India News Haryana (इंडिया न्यूज), Comedy Poet Surendra Sharma : हरियाणा के मशहूर हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर कर उनकी करोड़ों की प्रॉपर्टी हड़प ली गई। इसे लेकर उन्होंने पुलिस को करीब एक महीने पहले शिकायत दी थी। शुक्रवार को वह अपने बयान दर्ज करवाने के लिए पहुंचे और मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया है कि उनके ताऊ के लड़के ने उनकी प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लिया है। प्रॉपर्टी के कागजों पर उनके फर्जी सिग्नेचर भी किए गए। साथ प्रॉपर्टी पर लोन भी ले लिया। बातचीत से मामला सुलझाने का प्रयास किया गया था, लेकिन बात नहीं बनी। इसलिए पुलिस के पास आए हैं।
हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा महेंद्रगढ़ में नांगल चौधरी के रहने वाले हैं। उनके परिवार की नांगल चौधरी और सरेली में पुश्तैनी जमीन है। इनके पिता 60-70 साल पहले दिल्ली में रहने लगे थे। सुरेंद्र शर्मा ने बताया है कि उनके पिता बालकिशन शर्मा ने गांव में धर्मशाला बनवाई थी। इसके बाद उन्होंने धर्मशाला की ऊपरी मंजिल का निर्माण करवाया। पिता की इच्छा थी कि धर्मशाला का इस्तेमाल हर बिरादरी के लोग करें, लेकिन आज इस धर्मशाला का इस्तेमाल पुष्कर मल शर्मा और उनका परिवार कर रहा है।
सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि धर्मशाला में आरोपियों ने स्कूल खोल दिया है। जब हमें इसका पता चला तो हमने बात बढ़ाने के बजाय स्कूल में कम से कम 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने और स्कूल का नाम उनके दादा राम स्वरूप शर्मा के नाम पर करने को कहा। आरोपियों ने उनकी बात नहीं मानी। कवि ने बताया कि पिछले साल दीपावली के आसपास भतीजी लता शर्मा से पता चला था कि उनके फर्जी हस्ताक्षर कर उनकी जमीन को आरोपियों ने अपने नाम कर लिया है। इसके लिए एक वकालतनामा लगाया गया था, जिसमें सुरेंद्र शर्मा के हस्ताक्षर हैं। हालांकि, सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि उन्होंने कभी ऐसे किसी वकालतनामे पर सिग्नेचर नहीं किए।
इसके बाद कवि और उनकी भतीजी लता ने एडवोकेट हेमंत शर्मा से मामले का निरीक्षण करवाया। इसमें सामने आया कि 5 अगस्त 2010 को कवि की प्रॉपर्टी को लेकर एक तकसीम (प्रॉपर्टी के बंटवारे को लेकर होने वाली कागजी कार्रवाई) लगाई गई थी। यह मामला नांगल चौधरी के तत्कालीन सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी के पास आया था। इसके बाद सहायक कलेक्टर ने 30 नवंबर 2010 को इसका फैसला भी कर दिया। हालांकि, ऐसे किसी मामले की जानकारी सुरेंद्र शर्मा को नहीं है। सुरेंद्र शर्मा के वकील हेमंत शर्मा ने बताया है कि करीब 14 साल पहले की कागजी कार्रवाई में यह भी दिखाया गया है कि तकसीम का दावा डालने से पहले आरोपियों ने सुरेंद्र शर्मा के नाम 2 समन भी जारी करवाए थे। इसमें पहला समन 16 नवंबर 2009 और दूसरा 18 नवंबर 2009 को दिखाया गया है।
ऐसा दिखाया गया है कि सुरेंद्र शर्मा को नोटिस मिले और तकसीम के लिए उन्होंने दोनों समनों पर हस्ताक्षर भी किए। इस पर उनकी बुआ के बच्चों के भी हस्ताक्षर हैं। हालांकि, जब इसके बारे में कवि से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें कभी ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला और न ही कोई हस्ताक्षर किए। वकील हेमंत शर्मा का कहना है कि नांगल चौधरी वाली जमीन के अलावा सरेली की जमीन के रिकॉर्ड में भी फेरबदल किया गया है।
आरोपियों ने उस जमीन को अपनी दिखाते हुए पौने 4 लाख रुपए का कर्जा ले रखा है। इस पूरे मामले की शिकायत कवि ने DC, SP और IG को दी है। उन्होंने बताया है कि DC ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करने के आदेश दिए हैं। यह कमेटी जांच करेगी कि किस अधिकारी के स्तर पर गड़बड़ी की गई है। कवि ने यह भी पता लगाने के लिए कहा है कि उनके फर्जी वकालतनामे का इस्तेमाल कहां-कहां हुआ है?