India News Haryana (इंडिया न्यूज), HSGMC : शिरोमणि अकाली दल (अजाद) के प्रधान एवं हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के धर्म प्रचार चेयरमैन जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के चुनाव में सभी वार्डों पर केवल एक ही प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे और वही सर्वसम्मति से विजयी घोषित हो।
इस मुद्दे को लेकर संत-महापुरुषों के आदेशों पर आज धर्मनगरी में सुशोभित ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी में एक अति महत्वपूर्ण सभा हुई, जिसमें सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर भी लगाई। हरियाणा कमेटी के हैड ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जत्थेदार दादूवाल ने कहा कि चुनाव को लेकर संत-महापुरुषों के विचारों अनुसार सभी वार्डों पर धर्म व गुरमत से जुड़े लोगों को ही प्रत्याशी बनाने पर सहमति बनी है।
इस प्रस्ताव को लेकर 24 दिसंबर को फिर से कुरुक्षेत्र में एक अहम बैठक रखी गई है। इस मौके पर उनके साथ हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध व अन्य कई मैंबर मौजूद थे। आज की बैठक में संत महापुरुष बाबा जोगा सिंह तरावड़ी वाले, बाबा गुरमीत सिंह ढाचर, बाबा दिलबाग सिंह श्री आनंदपुर साहिब वाले, दविंदर सिंह इसराना साहिब, मेहर सिंह निमनाबाद, बाबा जोगा सिंह नबियाबाद वाले, श्री अकाल तखत साहिब जी के जत्थेदार के सलाहकार सरबजीत सिंह सोहल, जत्थेदार जगतार सिंह हवारा के धर्म पिता बापू चरण सिंह सहित अधिवकता व अन्य बुद्धिजीवी मौजूद रहे। जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा चुनाव आयोग के आयुक्त एचएस भल्ला साहिब द्वारा चुनाव लडऩे वाली पंथक पार्टी के नाम में अकाली या शिरोमणि शब्द हटाने का विरोध किया।
उन्होंने कहा कि अकाली शब्द व शिरोमणि शब्द सिख कौम के इतिहास से जुड़ा है। सिख कौम की गुरु मर्यादा व गुरमत इतिहास से जुड़ा है, यह हमारे धर्म, गुरु मर्यादा व परंपराओं में दखलंदाजी है, जो कि हमें मंजूर नहीं है। इसलिए आज सभा में मौजूद सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति प्रस्ताव पास करते हुए चुनाव आयुक्त से अपील की कि वे पार्टी के नाम अकाली शब्द को स्वीकार किया जाए।
उन्होंने कहा कि आज इन शब्दों पर ऐतराज जताते हुए पार्टी को पंजीकृत करने से मना किया जा रहा है, तो आने वाले समय में सिख व खालसा शब्द के प्रयोग पर भी मनाही की जा सकती है, जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि चुनाव आयुक्त से जब प्रतिनिधिमंडल ने इस बारे में लिखित आदेश जारी करने की अपील की गई, तो वे मान गए। अब पार्टी द्वारा इस बाबत कानूनी विशेषज्ञों से बातचीत की जाएगी। उन्होंने पहले से बनी पंथक पार्टियों द्वारा गुरुद्वारा चुनाव आयोग के इस फैसले के आगे घुटने टेकने पर हैरानी जताई।
उन्होंने कहा कि यह ऐतराज योग्य है। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए कुछ लोगों ने अलग दल का गठन कर लिया। यहां तक शिरोमणि अकाली दल द्वारा भी हरियाणा कमेटी के चुनाव लड़ने के लिए हरियाणा सिख पंथक दल बना लिया है। मगर शिरोमणि अकाली दल (आजाद) इसका विरोध करता है। इसके साथ ही संत महापुरुषों द्वारा सभी 40 वार्डों पर धर्म से जुड़े सिख शख्सियतों को चुनाव मैदान में उतारने के प्रस्ताव पर भी सभी सहमति जताई है, जिसके लिए 24 दिसंबर को फिर से बैठक बुलाई गई है।
जत्थेदार दादूवाल ने चुनाव आयोग से नामांकन भरने की तिथि को आगे बढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि अभी शहीदी दिहाड़े चल रहे हैं और नामांकन भरने की तिथि शहीदी सप्ताह के दौरान आती है, इसलिए चुनाव आयोग व प्रदेश सरकार को यह तिथि आगे बढ़ाते हुए नामांकन का समय दिया जाए। उन्होंने कहा कि शहीदी सप्ताह मनाया जाएगा या फिर नामांकन भरा जाएगा। इसलिए सरकार को नामांकन की तिथि 28 दिसंबर से आगे बढ़ा देनी चाहिए, चुनाव भले ही 19 जनवरी को करवाए जाएं। इसके साथ ही अकाली शब्द को स्वीकार किया जाए। यही नहीं, उन्होंने भारतीय चुनाव आयोग के पास पंजीकृत राजनीतिक दलों को यह चुनाव लड़ने की अनुमति न देने के फैसले का भी स्वागत किया।
हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध ने कहा कि एचएसजीएमसी के चुनाव को लेकर संत-महापुरुषों जो भी आदेश करेंगे, उसकी अनुपालना की जाएगी। सर्वसम्मति से चुनाव लड़ने की बात पर उन्होंने कहा कि यदि संत-महापुरुष उनकी बजाए कोई अन्य प्रत्याशी मैदान में उतारते हैं, तो वे स्वयं चुनाव से पीछे हट जाएंगें। उन्होंने पूर्ण भरोसा दिलाया कि यदि सर्वसम्मति से चुनाव प्रत्याशी उतारे जाते हैं, तो वे अपना पूरा सहयोग देंगें। एक प्रश्न के उत्तर में जत्थेदार असंध ने कहा कि वे सभी संत-महापुरुषों से अपील करते हैं कि वे चुनाव लड़ने की इच्छुक पार्टियों से इस बारे में संपर्क करके बातचीत करें और सभी वार्डों से सर्वसम्मति से ही चुनाव करवा लिए जाए।