डॉ. राजेश वधवा, कुरुक्षेत्र :
International Gita Mahotsav 2021 Competition : अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2021 में पहुंचे 19 राज्यों के 125 शिल्पकार, शिल्पकारों में 22 राष्ट्रीय अवार्डी, 18 राज्य अवार्डी, उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा 16 अवार्ड शिल्पकार बढ़ा रहे महोत्सव की शान, एनजेडसीसी की तरफ से किया गया है शिल्पकारों को आमंत्रित| International Gita Mahotsav 2021 Competition
International Gita Mahotsav 2021 Competition : कुरुक्षेत्र। ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर देश के 19 राज्यों की शिल्पकला देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए सज चुकी है। इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2021 में देश की शिल्पकला को एक साथ देखने का एक अद्भुत और सुनहरी अवसर पर्यटकों को मिला है।
इस महोत्सव में 19 राज्यों से 125 शिल्पकार पहुंचे है।(International Gita Mahotsav 2021 Competition)इन शिल्पकारों में 22 राष्ट्रीय अवार्डी और राष्ट्रीय प्रमाण पत्र से सम्मानित है। इसके अलावा 18 शिल्पकारों को राज्य अवार्ड भी मिल चुका है। इन शिल्पकारों के लिए राज्य सरकार, प्रशासन और केडीबी की तरफ से पुख्ता प्रबंध किए गए है।
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उपायुक्त मुकुल कुमार ने बातचीत करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2021 में पर्यटकों के लिए देशभर से शिल्पकारों को निमंत्रण भेजा गया था। इस वर्ष कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुसार देश के चुनिंदा शिल्पकारों को ही आमंत्रित किया गया। इसके लिए उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र पटियाला (एनजेडसीसी) को शिल्पकारों को आमंत्रित करने की जिम्मेवारी सौंपी गई।
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इस संस्थान के माध्यम से देश के सभी राज्यों को पत्र लिखकर शिल्पकारों को कुरुक्षेत्र में भेजने के लिए निवेदन किया गया। इस निवेदन के बाद अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में 19 राज्यों के 125 शिल्पकार पहुंच चुके है। इसमें हिमाचल से 5, आसाम से 5, बिहार से 2, उत्तराखंड से 8, पांडिचेरी से 1, तमिलनाडु से 2, दिल्ली से 7, चंडीगढ़ से 4, मध्य प्रदेश से 9, राजस्थान से 9, वेस्ट बंगाल से 11, हरियाणा से 12, गोवा से 2, झारखंड से 2, छत्तीसगढ़ से 3, पंजाब से 10, जम्मू कश्मीर से 12 और उतर प्रदेश से 21 शिल्पकार पहुंचे है।
उन्होंने कहा कि इन शिल्पकारों में 21 शिल्पकार राष्ट्रीय अवार्डी, 1 राष्ट्रीय प्रमाण पत्र से सम्मानित, 18 स्टेट अवार्डी, 2 संत कबीर अवार्डी, 2 जिला अवार्डी, 1 कला श्री अवार्डी सूरजकुंड शामिल है। इस वर्ष अकेले जम्मू कश्मीर से 8 अवार्डी, 1 स्टेट अवार्डी और 1 संत कबीर अवार्डी शिल्पकार है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश से 9 राष्ट्रीय अवार्डी, 6 स्टेट अवार्डी और 1 कला श्री अवार्ड से सम्मानित है। यह शिल्पकार हैंडलूम, टेक्सटाइल, लैदर, कांस्य मेटल ज्वेलरी, कैन एंड बम्बू, लक्त साड़ी है सिल्क ड्रेस मेट, कलमकारी ड्रेस मेट, हैंड प्रिंटेड टेक्सटाइल, जैकेट-कोट, शॉल, बैड शीट, बेड कवर, फ्लोर कवरिंग, पैच वर्क, वुडन कारविंग, लैदर आर्ट, ज्वैलरी, टेराकॉट पॉट, डोल एंड टवायज, वूडन टॉयज, वुडन एंड जरी, पेंटिंग, जयपुरी रजाई, नामदा, स्टोन कारविंग, मीनाकारी ज्वैलरी, पैडी एंड स्ट्रा क्राफ्ट, ड्राई फ्लावर, सोलापिट, पोईट्री एंड क्ले, पंजाबी जूती, फुलकारी, पश्मीना शॉल, कनी शॉल, पेपर मच्ची, कावा एंड ड्राई फ्रूट, करुवा बूटी साड़ी, ब्लू आर्ट पोएट्री पर्यटकों के लिए ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर सज चुकी है।
