डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज), Health Department Controversy, चंडीगढ़ : अनिल विज ने पिछले करीब 2 महीने से स्वास्थ्य विभाग के काम से दूरी बना रखी है। विज इसके पीछे निरंतर उनके विभाग में सीएमओ के अधिकारी के हस्तक्षेप का हवाला दे रहे हैं। लंबा समय बीत जाने के बाद भी मामले में सुलह नहीं हो पाई। अब मामले में नई जानकारी ये आ रही है कि दोनों तरफ से रार फंसी हुई है। ये मामला इसलिए भी निरंतर चर्चा में है कि अगले महीने से शीतकालीन विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है।
विपक्ष मामले को निरंतर उठा रहा है कि सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा तो ऐसे में मामले का विधानसभा सत्र में गूंजना करीब-करीब तय माना जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ अनिल विज के रुख में भी कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा। विज ने साफ तौर पर कहा कि अगर मामला सदन में विपक्ष द्वारा उठाया गया है तो यही कहा जाएगा कि वो विभाग नहीं देख रहे। सीएमओ के अधिकारी द्वारा ही विभाग देखा जा रहा है। ऐसे में सवाल का जवाब भी वही अधिकारी देंगे। चूंकि सत्र नजदीक आ रहा है तो मामले के पटाक्षेप होने की भी संभावना बलवती है, लेकिन अगर संभावना के विपरित मामले में सुलह नहीं हुई तो विज पर सबकी नजर रहेगी।
पूरे मामले को लेकर सीएम मनोहर लाल और अनिल विज में बात हो चुकी है। सीएम भी कह चुके हैं कि प्रशासनिक कार्यों में कई बार पेचीदगी आ जाती है और जल्दी मामले का समाधान होगा। आने वाले विधानसभा सत्र को देखते हुए माना जा रहा है कि फिर से मामले पर दोनों में जल्दी ही बातचीत होगी और मामले का पटाक्षेप होगा। विज की तरफ कहा गया है कि गेंद सीएम के पाले में है। इसी कड़ी में ये भी बता दें कि हेल्थ मिनिस्टर अनिल विज ने कुछ समय पहले नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम), हरियाणा के डायरेक्टर और आईएएस राजनारायण कौशिक के खिलाफ उनकी शिकायत करते हुए कार्रवाई के लिए एसीएस और मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लिखा है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए अफसरशाही में भी हड़कंप की स्थिति है। मामले को लेकर अनिल विज ने बताया कि उन्होंने मिशन के डायरेक्टर के खिलाफ मुख्यमंत्री मनोहर लाल को शिकायत दी है और शिकायत में उनको इनकंपिटेंट (अयोग्य) अधिकारी बताया है। विज ने निदेशक की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए लिखा है। मामले को स्वास्थ्य विभाग में जारी विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि पिछले करीब दो महीने अनिल विज स्वास्थ्य विभाग की किसी भी फाइल पर साइन नहीं कर रहे। दरअसल 5 अक्टूबर को स्वास्थ्य विभाग की एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया था। इस बारे अनिल विज को कोई जानकारी नहीं दी गई और ये बात विज को नागवार गुजरी। बैठक की अध्यक्षता चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी टू सीएम आरके खुल्लर ने की थी। इसको लेकर अनिल विज को कड़ा आक्षेप था कि जब वह विभाग के मंत्री है तो उनके संज्ञान में लाए बिना किस तरह से उनके विभाग की बैठक की जा सकती है। ये भी किसी से छिपा नहीं है कि पूर्व में भी सीएमओ के अधिकारियों से भी विज आमने-सामने रहे हैं।
यह भी बता दें कि पिछले कुछ समय में अनिल विज कई विधायकों को भी साफ तौर पर बता चुके हैं कि उनके पास स्वास्थ्य विभाग का कोई काम लेकर न आएं। जो अधिकारी विभाग की बैठक ले रहा है, उसी के पास अपना काम लेकर जाएं। चूंकि अब देखने वाली बात यह भी है कि स्वास्थ्य विभाग एक बड़ा व महत्वपूर्ण विभाग है और विभागीय कार्यों की फाइल रुकने से सबको दिक्कत होनी वाजिब है। अनिल विज लगातार स्वास्थ्य विभाग के सीनियर अधिकारियों को भी घेर रहे हैं। कुछ दिन पहले एक आयोजन में उन्होंने कहा कि विभाग में कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो काम में रोड़ा अटका रहे हैं। चार-चार महीने से फाइल पेंडिंग है।
जानकारी में सामने आया है कि विज द्वारा काम न देखने के चलते विभाग का काम व्यापक पैमाने पर प्रभावित हो रहा है। इन दिनों जो एक तरफ डेंगू के नए मामले रिपोर्ट हो रहे हैं वहीं इसके अलावा एच9एन2 संक्रमण का संभावित खतरा भी है। सरकारी संस्थान में अतिरिक्त इंतजाम करने की आवश्यकता है। विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इसके चलते विभाग की तैयारी प्रभावित हो रही हैं। चूंकि स्वास्थ्य बेहद महत्वपूर्ण विभागों में तो सबसे परेशानी आनी तय है। विभाग के निदेशक व आईएएस अंशज सिंह भी विभागीय कार्यों को लेकर अनिल विज के कार्यालय आ चुके हैं लेकिन विज उनको भी विभागीय कार्य को लेकर मना कर चुके हैं।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि मामले को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मेरी बात हो चुकी है और अब मामले को लेकर गेंद उनके पाले हैं। जो भी फैसला लेना है, उनको लेना है। वहीं अगर मामला विधानसभा में उठता है तो मैं मामले को लेकर कोई जवाब नहीं दूंगा। जब मैं विभाग का काम ही नहीं देख रहा हूं तो मेरी किस बात की जिम्मेदारी। विभाग का कार्य देख रहे अधिकारी को ही इसका दबाव देना होगा।
यह भी पढ़ें : Ashok Khemka VS Sanjeev Verma : हरियाणा में दो सीनियर अधिकारियों द्वारा एक दूसरे के खिलाफ की गई शिकायतों की जांच होगी
यह भी पढ़ें : Police Report Card : पुलिस अधिकारियों का रिपोर्ट कार्ड होगा तैयार, लापरवाही बरतने वाले नपेंगे
डॉ जयश्री मलिक के मुताबिक़ इन ख़ास बातों का रखें ख्याल India News Haryana (इंडिया…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Urvashi Rautela: उर्वशी रौतेला ने हाल ही में अपनी अविवाहित…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Worst Movie in Bollywood: फिल्मों की क़्वालिटी का मूल्यांकन हमेशा…
राज्य स्तरीय कार्यक्रम में हरियाणा को मिल सकती है कई सौगात India News Haryana (इंडिया…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Office Rule: चीन के जियांग्सू प्रांत के झांग नामक व्यक्ति…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), RRB RPF Exam 2024 : भारत सरकार, रेल मंत्रालय 2, 3,…