होम / Hpsc Recruitment Fraud Case : एचपीएससी के डिप्टी सैक्रेटरी ओर एचसीएच अधिकारी अनिल नागर के कबूलनामे में कई अहम खुलासे

Hpsc Recruitment Fraud Case : एचपीएससी के डिप्टी सैक्रेटरी ओर एचसीएच अधिकारी अनिल नागर के कबूलनामे में कई अहम खुलासे

• LAST UPDATED : November 23, 2021

इंडिया न्यूज, पंचकूला :
Hpsc Recruitment Fraud Case : हरियाणा के युवाओं का सपना होता है, कि उन्हें सरकार नौकरी मिले, जिसके लिए युवा जोर शोर से तैयारी भी करते हैं, लेेकिन उसके बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिल पाती है। क्यों कि असल में उनके हिस्से की नौकरी तो करोडों रुपए में बिक चुकी होती है। ये सारा गेम यहां हरियाणा स्टॉफ सलेक्शन कमीशन में डिप्टी सैक्रेटरी अनिल नागर और एप्लीकेशन पोर्टल से लेकर पेपर चैकिंग, कोड बनाने वाली कंपनी के कारीदें करते थे।

इस मामलें का भांडाफोड होने के बाद अब, मंगलवार को एचपीएससी के पूर्व डिप्टी सैक्रेटरी सहित तीन आरोपियों को पंचकूला कोर्ट में पेश किया गया। वहीं इन तीनों से अभी तक की हुई पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं, जिसमें सामने आया है, कि पिछले कुछ महीनों में इन आरोपियों की दो एचसीएस अधिकारियों की सीटों, से लेकर 9 डेंटल सर्जन की सीटों के लिए डीलिंग हुई थी। जबकि बाकी अन्य भर्तियों में हुए भ्रष्ट्राचार पर विजिलेंस की टीम जांच कर रही है।

Read More : Milk and Turmeric 13 Amazing Benefits : गुनगुने दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पियें और पायें ये 13 अद्भुत फायदे

असल में एचपीएससी के पूर्व डिप्टी सैक्रेटरी अनिल नागर, अशिवनी और नवीन कुमार को चार दिनों के पुलिस रिमांड के बाद मंगलवार को पंचकूला कोर्ट में पेश किया गया। जहां विजिलेंस की ओर से ओर पुलिस रिमांड की मांग की गई, लेकिन कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को सुनते हुए इन्हें न्याययिक हिरासत में अंबाला जेल में भेज दिया है।

Read More : Moolchand Decided हरियाणा रोडवेज के बेड़े में 500 नई बसें और खरीदेंगे : मूलचंद

भर्तियों में करप्शन अनिल नागर ने कबूल किया : विजिलेंस Hpsc Recruitment Fraud Case

विजिलेंस के सूत्रों के अनुसार और कोर्ट में दिए हल्फनामे के अनुसार एचसीएच अधिकारी अनिल नागर की ओर से कबूल किया गया है, कि वो भर्तियों में करपशन करने में शामिल था। यहां पोस्टिंग होने के बाद नागर के कार्यकाल में हुई बाकी भर्तियों की भी स्कैनिंग की जा रही है। देखा जा रहा है, कि किस किस भर्ती में उसका क्या रोल रहा है। उसने कबूल किया है, कि उसने पेपर बनाने वाली, पेपर लेने वाली, चैकिंग करने वाली और पोर्टल को मेंटेन करने वाली कंपनी के साथ उसकी सांठगांठ थी।

वो उसके कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ मिलकर अपने मन के मुताबिक ही सारा सिलेक्शन करता था। क्यों कि पेपर देने वालों को पहले ही कहा जाता था, कि वो अपने पेपर में 30 से 35 उन सवालों का सही से जवाब दें, जो उन्हें आता हो। उसके बाद वो खाली पेपर छोड़कर आए, जिसके बाद एजेंसी के कारीदें उसे आनर की के जरिए भर देते थे। ऐसे में जिन लोगों से डील हुई होती है, उनके पेपर में नंबर ज्यादा आते हैं। ऐसे में इंटरव्यू में कम नंबर आने का उन पर कोई असर ही नहीं पडता है।

Read More Firing On Two Youths : रोहतक में दो युवकों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई

2 एचसीएस अधिकारी और 9 डेंटल सर्जन के नाम पर लिए रुपए Hpsc Recruitment Fraud Case

विजिलेंस की जांच में सामने आया है, कि मोटे तौर पर इन लोगों की ओर से करीब 3 से साढे तीन करोड रुपए लोगों से नौकरी के नाम पर वसूले गए हैं। जिसमें लोगों से रुपए लेकर उनके पेपर सही तरीके से करवाए जाते थे। ऐसे में ये भी बडी बात सामने आई हैै, कि हाल ही में हुई डेंटल सर्जन की भर्ती में 9 डेंटज सर्जन कैंडीडेट्स के साथ डील की गई थी। उन से रुपए लिए गए थे, इसके अलावा कुछ समय पहले एचसीएस पेपर मामले में दो कैंडीडेट्स से डील हुई थी।

