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समाधा मंदिर: बच्चे दान करने के मामले में जांच, आरोपियों पर होगी कार्रवाई

• LAST UPDATED : April 13, 2021

हांसी/

हांसी के समाधा मंदिर में बच्चे दान करने के मामले जांच की गई, जिसमें जांच करने राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा मंदिर में पहुंची. चेयरपर्सन ने मंदिर में मौजूद बाबा से रिकॉर्ड तलब किया, साथ ही मंदिर के कमरों में रखी अलमारियों को भी खंगाला गया। समाधा मंदिर में रहने वाले एक 6 साल के बच्चे को आयोग की टीम ने रेस्क्यू किया, और बाल संरक्षण कमेटी को सौंपा है. बच्चे का मेडिकल कराने के आदेश दिए गए और बच्चे को शिशुकुंज में रखने के लिए कहा।

पिता पर भी की जाएगी कार्रवाई

दोनों बच्चों के माता-पिता को रेस्ट हाउस में बुलाया गया, जहां बाल संरक्षण अधिकारियों ने मंदिर में रहने वाले 6 वर्षीय बच्चे के पिता के साथ बातचीत की. और बच्चे को इस प्रकार से मंदिर में छोड़ने के कारण पूछे।

इसके अलावा हाल में मंदिर में एक महीने का बच्चा दान करने वाले माता-पिता की भी काउंसलिंग की गई. चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने कहा कि इस प्रकार से मंदिर में बच्चों को दान देने की परंपरा गलत है,और ये रुकनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि खबरों के माध्यम से उन्हें सूचना मिली थी, कि इस प्रकार की घटना हांसी के समाधा मंदिर में हुई है. जिसका संज्ञान लेते हुए वह मंदिर में जांच करने पहुंची हैं।

उन्होंने कहा कि इस मामले में जिला बाल संरक्षण अधिकारी को आदेश जारी किए गए हैं, और बच्चों की पूरी मॉनिटरिंग उनके द्वारा की जाएगी. इसके अलावा जिस व्यक्ति ने कुछ वर्ष पूर्व मंदिर में बच्चा दान किया था उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई के लिए लिखा गया है।

प्रशासन को चेयरपर्सन ने दिए गंभीरता से कार्रवाई के निर्देश

जिला पुलिस को भी इस प्रकार के मामलों में संवेदनशीलता और गंभीरता से कार्रवाई करने के चेयरपर्सन ने निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व जो बच्चा दान करने वाले माता-पिता की काउंसलिंग की गई है, और उन्होंने भी बच्चे की परवरिश करने की बात कमेटी के सामने कही है।

बाल संरक्षण अधिकारी इस मामले में भी लगतार परिवार से संपर्क में रहेगी, बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयपर्सन ज्योति बैंदा ने कहा, कानून के अनुसार 18 वर्ष तक बच्चे के पालन पोषण की जिम्मेदारी माता पिता की है।

अगर किसी माता-पिता को अपना बच्चा सरेंडर करना है, तो इसके लिए जिला बाल संरक्षण कमेटी से संपर्क कर सकता है. बच्चों को गोद लेने के लिए देश में कानून बना हुआ है।

इस प्रकार से मंदिर में या किसी अन्य संस्था को बच्चा दान करना गलत है, आयोग ऐसे मामलों में शिकायत मिलने पर कार्रवाई करता है. हांसी में इस प्रकार का एक मामला संज्ञान में आया था, जिसकी जांच के लिए बैंद्रा पहुंची थी, आपको बता दें मंदिर से कुछ सामान जब्त किया गया है, और रेस्क्यू किया गया बच्चा अभी शिशु कुंज में रहेगा।