India News Haryana (इंडिया न्यूज़), Politics Of Haryana : हरियाणा में विधानसभा चुनाव की काउंट डाउन शुरू होने वाली है, ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लेकिन गुटों में बटी कांग्रेस में अब प्रत्याशियों को लेकर भी रार देखने को मिल रही है। एक तरफ कांग्रेस पार्टी ने टिकट के दावेदारों से आवेदन मांगे है। वहीं कांग्रेस महासचिव और लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा ने अलग ऐसे अपने दावेदारों से आवेदन मांगे है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि हरियाणा कांग्रेस में चुनाव से पहले ही कैसे जूतों में दाल बट रही है।
पिछले कई चुनावों में देखा गया है कि कांग्रेस से जुड़े चुनावी रणनीतिकार सुनील कानुगोलू ने कर्नाटक में सिद्धारमैया और तेलंगाना में रेवंत रेड्डी ने साथ मिलकर चुनाव रणनीति बनाने का काम किया था। ठीक वैसे ही ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने हरियाणा चुनाव में प्रत्याशियों का चयन, चुनावी रणनीति की जिम्मेदारी सुनील कानुगोलु और उनकी टीम को सौंपी है, लेकिन हरियाणा की राजनीति में तेलंगाना का रेवंत रेड्डी फैक्टर बड़ा ही दिलचस्प साबित होने वाला है।
कांग्रेस सासंद दीपेंद्र हुड्डा ने अपने दोस्त और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की दोस्ती जगजाहिर है। इसी दोस्ती के खातिर रेवंत रेड्डी ने दीपेंद्र हुड्डा की सुनील कानुगोलू से मुलाकात करवाई थी। इसी मुलाकात के बाद राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ व लोकसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाली सुनील कानुगोलू और उसकी टीम को कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव में पार्टी की रणनीति और प्रत्याशी सर्वे का जिम्मेदारी दी है। इन्हीं सर्वे से जुड़े कई बड़े खुलासे दबी जुबान में सामने आए है, जो हरियाणा के हुड्डा परिवार से जुड़ी है। कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि सुनील हुड्डा के करीबियों को सर्वे में बढ़त पेश करते हुए AICC के सामने अपनी रिपोर्ट सौंप रहे हैं।
लोकसभा चुनाव में भी साफ तौर पर देखा गया था कि कैसे भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सभी सीटों पर अपने करीबियों को टिकट दिलाने का काम किया था। विधानसभा चुनाव में भी कुछ ऐसा ही रणनीति पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा काम कर रहे है। कांग्रेस के एक बड़े नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भूपेंद्र- दीपेंद्र ने सुनील काणुगोलू के साथ मिलकर कांग्रेस आलाकमान अपने अनुसार रिपोर्ट भेजने का काम कर रहे है। जिससे उनके करीबियों को टिकट मिल सके और यदि भविष्य में कांग्रेस की सरकार हरियाणा में आती है, तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा या दीपेंद्र हुड्डा के लिए मुख्यमंत्री की लॉबिंग आसानी से हो सके।
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