इसके अलावा एक बडी भर्ती पर के बारें में भी कुछ जानकारी हासिल हुई है, जिसे लेकर एचपीएससी के अधिकारियों को बता दिया गया है, ऐसे में निर्णय सरकार पर छोडा गया हैै, कि वो इस मामलेें में क्या एक्शन लें। क्यों कि रिश्वत देने वाले कैंडीडेट्स की नौकरी तो जाएगी ही जाएगी। इसके अलावा बाकी जिन कैंडीडेट्स ने इमानदारी के साथ ये पेपर दिए हैं। उन्हें कोई नुकसान ना हो। इस बारे में भी सोचा जा रहा है।

Read More : 2017 Padma Shri Wrestlers Demand Bypassed 2017 में जीता था देश के लिए मेडल, अब काट रहे नौकरी के लिए चक्कर

विजिलेंस को कोर्ट में पड़ी फटकार Hpsc Recruitment Fraud Case

मंगलवार को जब नागर और बाकी आरोपियों को पंचकूला कोर्ट में पेश किया गया, तो यहां विजिलेंस की ओर से कहा गया, कि वो हरियाणा के अलग अलग जिलों में आरोपियों को लेकर जाना चाहते हैं। हरियाणा के कई जिलों से कैंडिडेट के साथ डीलिंग की गई थी, जिस पर बचाव पक्ष की ओर से कहा गया, कि अभी तक के पुलिस रिमांड के दौरान आरोपियों को पंचकूला से बाहर नहीं ले जाया गया है। जिस पर कोर्ट ने विजिलेंस के अधिकारियों को डॉक्यूमेंट्स दिखाने के लिए कहा गया, जिस पर वो समय पर फाइल नहीं दिखा पाए, ऐसे में कोर्ट ने विजिलेंस के अधिकारियों को फटकार भी लगाई। वहीं आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

Read More : Nation Indebted Sacrifices of Martyrs : शहीदों के बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा राष्ट्र : डा. बनवारी लाल

ऐसे आया था विजिलेंस के सामने मामला Hpsc Recruitment Fraud Case

असल में हरियाणा विजिलेंस के पास हिसार के रहने वाले नरेंद्र सिंह ने विजिलेंस के पास शिकायत दी थी। बताया गया , कि हरियाणा में एचपीएससी में नौकरी लगवाने के नाम पर बडा खेल हाे रहा है। एचपीएससी के लिए पेपर बनाने वाली, पोर्टल हैंडल करने वाली, पेपर चैक करने वाली जसबीर सिंह सॉफ्टवेयर एजेंसी और उसके कारीदें भर्ती के नाम पर धांधली कर रहे हैं। जिसमें नरेंद्र और उसके तीन दोस्तों ने इस बारें में सबूतों को जुटाया।

ये एजेंसी वर्ष 2012- 2013से एचपीएससी के लिए काम कर रही है, लेकिन वर्ष 2021 में इसकी नीयत पर शक हुआ, तो इसे बदल दिया गया। जिसके बाद ये एजेंसी दोबारा से जुगाड लगाकर काम लेने लगी, अलग अलग कई कंपनियों का नाम रखा गया और काम लिया गया।

Read More : Government Will Buy 5 Lakh Tablets : मुख्यमंत्री ने 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को दी सौगात, जल्द मिलेंगे टैबलेट

कंपनी के कर्मचारी नवीन से किया कॉन्टेक्ट Hpsc Recruitment Fraud Case

नरेंद्र अनुसार उन्होंने इस कंपनी के कर्मचारी नवीन से कॉन्टेक्ट किया। जिसके बाद नरेंद्र, सोमबीर, बृजेश ने नवीन के कहने पर डेंटल सर्जन के कैडीडेट को तलाश करना शुरू किया। दो कैडीडेट की तलाश की गई, प्लानिंग के अनुसार पेपर में 30- 35 सवालाें का जवाब दिया गया, बाकी खाली छोड दिया गया। जिसके बाद एक कैंडीडेट को पास करने और दूसरे को फेल करने की बात हुई। क्यों कि एक ने 30 सवाल सही किए, तो दूसरे के ज्यादा गलत जवाब थे, ऐसे में पेपर को सही करने के बाद वो भी वो मैरीट लिस्ट में नहीं आ रहा था।

तय किए गए एक कैडींडेट के लिए 35 लाख रुपए की बात हुई, जिसके बाद सोमबीर और नवीन ने आपस में बात की। जिसके बाद 20 लाख रुपए की रिश्वत को नवीन ने अशिवनी और एचपीएससी के लिए काम करने वाली एजेंसी के मालिक जसबीर बलहारा के मालिक के नाम पर लिए। ये रुपए लेते हुए विजिलेंस ने उसे रेड हैंड सेक्टर 5से पकडा था। जिसके बाद उसने बताया कि इस पूरे मामलें में अश्विनी ही एचपीएससी के लिए रिजल्ट तैयार करता था, लिहाजा उसका भी इसमें हिस्सा था।

