इशिका ठाकुर, India News Haryana (इंडिया न्यूज), IGNOU : श्रीमद् भागवत गीता को भारत में सबसे बड़े धार्मिक ग्रंथ का दर्जा दिया गया है। लोगों को श्रीमद् भागवत गीता के बताए हुए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया जाता है ताकि वह समाज में एक अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण कर सकें और एक अच्छा इंसान बना सकें। इसी के चलते भारत और विदेशों में कुछ स्कूलों में श्रीमद् भागवत गीता को पढ़ाया जाता है, लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है कि कोई विश्वविद्यालय पहली बार श्रीमद् भागवत गीता में मास्टर डिग्री शुरू कर रहा है।
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के द्वारा श्रीमद् भागवत गीता की मास्टर डिग्री शुरू की गई है। राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) क्षेत्रीय निदेशक चंडीगढ़ डाॅ. नूरुल हसन ने बताया कि इग्नू ने श्रीमद्भागवत गीता में एमए डिग्री प्रोग्राम शुरू किया है। यह ओडीएल मोड में जुलाई 2024 से उपलब्ध है।
अब इस नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी से छात्र श्रीमद्भागवत गीता का ज्ञान ले सकेंगे। इग्नू ने हाल ही में श्रीमद्भागवत गीता को लेकर एमए डिग्री प्रोग्राम शुरू किया है। ये कोर्स ओडीएल मोड में जुलाई 2024 सेशन से ही संचालित होगा। विश्व के किसी भी विश्वविद्यालय में श्रीमद्भागवत गीता को लेकर कोई डिग्री प्रोग्राम नहीं था। यहां तक कि हिंदू यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका में भी सर्टिफिकेट या डिप्लोमा ही संचालित है।
भारत के विभिन्न विश्वविद्यालय में गीता आंशिक रूप से पाठ्यक्रम में तो है किंतु केवल सर्टिफिकेट कोर्स या डिप्लोमा तक ही सारे पाठ्यक्रम सीमित होकर रह गए थे। लेकिन अब इग्नू की तरफ से भगवद्गीता में एमए प्रोग्राम की शुरुआत की गई है।
आप इस कार्यक्रम के माध्यम से श्रीमद् भागवत गीता परिचय एवं विषय प्रवेश, धर्म कर्म एवं यज्ञ, कर्म सन्यास, आत्मसंयम एवं ज्ञान विज्ञान, अक्षरब्रह्म एवं राज विद्या योग, विभूति योग, विश्वरूप दर्शन एवं उपासना,क्षेत्रज्ञ योग, सम्पद, श्रद्धा एवं मोक्ष सन्यास योग, गीता परंपरा एवं अनुप्रयुक्त अध्ययन, भगवद गीता, भाष्य टीका एवं अनुवाद परंपरा में निपुणता हासिल कर सकते है। इस प्रोग्राम का पूरा नाम एमए भगवद गीता अध्ययन (एमएबीजीएस) है। फिलहाल ये प्रोग्राम हिंदी मीडियम में उपलब्ध है। लेकिन आने वाले सालों में इस इंग्लिश मीडियम में भी पढ़ाया जा सकेगा।
इसके अलावा इस प्रोग्राम को विदेशों तक पहुंचाया जाएगा। बीते 3 वर्षों में एमए ज्योतिष, एमए वैदिक अध्ययन, एमए हिंदू अध्ययन, वास्तुशास्त्र में पीजी डिप्लोमा, संस्कृत संभाषण में प्रमाण पत्र कार्यक्रम जैसे कार्यक्रमों का संचालन किया है। वह इन सभी कार्यक्रमों के समन्वयक है। इग्नू में इन सभी में प्रवेश एवं परीक्षा संपन्न हो रहे हैं।
इस कार्यक्रम को करने के लिए छात्रों को 12600 रुपये यानि 6300 रुपये साल की फीस देनी होगा। कोर्स करने के लिए उम्मीदवार का किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से ग्रेजुएट होना आवश्यक है। इच्छुक इग्नू की वेबसाइट इग्नू.एसी.इन पर जाकर 15 जुलाई 2024 तक दाखिला ले सकते है। उन्होंने कहा कि यह 2 साल का मास्टर डिग्री का कोर्स है लेकिन अगर कोई व्यक्ति किसी कारण वंश बीच में पेपर नहीं दे पता तो वह 4 साल के अंदर अपनी मास्टर डिग्री पूरी कर सकता है।
उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत गीता मास्टर डिग्री में जहां गीता के बारे में ज्ञान दिया जाएगा ताकि लोग इस मार्ग पर चलकर समाज में एक अच्छे चरित्र का निर्माण कर सके तो उसके साथ-साथ ही श्रीमद् भागवत गीता मास्टर डिग्री करने से रोजगार भी स्थापित होंगे क्योंकि श्रीमद् भागवत गीता मास्टर डिग्री शुरुआत करने से अन्य विश्वविद्यालय अभी इस कोर्स को शुरू करेंगे जिसके चलते टीचिंग लाइन में एक अच्छा भविष्य है तो वही बहुत से स्कूलों में भी इसको शुरू किया हुआ है और बहुत से ऐसे संस्थान है जो गीता के बारे में पढ़ते हैं ऐसे में वहां पर काम करने के लिए उनका विषय उज्जवल है।
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