यमुनानगर/देवीदास शारदा: देश के पांच प्रमुख राज्यों में पानी का बंटवारा कर जल आपूर्ति करने वाले हथिनी कुंड बैराज को बचाने के लिए सेंट्रल वाटर एंड पावर रिसर्च स्टेशन पुणे की रिपोर्ट के मुताबिक जल्दी ही कई महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। बैराज 2010 में आए पानी के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। पिछले 10 वर्षों में इसे बचाने के लिए जो कार्य विभाग को करने चाहिए थे वह नहीं किए गए, जिसके चलते अब स्थिति यह उत्पन्न हो गई है कि अगर अगले कुछ समय में इसे बचाने के ठोस प्रयास नहीं किए तो बैराज को भारी नुकसान हो सकता है। बैराज को नुकसान होने से हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश को भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है।
यमुनानगर में स्थित हथिनी कुंड बैराज को बाढ़ के चलते भारी नुकसान हो चुका है। बाढ़ के साथ-साथ अवैध माइनिंग भी हथिनी कुंड बैराज के क्षतिग्रस्त होने का एक बड़ा कारण है। सिंचाई विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि इसे काफी नुकसान हो चुका है। 1999 में बने इस बैराज का रिवर बेड अब तक 12 मीटर नीचे आ चुका है। 2010 में आई बाढ़ के कारण हथिनी कुंड बैराज के आसपास बैराज की सुरक्षा के लिए बनाए गए ब्लॉक बह गए थे। जिससे बैराज के स्ट्रक्चर को भी नुकसान हुआ था। बीते 10 वर्षों में अधिकारियों ने इस बैराज को बचाने के लिए ज्यादा कार्य नहीं किए। लेकिन अब विभागीय अधिकारी बैराज के भविष्य को लेकर चिंतित हैं, जिसके चलते सेंट्रल वाटर एंड पावर रिसर्च स्टेशन पुणे की मदद ली गई है। इस संस्थान द्वारा सिंचाई विभाग को बैराज के संबंध में एक डिटेल स्टडी रिपोर्ट बनाकर भेजी गई है जिसके मुताबिक बैराज की सुरक्षा के लिए तुरंत कई प्रमुख कार्य होने चाहिए। लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों को अभी इस रिपोर्ट का अध्ययन करके कुछ और तकनीकी विचार विमर्श करना है जिसको लेकर विभाग की स्टेट टेक्निकल कमेटी की बैठक होनी है। इस बैठक में प्रदेश के सभी चीफ इंजीनियर, इंजीनियर इन चीफ शामिल होंगे। सिंचाई विभाग के सुपरीटेंडेंट इंजीनियर आर एस मित्तल ने बताया कि यह बैराज 1999 में बनाया बनाया गया था तब से अब तक इस बैराज का रिवर बेड 12 मीटर नीचे आ चुका है जिसके लिए पुणे की सेंट्रल वाटर एंड पावर रिसर्च स्टेशन की स्टडी रिपोर्ट पर काम होना है। उन्होंने कहा कि विभाग के इंजीनियर इन चीफ चाहते हैं कि अगले साल आने वाली बाढ़ से पहले पहले बैराज की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठा लिया जाए ।इसीलिए टेक्निकल कमेटी की बैठक में इन पर विचार वमर्श के बाद कार्य शुरू किया जाएगा।
अंग्रेजों द्वारा बनाया गया ताजेवाला हेड वर्क्स 128 वर्ष तक सेवा देता रहा लेकिन हरियाणा सरकार द्वारा बनाया गया हथिनी कुंड बैराज 21 वें वर्ष में ही ऐसे हालात में पहुंच चुका कि उसकी मरम्मत होना जरूरी हो गया है।इस बैराज का निर्माण 1999 में हुआ था तब 9 जुलाई को तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल ने इसका उद्घाटन किया था। अगर जल्दी ही इसकी मरम्मत व सुरक्षा के लिए ठोस कदम नहीं उठाएंगे तो आने वाले समय में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
नव विवाहित जोड़ों के ऊपर सुदीक्षा महाराज और रमित ने की फूलों की वर्षा India…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Sushma Swaraj Award : महिला एवं बाल विकास विभाग ने उपलब्धि…
अवैध शराब को तस्करी कर बिहार ले जाया जा रहा था India News Haryana (इंडिया…
प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण को लेकर पर सरकार की सख्ती हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट न…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Councillor Hunger Strike : सोनीपत जिला परिषद के अधिकारों की मांगों…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), 'Unique House' Picture Viral : हरियाणा के नूंह जिले के…