इंडिया न्यूज, कुरुक्षेत्र :
International Gita Mahotsav : लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि गीता किसी भाषा, प्रांत, धर्म की नहीं बल्कि संपूर्ण मानवता का ग्रंथ है। यह ग्रंथ हमारे जीवन की पाठशाला है। हम इसे पढ़कर अपने जीवन की सही राह पर बढ़ सकते हैं। यह हमें जीवन जीने का रास्ता बताती है।
लोकसभा अध्यक्ष शनिवार को कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंचे थे। इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी मौजूद रहे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सबसे पहले गीता ज्ञान संस्थानम में पहुंचकर जीयो गीता सभागार का लोकार्पण किया।
इसके बाद गीता ज्ञान संस्थानम और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित छठी अंतरराष्ट्रीय विचार गोष्ठी को संबोधित किया। इस मौके पर बोलते हुए श्री ओम बिड़ला ने कहा कि हरियाणा की ऐतिहासिक भूमि कुरुक्षेत्र पूरे विश्व को जीवन जीने का मार्गदर्शन कर रही है।
स्वयं महात्मा गांधी मानते थे कि जैसे हमें मां पालती है, उसी तरह पवित्र ग्रंथ गीता हमें नई प्रेरणा देता है। व्यक्ति के जीवन में अंधकार या कठिनाई होती है तो गीता हमें राह दिखाती है। गीता के छोटे से सार को पढ़ने के बाद हमारे जीवन के हर संशय को दूर किया जा सकता है।
बिड़ला ने कहा कि हमें चुनौतीपूर्ण और संघर्षपूर्ण जीवन जीना है तो पवित्र ग्रंथ गीता पढ़नी चाहिए। महाभारत में भी जब अर्जुन संशय में थे तो भगवान श्री कृष्ण ने गीता का संदेश दिया था। 5 हजार वर्ष बाद भी गीता का सार प्रासंगिक है। व्यक्ति सामाजिक जीवन में कठिनाई में उलझता है तो गीता से राह मिलती है।
कर्मयोग में लिखा है कि मनुष्य को कर्म करना चाहिए। यदि व्यक्ति कर्म को कर्तव्य मानकर चलेगा तो लक्ष्य की प्राप्ति होगी। कई बार लक्ष्य की प्राप्ति न होने पर निराशा भी होगी लेकिन पवित्र ग्रंथ गीता हमारी निराशा को खत्म करने का काम करती है।
ओम बिड़ला ने कहा कि आज के डिजिटल युग में नौजवान बौधिक रूप से क्षमतावान है और विश्वभर में नेतृत्व कर रहे हैं, यदि उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान भी हो जाए तो जीवन सही दिशा में चलेगा।
हमें अपने जीवन में गीता का संदेश अपनाना चाहिए। ओम बिड़ला ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद को अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव को देश और विदेशों तक पहुंचाने के लिए बधाई दी।
उन्होंने कहा कि जियो गीता संस्थान हर घर में गीता के ज्ञान को पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। भगवान श्री कृष्ण और गीता पर व्यापक शोध के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। यह अत्यंत सराहनीय कदम है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि भारत भगवान राम की धरती है, यहां इतने वर्षों बाद भी भगवान राम के जीवन आदर्श जीवन जीने की राह दिखाता है।
यह भगवान श्री कृष्ण की धरती है जो कर्म करने की राह दिखाती है। यहां से भगवान बुद्ध ने विश्वभर को करूणा, कृपा, दया व प्रेम के भाव को दिखाया। तभी भारत विश्वगुरु कहलाता है।
श्री ओम बिड़ला ने कहा कि आजादी के आंदोलन में श्रीमद्भगवद्गीता का योगदान रहा। आजादी के आंदोलन में शामिल शहीदों ने गीता से कर्म करने और लड़ने की प्रेरणा ली।
आज भी हजारों वर्षों पुराना गीता का ज्ञान हमारे जीवन में प्रासंगिक है। हर व्यक्ति गीता पढ़ने के बाद कर्म योग की तरफ बढ़ता है। कर्म के माध्यम से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना यही गीता का ज्ञान है। यह हमें नैतिकता के मार्ग पर लेकर जाती है।
बिड़ला ने कहा कि कोविड काल में हमने बता दिया कि हम सामूहिक शक्ति से कैसे बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना कर सकते हैं। आज भौतिक दुनिया में शांति की जरुरत है। हम सुख और दुख में भगवान की शरण में जाते हैं, यही हमारी संस्कृति है।
पवित्र ग्रंथ गीता से हमें नई प्रेरणा मिलती है और हम कोशिश करते हैं कि संसद में लोगों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए नैतिकता से संसद चला सकें। हमें अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का भी अनुसरण करना चाहिए।
इस मौके पर गीता मनीषी ज्ञानानंद जी महाराज, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, खेल मंत्री सरदार संदीप सिंह, कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी, अम्बाला के सांसद रतनलाल कटारिया
रोहतक के सांसद अरविंद शर्मा, सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल, थानेसर के विधायक सुभाष सुधा, स्वदेशी जागरण मंच के सतीश कुमार व भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में विभिन्न राज्यों के स्टॉल लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। वहां पर उस वक्त एक अदभुत नजारा देखने को मिलता है जब विभिन्न राज्यों के कलाकार अपनी-अपनी लोककला का प्रदर्शन करते हैं। महोत्सव में लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव पर युवा पीढ़ी के साथ-साथ बजुर्ग भी महोत्सव को खूब देखने आ रहे हैं।
रोहतक से आए बिजेन्द्र सिंह ने बताया कि वह दूसरी बार यहां पर आए हैं और मेले की अद्भूत छटा को देखकर वह काफी खुश हैं। कुरुक्षेत्र जिला के गांव हरिपुर बड़ाम निवासी मनोज कुमार व अमृत सैनी ने बताया कि मेले के दौरान उन्हें काफी नई चीजें देखने को मिल रही हैं।
चाहे वह खादी ग्राम उद्योग द्वारा लगाए गए कपड़े के स्टॉल हों या स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किया गया बांस का अचार। स्टॉल मालिक के अनुसार बांस के आचार की विशेषता यह है कि बीपी, शुगर कंट्रोल करने व लम्बाई को बढ़ाने में बेहद लाभदायक है।
पंजाबी व कोल्हापुरी चप्पल के स्टॉल के साथ-साथ महिलाओं के लिए विभिन्न प्रकार की ज्वैलरी स्टॉल आकर्षण का केन्द्र बनी हुई हैं। इसी प्रकार कुरुक्षेत्र निवासी मोना सानिया सिंह ने बताया कि प्रशासन द्वारा बजुर्गों के लिए ई-रिक्शा की व्यवस्था व सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाना काफी अच्छी बात है।
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