India News Haryana (इंडिया न्यूज), Dushyant Chautala: हरियाणा विधानसभा में अब बस कुछ ही दिन बाकी हैं। ऐसे में पार्टियां एक दूसरे पर हमलावर हैं। प्रचार-प्रसार में भी तेजी आ गई है। ऐसे में जननायक जनता पार्टी के नेता और हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने एक इंटरव्यू के दौरान कई मुद्दों पर बात की, जिन मुद्दों में इस साल की शुरुआत में बीजेपी से पार्टी का अलग होना, लोकसभा चुनावों में जेजेपी का प्रदर्शन और आगामी हरियाणा विधानसभा चुनावों की तैयारी शामिल है। आइए जान लेते हैं कि इन मुद्दों को लेकर दुष्यंत चौटाला ने क्या-क्या कहा ?
दुष्यंत चौटाला ने किसानों और अपनी पार्टी को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि, हम 2019 में जहां से शुरू हुए थे, वहीं पर हैं। लेकिन हम दिन-प्रतिदिन बहुत तेजी से सुधार भी कर रहे हैं। हां, मुख्य रूप से किसानों के आंदोलन के कारण सत्ता विरोधी लहर का एक कारक है। उन्होंने आगे कहा कि, लेकिन लोग यह भी समझते हैं कि जेजेपी ने किसानों के लिए बहुत कुछ किया , चाहे वो दो दिनों में फसल खरीद के लिए परेशानी मुक्त भुगतान करना हो, या न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 14 फसलें खरीदना हो या फसल क्षति मुआवजा राशि को बढ़ाकर ₹15,000 प्रति एकड़ करना और फसल नुकसान के 30 दिनों के भीतर किसानों के खातों में जमा करना हो। हमने सफलतापूर्वक काम किया है।
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जा मीडिया द्वारा चौटाला से पूछा गया कि, क्या आपको लगता है कि अगर आपने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के दौरान इस्तीफा दे दिया होता तो आप और जेजेपी विधानसभा चुनावों में अग्रणी हो सकते थे? इस पर दुष्यंत चौटाला ने जवाब दिया कि, कौन जानता है कि क्या होता। शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल ने कानूनों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। आज वो कहां खड़े हैं? इसके अलावा उन्होंने एक और उदाहण देते हुए कहा कि, इंडियन नेशनल लोकदल के नेता अभय सिंह चौटाला ने भी अपनी विधानसभा सीट छोड़ दी। क्या वो कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से जीते? नहीं।
ऐसा लगता है कि कहीं न कहीं जनता की भावना यह थी है कि अगर मैंने 2020 में इस्तीफा दे दिया होता, तो बीजेपी सरकार गिर जाती, जो वास्तव में इस साल मार्च में नहीं हुआ। उन्होंने नायब सिंह सैनी पर हमला बोलते हुए कहा कि, मैं मार्च में सरकार से बाहर हो गया और नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री बने रहे।