अमित शर्मा, पंचकूला:
HSVP Will Earn From Surrender Plots: पंचकूला के बसने का सपना देखने वालों के लिए अच्छी खबर है। आने वाले कुछ दिनों में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) पिंजौर कालका अर्बन कॉम्प्लेक्स के कंई सेक्टरों के प्लॉट्स का ड्रॉ निकालने की प्लानिंग बना रहा है। इसके लिए एचएसवीपी के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर ऑफिस की ओर से प्लानिंग कर ली गई है, लेकिन मार्केट का मूड जानने के लिए एक कदम उठाया गया है।
जी हां, असल में एचएसवीपी (HSVP Will Earn From Surrender Plots) की ओर से हाल ही में होने वाली प्रॉपर्टी ऑक्शन में पिंजौर कालका अर्बन कॉम्प्लेक्स के कुछ प्लॉट्स को ऑक्शन में उतारा जा रहा है। कुछ साल पहले सेक्टर 30 के अलॉट होने के बाद सरेंडर हुए प्लॉट्स को दिंसबर महीने की ऑक्शन में रखा गया है। ताकि लोगों का पिंजौर कालका अर्बन कॉम्प्लेक्स के प्रति रूझान और प्रॉपर्टी मार्केट्स के मूड का पता किया जा सके।
असल में पिंजौर कालका अर्बन कॉम्प्लेक्स के सेक्टर 30 के लिए प्लॉट्स को करीब 5 साल पहले ड्रॉ के जरिए अलॉट किया गया था। जिसके चलते लोगों की ओर से भारी संख्या में आवेदन दिए गए थे। कंई महीनों के बाद इन प्लॉट्स का ड्रॉ निकाला गया था। ऐसे में यहां एचएसवीपी की ओर से डवलपमेंट में देरी की गई, तो छहदर्जन से ज्यादा लोगों ने अपने प्लॉट्स को सरेंडर कर दिया था।
रिकॉर्ड और नियमों के अनुसार जब भी एचएसवीपी की ओेर से किसी भी शहर में नए सेक्टर के लिए प्लॉट्स का आवदेन लिया जाता है। उसके साथ ही नए प्लॉट्स को पब्लिकली किया जाता है, तो उस एरिया के सेक्टर को पूरी तरह से डवलप करना होता है। उसके लिए 36 महीनों का समय तय किया जाता है।
जिसमें एचएसवीपी की ओर से लोगों को अलॉटमेंट लेटर जारी करने के बाद यहां सड़कों से लेकर प्लॉट्स की डिमार्केशन का काम करना होता है। लेकिन यहां पिंजौर कालका अर्बन कॉम्प्लेक्स में लोगों को इन प्लॉट्स का ड्रॉ होने, अलॉटमेंट लेटर मिलने के बाद काफी समय बाद यह किया जा सका। वहीं पिंजौर एरिया में जाम की परेशानी ने भी एचएसवीपी के प्लान में खलल डाला। जिसके चलते प्लॉट्स को सरेंडर किया गया।
एचएसवीपी के पास पिंजौर कालका अर्बन कॉम्प्लेक्स के सेक्टर 30 से करीब छह दर्जन से ज्यादा प्लॉट्स को सरेंडर कर दिया गया था। इसमें वो लोग भी शामिल थे, जिन्होंने कोटे में ये प्लॉट लिए थे। जबकि बाकी लोग वो थे, जिन्होंने एचएसवीपी की ओर से यहां डवलपमेंट में देरी होने के कारण ऐसा कदम उठाया था। यहां सेक्टर 30 में पहुंचने के लिए लोगों को पहले पिंजौर के भयंकर जाम से गुजरना होता था। जिसके कारण भी लोगों का मन इन प्लॉट्स से टूट गया था।
असल में प्लानिंग ये है, कि यहां अब सेक्टर 27, 28 के लिए आवेदन मांगे जाने हैं। जबकि सेक्टर 30 के 901 प्लॉट्स के लिए पहले ड्रॉ किया जा चुका है। लेकिन इसमें से सरेंडर हुए प्लॉट्स को ऑक्शन में शामिल करने का मकसद है, कि यहां मार्केट के मूड और लोगों को रूझान को तय किया जा सके। एचएसवीपी की ओर से प्लानिंग की गई है, कि यहां लोगों को पिंजौर कालका अर्बन कॉम्प्लेक्स के बारे में पता चले। यहां के प्लॉट्स मार्केट्स में घूमे, तो बाकी दो सेक्टरों के लिए अच्छे खासे आवेदन आ सकते हैं।
खास बात यह है, कि अब जिन दो सेक्टरों 27, 28 के लिए आवेदन लिए जाने हैं, जिन दो सेक्टरों की प्रॉपर्टी को पब्लिकली किया जाना है। उन्हें पिंजौर में ही बनाए जा रहे सुखोमाजरी बायपास से रास्ता मिल सकता है। ये बायपास बद्दी के रूट के लिए बनाया गया है। ऐसे में ये बायपास पिंजौर कालका अर्बन काम्प्लेक्स के साथ ही निकल रहा है। ऐसे में एचएसवीपी को उम्मीद है, कि इस से पिंजौर कालका अर्बन कॉम्प्लेक्स को काफी मदद मिल सकेगी।
पिंजौर कालका अर्बन कॉम्प्लेक्स की आने वाली ऑक्शन 7 दिंसबर को है। जिसमें यहां सेक्टर 30 से एक कनाल कैटागिरी में प्लॉट नंबर 1एसपी, 9एसपी, 2पी, 5पी, 7पी, 8पी को शामिल किया गया है। 14 मरला प्लॉट कैटागिरी में 82पी, 133पी को रखा गया है। प्लॉट नंबर 923पी मरला का है। 8 मरला कैटागिरी में 409जीपी, 413जीपी शामिल हैं। जबकि प्लॉट नंबर 493जीपी 6 मरले का है। यहां 54 लाख 97 हजार 100 रुपए से लेकर 2 करोड 3 लाख 15 हजार 400 रुपए का रेट तय किया गया है। इन बेसिक प्राईज पर ही ऑनलाइन बोली लगाई जाएगी।
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