगिंग करवाना सुनिश्चित करें, ताकि अन्य राज्यों के पशुओं की पहचान हो सके। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा जाएगा कि सभी राज्यों को दिशानिर्देश दें कि वे अपने-अपने राज्यों के पशुओं की टैगिंग करवाएं। पहले चरण में गुरुग्राम, हिसार, सिरसा, भिवानी, करनाल तथा पानीपत को आवारा पशु मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। उसके बाद राज्य के अन्य जिलों में अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि लोगों को भी प्रेरित करना होगा कि गौवंश जब दूध देना बंद कर देता है तो वे उसे खुला ना छोड़ें, बल्कि गौशालाओं में देकर जाएं। गौशालाएं ऐसे पशुओं की देखभाल करेंगी। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रति पशुचारे के लिए सालाना 7 हजार रुपए गौशालाओं को दिए जाते हैं। हरियाणा की 91 गौशालाओं से आयोग को प्रस्ताव मिले हैं कि वे अतिरिक्त गौवंश रखने को तैयार हैं।
बैठक में इस बात की भी जानकारी दी गई कि डेरा सच्चा सौदा, सिरसा ने हरियाणा को आवारा पशु मुक्त बनाने में राज्य गौ सेवा आयोग को सहयोग देने की पेशकश की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौशालाओं की मॉनिटरिंग के लिए पशुपालन विभाग मुख्यालय स्तर पर एक मॉनिटरिंग सेल का गठन करें।