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किसानों की आय कैसे होगी दोगुनी ?

• LAST UPDATED : October 2, 2021

गुरुग्राम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना किसानों की आमदनी को दोगुना करना है। पीएम के इसी सपने को साकार करने के लिए बागवानी विभाग ने कमर कस ली है। अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग 248ए पर फिरोजपुर झिरका के समीप कृषि विभाग की तकरीबन 15 एकड़ 6 मरला भूमि पर अब जल्दी ही नई – नई तकनीक ईजाद करने के लिए एक्सीलेंस सेंटर, पौधा उत्पादन केंद्र, ट्रेनिंग सेंटर, नई- नई तकनीक का प्रदर्शन लगाने सहित किसानों की कायापलट के लिए बागवानी विभाग कई सराहनीय कदम उठाने जा रहा है।

जिला बागवानी अधिकारी डॉक्टर दीन मोहम्मद ने बताया कि उन्हें आदेश मिले हैं कि कैसे किसानों की तरक्की हो सके। इसलिए मेवात जिले के फिरोजपुर झिरका क्षेत्र में कृषि विभाग की खाली पड़ी भूमि पर जल्द ही कार्य शुरू किया जाए। मेवात जिले के किसान होडल तथा गुरुग्राम इत्यादि के पॉलीहाउस से पौध लेने के लिए जाते थे। अगर फिरोजपुर झिरका के क्षेत्र में पौधा उत्पादन सेंटर, एक्सीलेंस सेंटर, ट्रेनिंग सेंटर के अलावा नई – नई तकनीक के बारे में किसानों को अवगत कराया जाएगा तो उन्हें दूरदराज नहीं जाना पड़ेगा। किसानों को समय व धन की बचत भी होगी।

 

 

बरसाती प्याज सबसे ज्यादा इस इलाके में होती है। किसानों को अब प्याज की गंठी व बीज के लिए राजस्थान के अलवर तथा खैरथल इत्यादि से बीज लेने जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यहां पर अगर सेंटर तैयार होता है, तो किसानों को दूरदराज इलाकों में नहीं जाना पड़ेगा। डॉक्टर दीन मोहम्मद ने अधिकारियों के साथ दिल्ली – अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग 248ए के साथ लगती फिरोजपुर झिरका की कृषि विभाग की जमीन का शुरुआती निरीक्षण कर रणनीति बनानी शुरू कर दी है।

उन्होंने कहा कि जल्द ही मशीन से भूमि के अंदर का पानी देखा जाएगा। चेक करने पर अगर वाटर अच्छा मिलता है, तो जल्दी ही प्रपोजल विभाग को भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलते ही यहां पर एक भव्य पौधशाला व ट्रेनिंग सेंटर तैयार होगा। डॉक्टर दीन मोहम्मद ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि किसानों की आय तभी दोगुना हो सकती है, जब किसानों को खेती में मुनाफा मिलेगा। उन्होंने कहा कि बीज, खाद, दवाई आसानी से सस्ती दरों पर उपलब्ध हो सके। साथ ही किसानों को फसलों के भाव अच्छे मिले और खेती में लागत कम आए। तभी जाकर किसान की आय दोगुनी हो सकती है। कुल मिलाकर जिस भूमि पर कॉलेज बनाने की चर्चा हो रही थी, अब उस भूमि पर बागवानी विभाग पौध उत्पादन केंद्र, एक्सीलेंस सेंटर, ट्रेनिंग सेंटर तथा कृषि की नई – नई तकनीक के बारे में योजना बनाकर उसे अमस करने पर जुट गया है।

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