India News Haryana (इंडिया न्यूज), High Court: पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने सेना के एक जवान की ड्यूटी के दौरान हत्या किए जाने के मामले में एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने मृतक जवान के परिवार को साधारण फैमिली पेंशन की बजाय स्पेशल पेंशन देने का आदेश दिया है। यह फैसला तब लिया गया जब अदालत ने माना कि जवान की मौत का उसकी सैन्य सेवा से सीधा और आकस्मिक संबंध था, चाहे उसकी हत्या उसके ही साथी सैनिक ने की हो।
कोर्ट की खंडपीठ ने यह आदेश जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर की अध्यक्षता में सुनाया। मामले की सुनवाई गुरुग्राम की ओमवती देवी द्वारा दायर याचिका पर की गई थी। ओमवती देवी ने आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की थी, जिसमें उनके पति की हत्या के बाद परिवार को केवल साधारण पेंशन दी गई थी। कोर्ट ने इस पेंशन की अपील स्वीकार करते हुए कहा कि जवान की हत्या और उसकी सैन्य सेवा के बीच सीधा संबंध है, इसलिए परिवार को स्पेशल पेंशन दी जाए।
हवलदार रामवीर की हत्या 16 अगस्त 1983 को उनके साथी सैनिक, सिग्नलमैन पीके डे ने की थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, पीके डे ने खुद को अप्राकृतिक संबंधों के सिलसिले में बचाने के लिए यह हत्या की थी। रामवीर की मौत के बाद उनके परिवार को साधारण फैमिली पेंशन दी गई थी, लेकिन उनकी पत्नी ने स्पेशल पेंशन की मांग की थी, जो पहले खारिज कर दी गई थी। कोर्ट ने फैसला सुनाया कि चूंकि रामवीर की हत्या उनकी ड्यूटी के दौरान हुई थी, इसका सैन्य सेवा से करीबी संबंध था, और इसलिए परिवार को स्पेशल पेंशन दी जाएगी।