India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryna Rajya Sabha Candidate : हरियाणा में कई भाजपा नेता राज्यसभा जाने के तगड़े दावेदार हैं, इनमें से कुछ नेता फिलहाल प्रदेश की राजनीति में हाशिए पर चल रहे हैं तो कुछ ठीक-ठाक पॉजीशन में है। इसी कड़ी में सामने आ रहा है कि भाजपा में कई महिला नेता भी राज्यसभा सीट की कड़ी दावेदार है, हालांकि कई पुराने धुरंधर भी लगातार राज्यसभा जाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन आखिरी फैसला पार्टी हाईकमान को करना है कि महिला नेता को राज्यसभा भेजा जाए या फिर किसी पुरुष नेता को।
यह भी बता दें कि राज्यसभा के रण में उतरने से पहले पार्टी हाईकमान और प्रदेश नेतृत्व जातीय समीकरणों का लिहाज भी पूरी तरह से रखेगा। गति दिनों जब ब्राह्मण समुदाय से आने वाले मोहनलाल बडोली को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाया तो यह भी जातीय समीकरणों ने अहम भूमिका निभाई थी।
भाजपा महिलाओं को चुनाव में 33 प्रतिशत रिजर्वेशन देने की हकदार है तो इस लिहाज से राज्य सभा सीट पर महिला नेताओं की दावेदारी मजबूत हो जाती है। पार्टी में फिलहाल महिला नेताओं में बंतो कटारिया, सुनीता दुग्गल व किरण चौधरी टिकट की कतार में हैं। हरियाणा लोकसभा व राज्य सभा में भाजपा की कोई भी महिला सांसद नहीं है, ऐसे में पार्टी इनमें से किसी एक को टिकट देकर आने वाले विधानसभा चुनाव में महिला वोटर्स को लुभाने का प्रयास कर सकती है।
लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने हरियाणा से केवल एक महिला नेत्री बंतो को टिकट दिया था, 10 लोकसभा सीटों के लिहाज से महिला नेताओं को 10 फीसदी रिप्रेजेंटेशन ही मिली। बंतो कटारिया को अंबाला से टिकट दिया था लेकिन वो जीत नहीं पाई। बंतो अम्बाला से 3 बार सांसद रहे दिवंगत रतन लाल कटारिया की पत्नी हैं व पार्टी का बड़ा दलित चेहरा हैं। इसी तरह सिरसा से सांसद रहीं सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर इस बार अशोक तंवर को दे दिया गया था जो कांग्रेस के सैलजा के मुकाबले में जीत नहीं पाए।
इसी प्रकार राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए कुछ समय पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाली किरण चौधरी भी राज्यसभा सीट की दावेदार हैं। अगर पार्टी उनको राज्यसभा भेजती है तो आने वाले विधानसभा चुनाव में करीब आधा दर्जन सीटों पर भाजपा को इसका फायदा मिल सकता है। चूंकि अबकी बार बीजेपी सिरसा और अंबाला दोनों ही आरक्षित सीट हार चुकी है तो ऐसे में आरक्षित समुदाय के नेता की दावेदारी बढ़ जाती है।
पार्टी में पुरुष दिग्गज भी राज्य सभा जाने के दावेदार हैं। इनमें रामबिलास शर्मा, ओमप्रकाश धनखड़, कुलदीप बिश्नोई और कैप्टन अभिमन्यु का नाम निरंतर सामने आ रहा है। हालांकि यह फैसला हाईकमान को करना है कि तवज्जो किसको दी जाए। हरियाणा की राजनीति में रामविलास शर्मा और कैप्टन अभिमन्यु फिलहाल हाशिए पर चल रहे हैं।
वहीं ओपी धनखड़ को संगठन में केंद्र में जगह जरूर दी गई लेकिन प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से उनको हटाया जाना उनके लिए बड़ा झटका था। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने वाले कुलदीप बिश्नोई को भी उनकी उम्मीदों के अनुरूप पार्टी में इतनी बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली। न ही उनके बेटे भव्य बिश्नोई को हरियाणा में मिनिस्टर बनाया गया और न हिसार लोकसभा क्षेत्र से कुलदीप बिश्नोई को टिकट मिला।
हरियाणा में राज्यसभा की कुल 5 सीट हैं, जिनमें इस समय भाजपा के 3, एक निर्दलीय व कांग्रेस का एक राज्यसभा सदस्य है। राज्यसभा सदस्य दीपेन्द्र हुड्डा के लोकसभा के लिए चुने जाने से राज्यसभा की एक सीट खाली हो गई है जिस पर अब उप चुनाव होना है।
इसका कार्यकाल 9 अप्रैल, 2026 तक का है। बता दें कि हरियाणा समेत कई राज्यों की 10 राज्यसभा सीटों पर चुनाव करवाए जाने की संभावना के चलते सूबे में खास तौर पर भाजपा में सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। महाराष्ट्र, असम और बिहार में 2-2 सीटें व हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा में 1-1 सीट पर चुनाव होना है।
संख्या बल के हिसाब से फिलहाल भाजपा का पलड़ा भारी लगता है। पार्टी के 41 विधायक हैं, जबकि एक निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत व हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा ने भाजपा को पहले ही समर्थन दे रखा है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 29 विधायक हैं जबकि 3 निर्दलीय विधायकों ने पिछले दिनों कांग्रेस को समर्थन दिया। भाजपा की पूर्व सहयोगी जजपा के 10 विधायक हैं लेकिन पार्टी में लंबे समय से विरोधाभास है।
जजपा और कांग्रेस एक-दूसरे के पाले में गेंद डालने में लगे हैं, जबकि दोनों के पास जीतने के लिए जरूरी आंकड़ा नहीं है। भाजपा की कोशिश होगी कि उसके पाले में 43 से ज्यादा वोट आएं। इसके लिए उसने रणनीति तैयार की है। राज्यसभा चुनाव में व्हिप के लागू न होने से क्रॉस वोटिंग की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। कहा जा रहा है कि प्रदेश भाजपा के कई दिग्गज राज्यसभा में पहुंचने के लिए दिल्ली में पार्टी हाई कमान के चक्कर लगा रहे हैं।
भाजपा के अलावा जयहिंद सेना के नवीन जयहिंद भी राज्यसभा चुनाव के लिए ताल ठोक रहे हैं। इसके लिए विधानसभा के कुल निर्वाचित सदस्यों के कम से कम 10 प्रतिशत अथवा 10 सदस्यों, जो भी कम हो, का प्रस्तावकों के रूप में समर्थन आवश्यक होगा। महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने अपनी पार्टी हरियाणा जनसेवक पार्टी का समर्थन उन्हें देने का ऐलान किया है जो नाकाफी है। उन्हें कुछ और विधायकों के साथ आने की उम्मीद है। लेकिन फिलहाल के राजनीतिक परिदृश्य से साफ है कि नवीन जय हिंद के लिए राज्यसभा जाने की रह इतनी आसान नहीं है।