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INLD Taunt on Opposition : इनेलो की रैली में कांग्रेस के न आने पर और जजपा की रैली में आई भीड़ पर मचा घमासान

  • रैली में कांग्रेस के न आने के पीछे इनेलो ने हुड्डा को ठहराया जिम्मेदार

India News (इंडिया न्यूज़), INLD Taunt on Opposition, चंडीगढ़ : इनेलो के पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल की 110वीं जयंती पर कैथल में रैली का आयोजन किया गया, जिसमें पार्टी की धुर विरोधी रही कांग्रेस को भी बुलावा भेजा गया, लेकिन कांग्रेस से कोई नहीं गया। इनेलो ने सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण दिया था, लेकिन पार्टी का राज्य नेतृत्व लगातार इनेलो का विरोध कर रहा था और माना जा रहा है कि इसके चलते ही ऐसा हुआ।

जैसी कि उम्मीद जताई जा रही थी, न तो पार्टी हाईकमान से कोई आया और न ही प्रदेश नेताओं में से किसी ने रैली में शिरकत की। इनेलो लगातार कह रही है कि वो कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहती है, लेकिन इसके विपरीत भूपेंद्र सिंह हुड्डा शुरू से कह रहे हैं कि पार्टी को गठबंधन की कोई जरूरत नहीं। ऐसे में कांग्रेस के किसी नेता के रैली में शिरकत न करने से कहीं न कहीं इनेलो रोष में है। अब एक बार फिर इनेलो और कांग्रेस में इनेलो की तरफ से तल्खी बढ़ी है।

हुड्डा को लेकर इनेलो में काफी गुस्सा

जिस तरह से इनेलो ने कांग्रेस हाईकमान को रैली के लिए निमंत्रण दिया था, उसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाने का सिलसिला शुरू हो गया था। चूंकि हरियाणा कांग्रेस में काफी समय से भूपेंद्र सिंह हुड्डा का ही डंका बज रहा है तो कांग्रेस के किसी नेता के रैली में शिरकत नहीं करने से कहीं न कहीं ये राजनीतिक संकेत गया है कि आखिरकार पार्टी हाईकमान को भी हुड्डा की माननी पड़ी। कांग्रेस के रैली में न आने के चलते कहीं न कहीं इनेलो का हुड्डा के प्रति गुस्सा बढ़ा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पार्टी हाईकमान को भी हुड्डा के कद का काफी अहसास है। आने वाले चुनावों को देखते हुए पार्टी हुड्डा की अनदेखी करने की स्थिति में नहीं है।

क्या कांग्रेस का रैली में न आना इनेलो के लिए झटका

इनेलो लगातार कह रही कि साल 2019 की तुलना में पार्टी लगातार मजबूत हुई है और इसका जनाधार बढ़ा है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को रैली में बुलाने के बावजूद किसी भी पार्टी नेता का न पहुंचना इनेलो के लिए किसी झटके से कम नहीं है। इनेलो पिछले करीब 2 दशक से बुरे दौर से गुजर रही है। पार्टी को उम्मीद है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन कर पार्टी खुद को मजबूत कर सकती है।

ये भी बता दें कि केसी त्यागी और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी कहा कि भाजपा को अलग-थलग रहकर हराया नहीं जा सकता।  भाजपा को हराने के लिए सभी दलों को साथ आना होगा। केसी त्यागी और अब्दुल्ला का सीधा इशारा कांग्रेस की तरफ था कि वो भी इनेलो के साथ हरियाणा में गठबंधन कर ले। चूंकि रैली में कांग्रेस से कोई नहीं आया है तो कहीं न कहीं ये इनेलो के पक्ष में ठीक रहने वाला पहलू नहीं कहा जा सकता।

हुड्डा बोले-इनेलो खोए जनाधार को पाने की जुगत में

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इनेलो के इंडिया गठबंधन में शामिल होने या न होने पर कहा कि उन्होंने न तो किसी का विरोध किया है और न ही समर्थन। फिलहाल उनसे किसी ने इसके बारे में नहीं पूछा, अगर कोई पूछेगा तो जवाब देंगे। इनेलो अपनी राजनीतिक धरती और खोया जनाधार तलाश रही है। सबको अपनी खोई हुई राजनीतिक धरती को तलाश करने का अधिकार है। इनेलो के अभय सिंह चौटाला के हुड्डा के प्रति नरम रुख के पीछे स्पष्ट तौर पर सियासी कारण ही हैं, लेकिन दूसरी तरफ हुड्डा भी सियासी माइलेज और अपनी वर्तमान स्थिति को देखते हुए इनेलो से दूरी बनाकर चल रहे हैं।

इनेलो बोली-हमारी नहीं कांग्रेस की सियासी जमीन खोई है, आपसी कलह हावी

वहीं रैली में न आने के बाद कांग्रेस पर इनेलो भी जमकर हमलावर है। इनेलो के राष्ट्रीय महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इनेलो की सियासी जमीन नहीं दरकी है। कांग्रेस खुद अपनी खोई सियासी जमीन तलाश रही है। हर किसी को पता है कि हरियाणा में कांग्रेस की क्या हालत है। पार्टी के अंदर नेताओं के अंदर का आपसी कलह खत्म नहीं होने का नाम नहीं ले रहा। कांग्रेस चाहकर भी इस कलह को खत्म नहीं कर पा रही। हुड्डा पर्दे के पीछे रहकर भाजपा की मदद कर रहे हैं।

इनेलो और जजपा में भी घमासान, इनेलो बोली-झूठ बोलकर रैली में लोगों को ले गए

वहीं इनेलो और जजपा की 25 सितंबर को हुई रैलियों के बाद निरंतर चर्चा है कि दोनों की रैली सफल रही या फ्लॉप। साथ ही निरंतर चर्चा है कि जजपा और इनेलो की रैली में कितनी भीड़ रही। दोनों ही पार्टियो सफल रैली के आयोजन का दम भर रही हैं। वहीं दूसरी तरफ बुधवार को अभय चौटाला ने कहा कि सबको पता है कि जजपा की राजस्थान के सीकर में हुई रैली में कितनी भीड़ रही।

पंचकूला से लोगों को झूठ बोलकर सीकर रैली में ले जाया गया। उन्होंने बाकायदा सीकर ले जाने का पैकेज भी ऑफर किया गया। उन्होंने कहा कि लोगों को ये भी झूठ बोला गया कि उन्होंने धार्मिक स्थलों के दर्शन करवाए जाएंगे। ऐसे में मामले की इंक्वारी की जानी चाहिए।

जजपा की महिला प्रधान सरबजीत कौर ने कहा कि ऑपोजिशन उनके विस्तार से बौखला चुका है, जिस कारण उन्हें बदनाम किया जा रहा है। यह लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं, बल्कि विपक्ष की सोची-समझी चाल है। हमने ये जरूर कहा था कि समय रहा तो खाटू श्याम दर्शन जरूर कराएंगे, वो कराए भी हैं।

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Amit Sood

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