प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :
illegal Mining in Yamuna River : यमुना नदी व अन्य के रिवर बेड में माइनिंग का काम नहीं हो सकता। यह नियम है। सिंचाई विभाग व खनन विभाग के अधिकारी भी इसको स्वीकार करते हैं।
उसके बाद भी हैवी मशीनों से यमुना को चीरा जा रहा है। छोटे से लेकर बड़े अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।जिससे उनकी कार्यप्रणाली संदेश के घेरे में है। इतना ही नहीं एनजीटी को भी अधिकारी गुमराह कर रहे हैं।
रोजाना सैंकड़ों गाड़ियां रेत की भर पर यहां से निकलती है। अवैध खोदाई से यमुना नदी की भूगौलिक स्थिति खराब होती जा रही है। दिनरात मशीन चल रही है।
यमुना बचाओ समिति के अध्यक्ष भीम सिंह रावत का कहना है कि यमुना नदी जैसे ही हरियाणा में प्रवेश करती है। इसके स्वरूप को बिगाड़ने का कार्य शुरू हो जाता है।
यमुना नदी के एक साइड में हरियाणा व दूसरी साइड में उत्तर प्रदेश है। सबसे ज्यादा नुकसान यमुना को हरियाणा प्रदेश में पहुंचाया जा रहा है।
यहां पर खनन माफिया का बड़ा गठजोड़ है। इनकी अधिकारियों के साथ मिलीभगत है। शिकायत करने के बाद भी अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। इतना ही नहीं यदि कोई आवाज बुलंद करने की कोशिक करता है तो उसकी आवाज को दबा दिया जाता है।
क्योंकि माफिया हर मामले में मजबूत है। जिस कारण से आम व्यक्ति ने उनके खिलाफ आवाज उठानी बंद कर दी। जिले में यमुना नदी 70 किलोमीटर के एरिया से निकल रही है। illegal Mining in Yamuna River
नियम के मुताबति एक मीटर से ज्यादा खनन नहीं किया जा सकता। यह नियम भी टूट रहा है। इतना ही नहीं रिवर बेड में माइनिंग पर पांबदी है। वन्य व जलीय जीव जंतुओं की सुरक्षा के लिए रात को भी माइनिंग नहीं हो सकती।
क्योंकि वन्य प्राणी पानी के लिए रात को बाहर निकलते हैं। कुछ समय पहले अदालत ने निगरानी के लिए संबंधित थाना प्रभारी व विभाग को सौंपी हुई। उनको वहां पर मौजूद वहानों की संख्या व स्थिति की रिपोर्ट डीसी व एसपी को भेजी होती है।
वहां से रिपोर्ट कोर्ट में पहुंची है। इस दिशा में भी ईमानदारी से काम नहीं हो रहा है। illegal Mining in Yamuna River रावत का कहना है कि यमुना नहीं बचाया गया तो इस पवित्र नदी का अस्तित्व ख्त्म हो जाएगा। सरकार जिले में सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने के लिए कड़े प्रयास कर रही है। इसके लिए करोड़ों का बजट बनाया जा रहा है।
यदि इसी तरह से यमुना नदी में अवैध खनन होती रही तो यह नदी भी हमारे बीच नहीं रहेगी। इससे आने वाली पीढ़ियों को भारी नुकसान होगा। माइनिंग माफिया यमुना में अवैध बांध बनाकर भी खनन करता है।
जिससे दिल्ली में जाने वाली पानी की सप्लाई रुक जाती है। दिल्ली सरकार भी इस बारे में आपत्ति जता चुकी है। उसके बावजूद भी सुधार नहीं हो रहा।
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