India News Haryana (इंडिया न्यूज), Illegal Sale of Firecrackers : सुप्रीम कोर्ट द्वारा हालांकि दीवाली पर सार्वजनिक स्थानों, गलियों और बाजारों में दुकानों पर पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई हुई है लेकिन रोक के बावजूद दीवाली पर आतिशबाजी व पटाखों की आवाज प्रदेश के कई गांवों और गलियों में साफ सुनाई देने लगी है।
समाजसेवी संगठनों, संस्थाओं द्वारा दिवाली पर आतिशबाजी न करने की सलाह तथा इसके नुकसान की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के बावजूद पटाखों की मांग में कमी नहीं आई। पटाखों की मांग को देखते हुए कस्बे व आसपास के गांवों में पटाखों की अवैध बिक्री हो रही है। गली-मोहल्लों में तो परचून की दुकानों पर चोरी छिपे इनकी बिक्री हो रही है।
कुछ लोगों ने गोदाम संचालकों से जुगाड़बाजी करके स्टाॅक कर रखा है तथा अनेक दुकानदार अपना बचा हुआ पुराना स्टाॅक निकालकर उसे बेचने में जुटे हैं। गांव की गली-मोहल्ले में चोरी छिपे बेचे जा रहे पटाखों के आसपास मिट्टी-पानी या आगजनी से निपटने के लिए कोई इंतजाम भी नहीं होते, ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
पटाखा बेचने के लिए प्रशासन द्वारा लाइसेंस जारी किए जाते हैं तथा बिक्री स्थल निर्धारित कर लाइसेंस के लिए ड्रा निकाला जाता है। इसके बावजूद कस्बे व गांवों में बिना लाइसेंस के भी पटाखे बेचे जा रहे हैं। गलियों में स्थित परचून की दुकानों पर भी पटाखे आसानी से मिल रहे हैं।
हर साल की तरह कस्बे के मुख्य बाजारों, मोहल्ला कुम्हारान सहित अनेक गलियों में पटाखा बेचने वालों ने अपनी दुकानों में अवैध रूप से पटाखे रख लिए हैं। साथ ही गली मोहल्लों में अवैध रूप से बेचे जा रहे पटाखे तथा गांव में घरों में बने पटाखों के गोदाम कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकते हैं।
Firecrackers Ban: पटाखों की बिक्री पर लगी रोक, दुकानों पर मिले पटाखे तो होगी सख्त कार्रवाई
अवैध रूप से पटाखा बेचने पर दमकल केंद्र अधिकारी द्वारा एक हजार से दस हजार रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है, जबकि पुलिस विस्फोटक अधिनियम की धारा 4-5 के तहत अवैध रूप से पटाखा बेचने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया जा सकता है, जिसमें आरोपियों को जुर्माने के साथ सजा का भी प्रावधान है।
दीवाली पर्व पर अवैध रूप से पटाखों की बिक्री के कारण हर साल आगजनी की कई घटनाएं होती रहती हैं। गांवों व कस्बों में पटाखों से हर साल किसानों का लाखों रुपये का पशु चारा व फसल जलकर नष्ट हो जाती है। कई लोग भी हादसों का शिकार होकर घायल हो जाते हैं। हर साल कई बच्चे इनकी चपेट में आकर झूलस जाते हैं। पटाखों से दुर्घटना का और भी ज्यादा खतरा होता है, वहीं प्रदूषण का भी खतरा रहता है। प्रशासन को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना के लिए सख्त कदम उठाने चाहिएं ताकि पटाखों की अवैध बिक्री न हो।
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