ये हैं रिश्वत देने वाले डैंटल सर्जन कैडीडेंट्स के रोलनंबर Hpsc Recruitment Fraud Case

– जांच के दौरान सामने आया था, कि डैंटल सर्जन कैंडीडेट्स के लिए रुपए लिए गए थे। ऐसे में इन सभी के रोलनंबर पहले ही आ गए थे। रिकॉर्ड के अनुसार रोलनंबर25723, 27420, 24388, 24919, 21438, 21925, 24028, 25494 के कैंडीडेट्स से डीलिंग की गई थी। अब इन कैडीडेट्स पर विजिलेंस जांच की तलवार लटक गई है। क्यों कि इनकी ओर से भी नौकरी लेने के लिए रुपए दिए गए हैं। वहीं एचसीएस के प्री पेपर में 20 – 20 लाख रुपए लेकर पेपर पास करवाया गया था।

इसके अलावा इन आरोपियों ने 40 स्टॉफ नर्स, 4 वीएलडीए, करीब 15-16 एएनएम, के एवज में वर्ष 2021 में करीब 10- 10 लाख रुपए लिए गए थे। वहीं सबसे बडी बात यह है, कि इस पूरे नैक्सेस में शामिल एचसीएस अधिकारी अनिल नागर की आेर से जो रिश्वत के रुपए लिए गए थे, वो उन्होंने अपने एक दोस्त सतीश गर्ग के घर से बरामद किए हैं। जिसमें सेक्टर 4 स्थित मकान नंबर 993 से 66 लाख रुपए बरामद किए गए थे।

Read More : Big Relief To Punjab Auto Drivers सभी जुर्माने माफ : चन्नी

विजिलेंस ने दस्तावेज कब्जे में लिए थे Hpsc Recruitment Fraud Case

सोमवार को भी विजिलेंस की टीम। रिमांड अवधी के द्वौरान एचसीएस अधिकारी अनिल नागर को पंचकूला सेक्टर 4 स्थित हरियाणा लोक सेवा आयोग पहुंची थी। भर्ती फर्जीवाड़े में संलिप्त आयोग के पूर्व उपसचिव अधिकारी अनिल नागर सहित अन्य आरोपियों को लेकर टीम पहुंची थी। एचपीएससी कार्यालय से विजिलेंस की टीम ने दस्तावेज अपने कब्जे में लिए थे।

Also Read : Gallantry Awards 2021 अभिनंदन का वीर चक्र से अभिनंदन

अंकों में हेराफेरी करने के आरोप में किया था गिरफ्तार  Hpsc Recruitment Fraud Case

हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) के एक उप-सचिव और दो अन्य को डेंटल सर्जन भर्ती परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवारों के अंकों में हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। एचपीएससी ने 26 सितंबर को यह परीक्षा आयोजित की थी। 17 नवंबर को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद छापेमारी की गई और भिवानी जिले के नवीन कुमार को 20 लाख रुपये नकद लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था।

Also Read : Agriculture Law जानें 14 सितंबर, 2020 से 19 नवंबर, 2021 तक क्या-क्या हुआ

अश्विनी शर्मा को किया था गिरफ्तार  Hpsc Recruitment Fraud Case

सतर्कता अधिकारियों ने झज्जर जिले के निवासी अश्विनी शर्मा को गिरफ्तार किया था, और उसके घर की तलाशी लेने पर 1.07 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई थी। सतर्कता ब्यूरो ने हरियाणा लोक सेवा आयोग में उप-सचिव अनिल नागर को भी गिरफ्तार किया था।
Read More : One Time Settlement Scheme to Emerge PLDB Bank हरियाणा सरकार ने 31 दिसंबर तक बढ़ाई ओटीएस स्कीम

Also Read : Twin babies असम में जुड़वा बच्चों का जन्म, लेकिन सिर जुड़े हुए

Read More :  Kisan Andolan एक और किसान ने तोड़ा दम


Connect With Us:-  Twitter Facebook
SHARE
ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

Rohtak के गांव सांघी नहर में एक युवक का शव तैरता हुआ मिला
Kalka Jan Ashirwad Rally : सीएम नायब सैनी ने कालका से भाजपा प्रत्याशी शक्ति रानी शर्मा के लिए की मतदान की अपील
Haryana Assembly Elections को लेकर चलाए जा रहे जांच अभियान के दौरान 48.27 लाख की राशि बरामद 
CM Nayab Saini : कांग्रेस ने झूठी घोषणाओं से जनता को बरगलाया तो भाजपा ने उन घोषणाओं को सिद्ध कर दिखाया
Manohar Lal Khattar : तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद करनाल में अलग से बसाया जाएगा आईएमटी शहर
Jind Crime : पत्नी की हत्या कर शव झाड़ियों में फेंकने के दोषी पति सहित चार को उम्र कैद
Varinder (Bulle) Shah : पानीपत शहरी कांग्रेस प्रत्याशी वरिंदर शाह को मिला व्यापारी वर्ग का समर्थन, भाजपा की बढ़ी  चिंता
ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox