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Inld Parivartan Padyatra Day 85 : भाजपा ने एचपीएससी और एचएसएससी दोनों संस्थाओंं को नौकरी बेचने की संस्था बना दिया: अभय 

  • एचसीएस-एलाइड सर्विस भर्ती परीक्षा में एचपीएससी द्वारा 32 प्रश्न 10 महीने पहले हुई परीक्षा में आए प्रश्न-पत्र से ज्यों के त्यों देकर बड़ा गड़बड़झाला किया 

  • एचपीएससी को तुरंत भंग किया जाए और सरकारी नौकरियों की भर्ती में हुई धांधलियों के जितने भी मामले अब तक आए हैं सभी की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में सीबीआई से करवाई जाए

India News, इंडिया न्यूज, Inld Parivartan Padyatra Day 85, चंडीगढ़ : इनेलो की परिवर्तन पदयात्रा को प्रदेशभर में काफी समर्थन मिल रहा है। यात्रा के दौरान कई लोग इनेलो के साथ जुड़े हैं। इस दौरान हिसार में यात्रा के समय इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने एचपीएससी द्वारा 21 मई को करवाई गई एचसीएस-एलाइड सर्विस भर्ती परीक्षा पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि एचपीएससी द्वारा 32 प्रश्न 10 महीने पहले हुई परीक्षा में आए प्रश्न-पत्र से ज्यों के त्यों देकर बड़ा गड़बड़झाला किया जबकि पेपर में 33 प्रतिशत अंक लेने वाला अभ्यर्थी सीसेट टेस्ट को क्वालिफाई कर लेता है। इससे पहले भी जनवरी में हुई वेटरनरी सर्जन की परीक्षा में ऐसे ही प्रश्नों को शामिल किया गया था जो पहले की परीक्षा में आ चुके थे।

गठबंधन सरकार ने घोटालों और भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़े

वहीं अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा गठबंधन सरकार ने घोटालों और भ्रष्टाचार के सारे रिकाॅर्ड तोड़ दिए हैं। अब भाजपा सरकार द्वारा पेपर लीक करने यह नया तरीका निकाला गया है। सरकारी नौकरी देने के लिए सरकार के पास एचपीएससी और एचएसएससी दो संस्थाएं हैं, जिसमें से एचपीएससी संवैधानिक और एचएसएससी वैधानिक संस्था हैं।

दोनों संस्थाओं को निष्पक्षता से एक दायरे में रहकर अपना कार्य करना पड़ता हैं लेकिन भाजपा ने दोनों संस्थाओंं को नौकरी बेचने की संस्था बना दिया है। इससे पहले भी सरकारी नौकरी देने के नाम पर लोगों से लिए करोड़ों रुपए एचपीएससी के उप-सचिव अनिल नागर के सरकारी दफ्तर में पकड़े गए थे। आयोग की धांधलियों के कारण हजारों नौकरियां कोर्ट में अटक गई हैं।

एचपीएससी के चेयरमैन आलोक वर्मा का घेराव

वहीं इनेलो नेता ने एचपीएससी के चेयरमैन आलोक वर्मा को भी घेरते हुए कहा कि वर्मा का हमेशा विवादों का साथ रहा है। आलोक वर्मा मुख्यमंत्री के निजी सचिव रहे हैं और उस समय भी इनकी नियुक्ति संदेह के घेरे में थी। उससे पहले 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने आलोक वर्मा को हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड का निदेशक नियुक्त किया था जिसको उच्च न्यायालय ने गलत ठहराया था। उन्होंने कहा कि एचपीएससी को तुरंत भंग किया जाए और सरकारी नौकरियों की भर्ती में हुई धांधलियों के जितने भी मामले अब तक आए हैं सभी की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देख-रेख में सीबीआई से करवाई जाए।

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Amit Sood

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