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भीम रसोई में लजीज व्यंजनों के साथ मिलेगी कुल्हड़ की चाय, माल-पुहड़े का भी पर्यटक चखेंगे स्वाद, अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव के हरियाणा पैवेलियन में पर्यटकों को मिलेंगी परांठे की 8 वैरायटी
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अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में शिल्पकारों का हुनर व शिल्पकला के साथ हरियाणा पैवेलियन के लजीज व्यंजन पर्यटकों को रिझाएंगे। हिंदुस्तान का सबसे बड़ा परांठा के तीन बड़े परांठे खाने वाला मालामाल होगा। हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक विभाग के हाथों में पहली बार हरियाणा पैवेलियन की कमान होगी। पैवेलियन में भीम रसोई में लजीज व्यंजनों के साथ हरियाणवीं पकवानों का भी पर्यटक स्वाद चखेंगे।
हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की निदेशिक प्रतिमा चौधरी का कहना है कि पुरुषोत्तमपुरा बाग में बनाए जाने वाले हरियाणा पैवेलियन में हरियाणवीं संस्कृति की झलक दिखाई देगी। भीम रसोई आकर्षण का केंद्र होगी तो भीम की खुराक खाने वाला पर्यटक हरियाणा पैवेलियन से मालामाल होकर लौटेगा। हिंदुस्तान का सबसे बड़ा परांठा के तीन परांठे खाने पर एक लाख का नकद इनाम व बुलेट मोटरसाइकिल उपहार में मिलेगी।
हरियाणा पैवेलियन में हिंदुस्तान का सबसे बड़ा परांठा के साथ भीम रसोई भी आकर्षण का केंद्र होगी। गुलाबी ठंड में पर्यटक कुल्हड़ की चाय की चुस्की का आनंद लेंगे तो तीज त्योहारों पर बनने वाले पकवान माल-पुहड़े भी स्वाद चखेंगे। हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक विभाग की ओर से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में हरियाणा पैवेलियन बनाया जा रहा है। हरियाणा पैवेलियन में हरियाणवीं संस्कृति की झलक दिखाई देगी। पैवेलियन में भीम रसोई सहित हरियाणवीं व्यंजन भी पर्यटकों को लुभाएंगे।
युवा पीढ़ी को हरियाणवीं संस्कृति के साथ जोडऩा मुख्य उद्देश्य
राज्य सरकार के विशेष प्रचार प्रकोष्ठ के ओएसडी गजेंद्र फौगाट बताते है कि हरियाणा पैवेलियन हरियाणवीं संस्कृति, खानपान, पहरावे के साथ मिट्टी के दंगल में पहलवानों जोर अजमाईश दिखाई देगी। इसके साथ ही भीम रसोई में हाथ से निकाले हुए खोये की बर्फी, गोहाना की जलेबी, सुहाली, गुलगले व पुड़े सहित अन्य पकवानों का पर्यटक स्वाद चख सकेंगे। हरियाणा पैवेलियन का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को हरियाणवीं संस्कृति के साथ जोडऩा है, ताकि उन्हें हरियाणवीं पहरावे के साथ पकवानों के बारे में सहजता के साथ जानकारी मिल सके।
ओएसडी गजेंद्र फौगाट का कहना है कि रोहतक वालों का हिंदुस्तान का सबसे बड़ा परांठा है, इसकी लंबाई तकरीबन दो फीट है। परांठे के साथ दही, चटनी, आचार व मक्खन दिया जाएगा। परांठे खाने की शर्त निर्धारित की गई है कि एक साथ बैठकर तीन परांठे खाने वाला ही इनाम का हकदार होगा।
परांठे की आठ वैरायटी है, इसमें पनीर, आलू, गोभी, आलू-प्याज मिक्स व सिंपल परांठा शामिल है। पिछले आठ सालों से चार दोस्तों द्वारा परांठे बनाने का काम कर रहे हैं। उनके द्वारा तीन परांठे खाने का खुला चैलेंज दिया गया है। हरियाणा सरकार की ओर से पहली बार अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में इस चैलेंज को पर्यटकों के लिए रखा है। यदि पर्यटक एक साथ तीन परांठे खाता है तो उसे एक लाख का नकद इनाम व बुलेट मोटरसाइकिल मिलेगा।
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