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Important Step Towards Waste Disposal In Haryana : राज्य में स्थापित होंगे वेस्ट-टू-चारकोल के दो प्लांट

• LAST UPDATED : July 20, 2024
  • गुरुग्राम और फरीदाबाद में लगेंगे हरित कोयला प्लांट, 500-500 करोड़ रुपये की आएगी लागत
  • एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड व हरियाणा सरकार के मध्य हुआ एमओयू
  • केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी रहे मौजूद
  • वेस्ट-टू-ग्रीन कोल प्लांट स्थापित होने से न केवल कचरे की समस्या का स्थायी समाधान होगा, बल्कि ऊर्जा उत्पादन में भी वृद्धि होगी- नायब सिंह सैनी

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Important Step Towards Waste Disposal In Haryana : हरियाणा में कचरे के निस्तारण की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में कचरे से चारकोल बनाने वाले प्लांट स्थापित किए जाएंगे, जिन्हें ग्रीन कोल प्लांट भी कहा जाता है। यह परियोजना अपनी तरह की पहली हरित परियोजना होगी जिसे हरियाणा के फरीदाबाद और गुरुग्राम में स्थापित किया जाएगा।

Important Step Towards Waste Disposal In Haryana : एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए

इसके लिए आज चंडीगढ़ में केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा की उपस्थिति में एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएनएल) तथा नगर निगम, गुरुग्राम और फरीदाबाद के मध्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। नगर निगम फरीदाबाद की आयुक्त ए मोना श्रीनिवास तथा नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त नरहरि सिंह बांगड़ और एनवीवीएनएल की ओर से सीईओ रेनू नारंग ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आज का दिन हरियाणा के लिए बड़ा महत्वपूर्ण दिन है, जब ग्रीन चारकोल बनाने के लिए प्लांट हेतु एमओयू हुआ है। समझौते के अनुसार, एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन), एनटीपीसी लिमिटेड की पूरी तरह से स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत गुरुग्राम और फरीदाबाद में वेस्ट टू चारकोल प्लांट स्थापित करेगी।

Important Step Towards Waste Disposal In Haryana

गुरुग्राम और फरीदाबाद में लगेंगे हरित कोयला प्लांट, 500-500 करोड़ रुपये की आएगी लागत

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम के बंधवाड़ी में तथा फरीदाबाद के मोठूका में लगभग 500 -500 करोड़ रुपए की लागत से हरित कोयला प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इन दोनों प्लांटों में गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों में एकत्रित 1500- 1500 टन प्रति दिन (टीपीडी) कचरे को चारकोल में बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि इन दोनों प्लांटों के लिए गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगमों द्वारा 20-20 एकड़ जमीन दी जाएगी और एनटीपीसी द्वारा जल्द ही जमीनों का कब्ज़ा लेकर प्लांट स्थापित करने का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा, जिनके लगभग 30 माह में पूरा होने की संभावना है। ये दोनों प्लांट पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित होंगे।

गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों में कचरे के ढेर से मिलेगी मुक्ति

नायब सिंह सैनी ने कहा इन संयंत्रों के स्थापित होने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को मूर्तरूप देने में बड़ी मदद मिलेगी, जिससे गुरुग्राम और फरीदाबाद शहर कचरा मुक्त बनेंगे। भविष्य में शहरों में कचरे के ढेर से भी मुक्ति मिलेगी। गुरुग्राम व फरीदाबाद में वेस्ट-टू-ग्रीन कोल प्लांट स्थापित करने से न केवल कचरे की समस्या का स्थायी समाधान होगा, बल्कि ऊर्जा उत्पादन में भी वृद्धि होगी। इस टोरिफाइड चारकोल का उपयोग बिजली उत्पादन संयंत्रों में किया जाएगा, जिससे खनिज कोयले के उपयोग में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि हमारा यह प्रयास शहरी स्वच्छता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने और गुरुग्राम और फरीदाबाद में पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगा।

गुरुग्राम और फरीदाबाद में संयंत्रों के स्थापित होने से कचरा प्रबंधन को मिलेगी मजबूती : विकास गुप्ता

इससे पहले, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता ने परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बढ़ते शहरीकरण के दौर में लगातार कचरे का सृजन भी बढ़ता जा रहा है, जिससे शहरों में कचरे का निस्तारण एक बड़ी चुनौती बन रही है। इसी समस्या के समाधान हेतु मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में हमने इस दिशा में एनवीवीएन के साथ पहल की है। गुरुग्राम और फरीदाबाद में इन संयंत्रों के स्थापित होने से कचरे प्रबंधन को मजबूती मिलेगी।

हरियाणा में स्थापित होने वाले ये दोनों प्लांट भारत में सबसे बड़े होंगे : सीईओ रेनू नारंग

एनवीवीएनएल की सीईओ रेनू नारंग ने वेस्ट-टू-चारकोल प्लांट के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में वाराणसी में एनटीपीसी द्वारा 600 टन प्रतिदिन कचरे से वेस्ट-टू-चारकोल बनाने का प्लांट संचालित किया जा रहा है। हालांकि, हरियाणा में स्थापित होने वाले ये दोनों प्लांट भारत में सबसे बड़े होंगे, जहां प्रतिदिन 1500-1500 टन कचरे से चारकोल बनाया जाएगा। इनकी सफलता के बाद अन्य शहरों में भी इस तकनीक को स्थापित करने का विचार है।

इस पहल का उद्देश्य कुशल अपशिष्ट प्रबंधन रणनीतियों को लागू करना

उल्लेखनीय है कि इस पहल का उद्देश्य कुशल अपशिष्ट प्रबंधन रणनीतियों को लागू करना है, जिसमें बेहतर संग्रह, रीसाइक्लिंग और निपटान के तरीके शामिल हैं। इस साझेदारी का केंद्र ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में शामिल हितधारकों के बीच ज्ञान का आदान-प्रदान करना व अधिकारियों और पेशेवरों को विशेषज्ञता और उपकरणों के साथ सशक्त बनाकर स्थानीय निवासियों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ शहरी वातावरण बनाना है। इस अवसर पर मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, हरियाणा पॉवर जेनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मोहम्मद शाइन, नगर निगम फरीदाबाद की आयुक्त ए मोना श्रीनिवास, नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त नरहरि सिंह बांगड़ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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