India News (इंडिया न्यूज), International Gita Mahotsav 2023, चंडीगढ़ : भारतीय संस्कृति की क्रीड़ा स्थली और श्रीमद्भगवद्गीता की जन्मस्थली धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र की पावन भूमि पर एक बार फिर अध्यात्म, संस्कृति एवं कला का दिव्य संगम देखने को मिलेगा। 7 दिसंबर से 24 दिसंबर तक अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 का भव्य आयोजन किया जाएगा, जिसमें श्रीमद्भगवद्गीता का शास्वत संदेश दिया जाएगा।
मनोहर लाल ने कहा कि धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव मेला आर्थिक दृष्टि से सेल्फ-फाइनेंस की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले की तर्ज पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के लिए अलग से मेला आथोरिटी बनाई जाएगी, जो अपने स्तर पर इसका आयोजन करेगी। सरकार की ओर से एक मेला अधिकारी तैनात किया जाएगा, जो सरकार की ओर से की जाने वाली व्यवस्थाओं को देखेगी। उन्होंने कहा कि यह मेला आथोरिटी महोत्सव के आयोजन की प्लानिंग और जिलो में भी अपनी व्यवस्थाएं करेगी।
इस अवसर पर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने लगभग 5160 वर्ष पूर्व कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर समूची मानवता के लिए गीता का संदेश दिया था। यह समस्त प्राणी के लिए चिंतन का ग्रंथ है। आज के समय में विश्व में युद्ध व अशांति का वातावरण है, ऐसे समय में गीता की प्रासंगिकता कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से वर्ष 2016 से गीता जयंती को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है, जिससे कुरुक्षेत्र को महाभारत की धरती के साथ-साथ अब गीता की जन्मस्थली के रूप में भी जाना जाता है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यहां आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार भारत के संविधान को शासकीय व्यवस्था की गीता कहा जाता है, उसी प्रकार वे स्वयं मानते हैं कि गीता जीवन के पथ प्रदर्शन के नियमों के नाते से एक संविधान है। इस बार अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में असम सहयोगी राज्य की भूमिका में रहेगा। पुरुषोत्तमपुरा बाग, ब्रह्म सरोवर पर असम सरकार द्वारा पैवेलियन लगाया जा रहा है जिसमें उसकी संस्कृति, शिल्प, खान-पान इत्यादि से संबंधित स्टाल आकर्षण का केंद्र रहेंगे। मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में कुरुक्षेत्र आगमन के दौरान कहा था कि कुरुक्षेत्र को गीता स्थली के रूप में पहचान दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन के बाद से हरियाणा सरकार द्वारा गीता महोत्सव को कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2016 से मनाया जा रहा है। विगत 7 वर्षों से इस महोत्सव को अपार सफलता और लोकप्रियता मिली है। वर्ष 2019 में यह महोत्सव देश से बाहर मॉरीशस तथा लंदन में भी मनाया गया। सितम्बर, 2022 में यह कनाडा में भी आयोजित किया गया। इस साल अप्रैल माह में भी अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव आस्ट्रेलिया में आयोजित किया गया। वर्ष 2024 में अमेरिका में भी इस महोत्सव के आयोजन का निमंत्रण मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 दिसंबर से मुख्य कार्यक्रम का आयोजन होगा। हम सबके लिए गौरव का क्षण होगा जब देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 17 दिसम्बर को ब्रह्म सरोवर पर गीता यज्ञ एवं पूजन से इस महोत्सव का विधिवत शुभारंभ करेंगे। इसके पश्चात वे इसी दिन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी का शुभारंम भी करेंगे। यह संगोष्ठी 19 दिसंबर तक चलेगी। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवदगीता की प्रेरणा से विश्व शान्ति और सदभाव विषयक इस संगोष्ठी में देश-विदेश के गीता मर्मज्ञ, विद्वान एवं शोधार्थी अपने शोधपत्र प्रस्तुत करेंगे। निश्चय ही इस संगोष्ठी से गीता के संदेश की महत्ता विश्व में फैलेगी।
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