होम / Improving Maternal and Child Mortality : जच्चा-बच्चा मृत्यु दर में सुधार, सर्वे में आया सामने

Improving Maternal and Child Mortality : जच्चा-बच्चा मृत्यु दर में सुधार, सर्वे में आया सामने

• LAST UPDATED : November 27, 2021

इंडिया न्यूज, चण्डीगढ़:

Improving Maternal and Child Mortality : हरियाणा में डिलीवरी के दौरान पहले जच्चा व बच्चा की मौत का आंकड़ा काफी ज्यादा था जिसमें अब काफी हद तक सुधार आ रहा है। कई तरह की बीमारी के चलते दोनों की मृत्यु की चांसेस ज्यादा थे जिनको ना केवल कम किया गया है। बल्कि धरातल पर भी दोनों को मोर्टेलिटी रेट (मृत्यु दर) में कई गुना तक कमी आई है। इसको सरकार व स्वास्थ्य विभाग की बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है।

Read More : Mr America 2021 Winner : बॉडीबिल्डर बनने के लिए जानवरों को मारकर खाने की जरूरत नहीं : भरत

बता दें कि गत दिनों राष्ट्रीय स्वास्थ्य टीम ने प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से सबसे बेहतरीन व पिछड़े जिलों के अस्पतालों का भी दौरा किया है। वहां भी इसकी पुष्टि हुई है कि जच्चा व बच्चा मृत्यु दर के आंकड़ों पहले की तुलना में कहीं ज्यादा कमी दर्ज की गई है। बता दें कि नेशनल हेल्थ मिशन, हरियाणा द्वारा जच्चा-बच्चा को लेकर कई स्कीम चलाई जा रही हैं, जिसमें टीकाकरण, डिलीवरी, उनको घर आशा वर्कर की निरंतर विजिट, इम्यूनाइजेशन समेत कई तरह के कार्यक्रम हैं।

Read More : HAU Hisar : एचएयू के वैज्ञानिकों ने एक और उपलब्धि की हासिल

फतेहाबाद-नूंह में राष्ट्रीय टीम ने किया दौरा Improving Maternal and Child Mortality

हरियाणा के स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से सबसे बेहतर फतेहाबाद व पिछले नूंह जिलों में नेशनल टीम ने दौरा किया। इसमें जच्चा-बच्चा के लिहाज से हर स्वास्थ्य सेवाओं का रिव्यू किया गया। दोनों जिलों में जिला अस्पतालों, सब डिस्ट्रिक्ट अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी, सब सेंटर, यूपीएचसी, स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट, न्यूट्रीशनल रिहैबिलेशन सेंटर और डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर का दौरा किया गया।

Read More : International Gita Mahotsav 2021 : अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में राज्य स्तर पर होंगी प्रतियोगिताएं

दोनों जिलों में स्थिति सुधरी Improving Maternal and Child Mortality

यूं तो प्रदेश के सभी जिलों में जच्चा बच्चा मृत्यु दर में कमी आई ही है, साथ में उनके लिए स्वास्थ्य संस्थानों में सुविधाएं भी बढ़ी हैं। वहीं दें कि अगर फतेहाबाद की बात करें हर एक हजार पर पांच साल के कम आयु के 39 बच्चों की मृत्यु हो रही है। तो वहीं इसी वर्ग में फतेहाबाद में ये आंकड़ा 31 है। वहीं 12 महीने से कम आयु कैटेगरी में नूंह में 32 बच्चों की मौत हो रही है औऱ फतेहाबाद में ये आंकड़ा 28 है। वहीं 28 दिन से आयु के बच्चों की बात करें तो नूंह में ये आंकड़ा 18 है और फतेहाबाद में 21 है। इस वर्ग में नूंह में फतेहाबाद से भी बेहतर परफॉर्म किया है।

Read More :Youth Injured in Accident Died : सड़क दुर्घटना में घायल युवक ने तोड़ा दम

एनएचएम को खर्च कम करने को कहा Improving Maternal and Child Mortality

ये भी सामने आया है कि कि नेशनल हेल्थ मिशन, हरियाणा को नसीहत दी गई है को वो अपने अतिरिक्त खर्च को नियंत्रित करे। इसको राशि को जच्चा-बच्चा के लिए चलाई जाने वाली अन्य स्कीमों में इस्तेमाल करे। बता दें कि हरियाणा में एनएचएम का सालाना बजट करीब 900 करोड़ है।

Read More : Jagriti Yatra 2021 : जागृति यात्रा में 2000 से अधिक महिलाओं को किया जागरूक

सभी जिलों में 5 साल के कम आयु वाले 1 हजार पर 78 की मौत होती थी, अब आंकड़ा 31 Improving Maternal and Child Mortality

अगर शिशु मृत्यु दर की बात करें तो 5 साल से कम आयु के बच्चों में हर 1 हजार बच्चों में से 2005 में 78 की मृत्यु हो जाती थी। इसके बाद साल 2012 में ये आंकड़ा घटकर 48 रह गया। इसके बाद 2018 में ये आंकड़ा 36 पर आ गया। इसके बाद 12 महीने से कम आयु के शिशु की बात करें तो 2015 में हर एक हजार पर 60 बच्चों की मौत हो जाती थी। फिर साल 2012 में ये संख्या 42 रह गई है। वहीं 2018 में मरने वाले बच्चों की संख्या महज 30 रह गई।

Read More : Moolchand Decided हरियाणा रोडवेज के बेड़े में 500 नई बसें और खरीदेंगे : मूलचंद

28 दिन की आयु के बच्चों की मौत के आंकड़ों में भी कमी आई Improving Maternal and Child Mortality

वहीं 28 दिन से कम आयु के बच्चों की बात करें यो 2005 में हर 1000 में से 35 की मौत हो रही थी। इसके बाद 2012 में आंकड़ा 28 और 2018 में 22 रह गया। ऐसे में साफ है कि 5 साल से कम आयु के बच्चों में 50 फीसद से भी ज्यादा की कमी दर्ज की गई है।

Read More : 2017 Padma Shri Wrestlers Demand Bypassed 2017 में जीता था देश के लिए मेडल, अब काट रहे नौकरी के लिए चक्कर

जच्चा की मौत के आंकड़ों में करीब 33 फीसद की कमी Improving Maternal and Child Mortality

ये भी सबके लिए राहत की बात है कि पहले डिलीवरी के दौरान या बाद में साल 2004-06 में हर 10000 हजार पर 186 माताओं की मौत हो जाती थी। इसके बाद 201-12 में आंकड़ा 146 था। पिर साल 2016-18 आंकड़ा 91 रह गया। ऐसे में साफ है कि जच्चा की मौत में करीब 33 फीसद तक की कमी आई है। ये बता दें कि सर्वे हर तीन साल के बाद होता और नया सर्वे हुआ नहीं है तो ऐसे उपरोक्त आंकड़ों का नवीनतम माना जाता है।

Read More : IG Bharti Arora Again Sought VRS : आईजी ने फिर मांगी वीआरएस, गृहमंत्री ने किया मंजूर

Read More : Government Will Buy 5 Lakh Tablets : मुख्यमंत्री ने 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को दी सौगात, जल्द मिलेंगे टैबलेट

Read More :  Kisan Andolan एक और किसान ने तोड़ा दम

Connect With Us:-  Twitter Facebook