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International Gita Mahotsav 2023 : सोने के पानी से बनी श्री कृष्ण भगवान की पेंटिंग पहुंची गीता महोत्सव पर, लाखों में है कीमत

• LAST UPDATED : December 16, 2023

इशिका ठाकुर, India News (इंडिया न्यूज), International Gita Mahotsav 2023, चंडीगढ़ : अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव कुरुक्षेत्र ब्रह्मसरोवर में शिल्पकार अपनी प्रदर्शनी लगाकर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को और भी ज्यादा शानदार बनाने का काम कर रहे हैं, अंत राष्ट्रीय गीता महोत्सव में देशभर से कलाकार व शिल्पकार आए हुए हैं जो अपनी प्रदर्शनी यहां लगाकर गीता महोत्सव में आए पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

ऐसे ही एक शिल्पकार दिलीप कोठारी राजस्थान के किशनगढ़ से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर आए हैं जो सोने के पानी से बनी हुई पेंटिंग की यहां प्रदर्शनी लगाए हुए हैं, जिनकी कीमत लाखों रुपए में होती है। हालांकि यहां पर सिर्फ एक लाख तक की पेंटिंग लेकर वे आए हैं लेकिन ऑर्डर पर जो भी जितनी महंगी पेंटिंग चाहता है, उस आधार पर पेंटिंग पर काम किया जाता है जो 1 लाख से ज्यादा महंगी भी होती है।

सोने के पानी से तैयार की राधा-कृष्ण की पेंटिंग

शिल्पकार दिलीप कोठारी ने कहा कि पिछले 30-35 वर्षों से पेंटिंग बनाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई के दौरान अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी और उसके बाद उन्होंने शिल्पकला की तरफ रुख किया। उसको ही अपना भविष्य बनाने के लिए पूरी लगन के साथ सीखा और कॉमर्शियल आर्ट की तरफ विशेष फोकस रखा। उन्होंने बताया कि ज़ब उन्होंने शुरुआत की थी तो उन्होंने कई प्रकार की पेंटिंग बनाने का काम किया, लेकिन कुछ अलग हटकर करने के लिए सोने के पानी से पेंटिंग बनाने का काम किया, जिसको लेकर वह अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आए हैं।

साइज के हिसाब से होती है पेंटिंग की कीमत

वहीं उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास जितने भी पेंटिंग हैं, साइज के हिसाब से उनका रेट निर्धारित किया गया है। सोने के पानी वाली पेंटिंग 25,000 से लेकर 1,00000 तक की वह लेकर आए हैं, अगर कोई व्यक्ति ऑर्डर पर बनवाना चाहता है तो इससे महंगी भी वह बना देते हैं, लेकिन वह सिर्फ ऑर्डर पर ही बनाते हैं। इससे अलग वह एंब्रोस वर्क और वेलवेट पर बनी पेंटिंग पर भी काम करते हैं, जिसको भी लोग खूब पसंद करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पिछले वर्ष उन्होंने 70,000 रुपए की सोने के पानी वाली पेंटिंग बेची थी।

ज्यादातर पेंटिंग में दिखाते हैं भगवान श्रीकृष्ण की लीला

वह वैसे तो हर प्रकार की पेंटिंग बनाते हैं, लेकिन जिस पेंटिंग पर सोने के पानी से काम किया जाता है, वह ज्यादातर पेंटिंग श्री कृष्ण भगवान से संबंधित होती है, उनकी लीलाओं को पेंटिंग के जरिए दर्शाने का काम किया जाता है। यहां पर सोने के पानी से बनी वह कई पेंटिंग लेकर आए हैं जो सभी पेंटिंग श्री कृष्ण भगवान की हैं, जिसको लोग खूब पसंद कर रहे हैं।

100 साल तक नहीं होती पेंटिंग खराब

शिल्पकार ने बताया कि सोने के पानी से बनी पेंटिंग पर इंसान जैसे पैसे लगाते हैं, वैसे ही उनका काम किया हुआ मिलता है, अगर कोई इंसान एक बार सोने के पानी से बनी पेंटिंग अपने घर में लेकर जाता है तो वह 100 साल से ज्यादा समय तक या यें कहे पूरी जिंदगी तक खराब नहीं होती, क्योंकि उसकी विशेषता बहुत अच्छी होती है। उस पर सोने के पानी से बारीकी से काम किया जाता है। एक पेंटिंग बनाने में करीब एक माह लग जाता है। धीरे-धीरे उस पर सोने के पानी से आर्ट बनाई जाती है।

देश के कोने-कोने में पेंटिंग की लगते हैं प्रदर्शनी

उन्होंने कहा कि वह देश के जितने भी बड़े इस प्रकार के मेले आयोजित किए जाते हैं, उन सभी में वह अपनी पेंटिंग की प्रदर्शनी लगते हैं वह सरकार द्वारा अधिकृत शिल्पकार है और उनको निमंत्रण मिलता है जिसके चलते वह हर बड़े प्रोग्राम में प्रदर्शनी लगाने के लिए जाते हैं। वहीं शिल्पकार ने यह भी कहा कि पिछले काफी वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर आ रहे हैं और यहां पर उनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग को यहां पर आए हुए पर्यटकों के द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है।

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