किसी वीआईपी के आने से पहले ही गांव वालों ने खुद ही कर दिया ओवर ब्रिज का उदघाटन जींद में जब कई दिन से तैयार रेलवे ओवरब्रिज को प्रशासन ने आवाजाही के लिए नहीं खोला तो गांव वालों ने एक बेटी से रिबन कटवा कर खुद ही ओवर ब्रिज का किया उद्घाटन कर लिया और इसी के साथ ओवरब्रिज का आवाजाही के लिए खोल दिया गया।
जींद के पास गांव पांडु पिंडारा में जींद-पानीपत रेलवे लाइन पर रेल ओवरब्रिज (आरओबी) बीते दस महीने से तैयार था। 12 अगस्त को कंस्ट्रक्शन कंपनी ने ट्रायल भी कर लिया था। सब कुछ ठीक होने के बावजूद पुल को आवाजाही के लिए नहीं खोला गया था। प्रशासन किसी वीआईपी से पुल का उदघाटन करवाने के इंतजार में था। लेकिन ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया, और गांव की बेटी से ही फीता कटवाकर पुल का शुभारंभ कर दिया।
एनएचएआई ने जींद-गोहाना रोड को दस मीटर चौड़ा करने के प्रोजेक्ट का तीन साल पहले टेंडर दिया था। पिंडारा में आरओबी भी उसी प्रोजेक्ट में शामिल था। नवंबर 2019 में यह पुल बनकर तैयार होना था। लेकिन ठेकेदार ने काफी धीमी गति से काम किया। बीच-बीच में महीनों तक काम बंद भी रहा। इससे वाहन चालकों को खूब परेशानी हो रही थी। सबसे ज्यादा परेशानी पिंडारा के ग्रामीणों को हो रही थी। क्योंकि गोहाना की तरफ जाने वाले सभी वाहन पिंडारा गांव के अंदर से गुजर रहे थे। इस कारण बच्चों का गलियों में निकलना बंद हो चुका था। पिंडारा की गलियों में दिन-रात वाहनों की आवाजाही रहती थी। कई बार जाम भी लग जाता था। ग्रामीणों और वाहन चालकों ने ठेकेदार से सर्विस लेन भी बनाने की भी मांग की थी, लेकिन चार महीने पहले ही ठेकेदार ने सर्विस लेन बनाई। ढाई साल तक लोग खूब परेशान रहे। अब पुल तैयार होने के बावजूद वाहनों की आवाजाही नहीं की जा रही थी। ऐसे में रविवार सुबह ग्रामीणों ने नारियल फोड़कर पत्थर हटा दिए और वाहनों की आवाजाही शुरू करवा दी।
ग्रामीणों ने पंच जसविंदर लाकड़ा की बेटी खुशी लाकड़ा के हाथों से रिबन कटवाया और नारियल फोड़कर आरओबी को आम जनता के लिए खोल दिया। ग्रामीणों ने कहा कि पुल बनकर तैयार हो चुका है, फिर भी आवाजाही शुरू नहीं की जा रही थी। आरओबी शुरू होने से लोगों को काफी राहत मिल गई है, और पिंडारा के लोगों ने राहत की सांस ली है। हम आपको बता दे कि यहां के लोग लम्बे समय से इस ओवर ब्रिज के बनने की इंतजार कर रहे थे। लेकिन ओवरब्रिज का निर्माण लेट पर लेट होता जा रहा था। यह ब्रिज नवंबर 2019 में बनकर तैयार होना था। लेकिन यह जाकर अगस्त 2021 में तैयार हुआ। अब 10 दिन से ब्रिज बनकर तैयार था, और प्रशासन किसी वीआईपी के आने का इंतज़ार कर रहा था। लेकिन इंतजार करते करते यहां के लोगों का सब्र का बांध टूट चुका था। और इसी के साथ ही बिना प्रशासन के इंतजार किए खुद गांव के लोगों ने इस ब्रिज का उद्घाटन कर दिया। रिबन काटने की रस्म गांव की ही एक बेटी से करवाई गई।