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karnal Sex Ratio 2024 : लिंगानुपात में सुधार, हरियाणा में चौथे नंबर पर रहा करनाल, 1000 लड़कों पर 926 लड़कियां

India News Haryana (इंडिया न्यूज), karnal Sex Ratio 2024 : हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार करने के लिए हरियाणा सरकार और स्वास्थ्य विभाग लगातार मिलकर काम कर रहा है। इसके अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं। सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि बेटा-बेटी एक समान होते हैं, इसलिए बेटी को गर्भ में न मारें, बल्कि उसको जन्म देकर पढ़ा लिखाकर एक काबिल इंसान बनाएं। बावजूद उसके कुछ लोग बेटा और बेटी में फर्क करते हैं और गर्भ में ही बेटी को मार देते हैं लेकिन प्रदेश का जिला करनाल लिंगानुपात में पिछले वर्ष की अपेक्षा सुधार देखने को मिला है।

karnal Sex Ratio 2024 : राज्य में चौथे नंबर पर है लिंगानुपात में करनाल

डॉ. शीनू चौधरी डिप्टी सिविल करनाल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग सरकार के साथ मिलकर लिंगानुपात को बेहतर करने के लिए काम कर रहा है और इसी के चलते अच्छे परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। करनाल में पिछले वर्ष लिंगानुपात 1000 लड़कों पर 926 लड़कियां पैदा हुईँ जिसके चलते पूरे प्रदेश में करनाल लिंगानुपात में चौथे नंबर पर आया।

पिछले तीन साल में लिंगानुपात में करनाल में हुआ सुधार

पिछले तीन साल में करनाल में लिंगानुपात में काफी सुधार देखने में आया है। अगर वर्ष 2022 की बात करें तो उसमें हमारा लिंग अनुपात 1000 लड़कों पर 903 लड़कियां ने जन्म लिया था। 2023 में 1000 लड़कों पर 908 लड़कियों ने जन्म लिया था, जबकि इस वर्ष यह बढ़कर 926 हो गया है जो पहले से काफी अच्छा है और स्वास्थ्य विभाग के परिणाम काफी सार्थक सिद्ध होते हुए दिखाई दे रहे हैं।

लिंग जांच पर स्वास्थ्य विभाग सतर्क, गर्भवती महिलाओं को दिया जा रहा MCTS नंबर

लिंग जांच करने वाले लोगों पर स्वास्थ्य विभाग की नजर बनी रहती है वहीं जो गर्भवती महिलाएं हैं, उनके ऊपर भी स्वास्थ्य विभाग की नजर बनी रहती है। इसके लिए आशा वर्कर गांव-गांव जाकर काम कर रही हैं। 1000 जनसंख्या पर एक आशा वर्कर काम करती है।

इसका विशेष तौर पर यह काम होता है कि जो भी महिला गर्भवती हो, वह 3 महीने के अंदर स्वास्थ विभाग के रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराए वहां से उसको MCTS नंबर दिया जाता है और उस नंबर के आधार पर ही वह कहीं प्राइवेट हॉस्पिटल में अपना इलाज करवा पाती है। महिला के पास नंबर नहीं होगा तो उसकी जांच नहीं हो पाएगी, यह स्वास्थ्य विभाग का काफी अच्छा एक कदम है। जिसका नाम काफी अच्छा निकल रहा है और अनुमान लगाया जा रहा है कि इसी के चलते हमारे लिंगानुपात में पहले से सुधार हुआ है।

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लिंग जांच करने वाले लोगों पर की गई कार्रवाई

उन्होंने बताया कि जो लोग गर्भ में लिंग की जांच करवाते हैं, उनके ऊपर भी स्वास्थ्य विभाग की टीम रेड कर कार्रवाई करती है। डिप्टी सिविल सर्जन की अगुवाई में टीम कार्रवाई करती है। वर्ष 2021 में 10 मामलों में रेड करके उनके ऊपर कारवाई की गई तो वहीं 2022 में भी 10 लोगों के ऊपर कार्रवाई की गई। वर्ष 2023 में तीन मामले सामने आए थे, जिनके ऊपर कार्रवाई की गई है। इन सभी रेड में तीन रेड को छोड़कर सभी सफल हुई थी और उनके ऊपर मामला दर्ज करके कार्रवाई की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि करनाल के असंध ब्लॉक में लिंगानुपात सबसे कम है, बाकी सभी ब्लॉकों में पहले से सुधार है।

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बेटा और बेटी में कोई फर्क न करें

वहीं लिंगानुपात में सरकार और स्वास्थ्य विभाग हरसंभव प्रयास कर रहा है कि इसमें सुधार हो सके, लेकिन कहीं न कहीं लोगों को भी इस बात को समझना होगा कि बेटा और बेटी में कोई फर्क न करें, तभी लिंगानुपात में सुधार होगा। जितना अधिकार बेटे को है उतना ही अधिकार जीने का बेटी को भी है, इसलिए उसको गर्भ में न मारें, बल्कि उसको जन्म देकर एक काबिल इंसान बनाएं।

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Amit Sood

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