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Jannayak Janta Party : जजपा को आने वाले चुनाव में भाजपा से गठबंधन बनाए रखने की विराट उम्मीदें

• LAST UPDATED : March 1, 2024
  • गठबंधन नहीं होने की स्थिति में सभी 10 लोकसभा सीटों की तैयारी का विकल्प लेकर चल रही

डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज), Jannayak Janta Party, चंडीगढ़ : हरियाणा भाजपा ने 29 फरवरी को दिल्ली में बैठक के बाद 9 सिटिंग सांसदों के नाम आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए केंद्र को भेज दिए हैं और इस बात को लेकर अब निरंतर चर्चा है कि क्या भाजपा व जजपा में गठबंधन रहेगा या नहीं। वहीं दूसरी तरफ पिछले चार साल से ज्यादा समय से भाजपा के साथ सरकार चला रही जननायक जनता पार्टी (जजपा) का राजस्थान विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर  जमानत होने के बाद करारी हार से झटका लगा।

पार्टी को उम्मीद था कि राजस्थान में बेहतर प्रदर्शन के जरिए वो भाजपा के ऊपर हरियाणा में गठबंधन बनाए रखने के लिए दबाव बनाए रखने में सफल रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं होने के चलते जजपा की उम्मीदों पर तुषारापात हो गया। पिछले कुछ समय से जजपा कई मोर्चों पर परेशानी महसूस कर रही है। ऐसे में पार्टी की पूरी कोशिश है कि भाजपा उसके साथ गठबंधन बनाए रखे।

हालांकि भाजपा के ज्यादा दिग्गज पहले ही इसको लेकर असहमति के रुप में अपनी राय जाहिर कर चुके हैं। इसी कड़ी में अब सामने है कि अब भी जजपा को अब भी उम्मीद है कि हरियाणा में भाजपा के साथ गठबंधन जारी रहेगी। भाजपा राष्ट्रीय स्तर पर मिशन-2024 को पूरा करने के लिए एनडीए में छोटे बड़े दलों को को जोड़ रही है। जजपा के ही एक सीनियर नेता ने बताया कि फिलहाल तक एनडीए में अब तक सीटों के बंटवारे को लेकर अब तक तोई चर्चा नहीं हुआ है और पूरे राजनीतिक परिदृश्य के मद्देनजर जजपा को उम्मीद कि भविष्य में भी गठबंधन जारी रहेगा।

जजपा के सामने मूल वोट बैंक की नाराजगी दूर करने की चुनौती

ये किसी से छिपा नहीं है कि पिछली बार 10 सीट जीतने वाली जजपा को ये जीत मुख्य रूप से जाट वोट बैंक और ग्रामीण वोटरों के चलते मिली। लेकिन पिछले कुछ समय में ये दोनों ही कई मुद्दों पर जजपा से नाराज हैं। पिछले किसान आंदोलन के बाद जजपा के प्रति किसान वर्ग और जाट समुदाय में खासी नाराजगी देखने को मिली है। एक सीनियर जजपा नेता ने इस बात से इत्तेफाक रखते हुए कहा कि पार्टी लगातार वोटर्स के बीच जाकर उनकी नाराजगी दूर कर रही है। ऐसे में पार्टी के सामने मुख्य वोट बैंक की नाराजगी बड़ी चुनौती है।

गठबंधन को लेकर सधी रणनीति से आगे बढ़ रही हरियाणा भाजपा

हरियाणा में मुख्य सत्ताधारी दल भाजपा सारे पत्ते अपने हाथों में लेकर चल ही है। चित्त मेरीऔर पट भी मेरी रणनीति से आगे बढ़ रही भाजपा गठबंधन को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं कर रही और जजपा को असमंजस की मुद्रा में डाल रखा है। हालांकि कई बार पार्टी की बैठकों में पार्टी के ज्यादा दिग्गज व विधायक इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं कि गठबंधन जारी रहना चाहिए। उनका कहना है कि अगर जजपा के साथ गठजोड़ अस्तित्व में रहता है तो पार्टी को संभावित नुकसान होना तय है।

गठबंधन को लेकर आखिरी फैसला भाजपा हाईकमान को करना है तो भाजपा का हरियाणा नेतृत्व इसको लेकर कुछ कहने या फिर करने की स्थिति में फिलहाल नहीं है। हालांकि इसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल की रायशुमारी अहम होनी तय है। चूंकि भाजपा हाईकमान को मिशन-2024 पूरा करना है तो शीर्ष नेतृत्व आंशिक फायदा लेने या फिर आंशिक नुकसान से बचने की एवज में गठबंधन को बनाए भी रख सकता है और इसको विराम भी दे सकता है। फिलहाल जजपा मूकदर्शक की मुद्रा में है।

दो लोकसभी सीटों पर फोकस

इसके अलावा पार्टी दो लोकसभा सीटों पर मुख्य रूप से तैयारियों में जुटी है। पार्टी हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर ज्यादा फोकस कर ही है। अगर गठबंधन रहता है तो पार्टी को एक सीट मिलने की उम्मीद है और इन दोनों में से कोई एक उसके हिस्से आ सकती है। हिसार सीट पर भाजपा दिग्गज चौधरी बीरेंद्र सिंह का परिवार लगातार दांव ठोक रहा है और उनके बेटे बृजेंद्र सिंह यहां से फिलहाल सांसद हैं जो पिछली बार दुष्यंत चौटाला को हराकर संसद पहुंचे थे। उनके अलावा सीट पर भाजपा के पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर कैप्टन अभिमन्यु भा दावा जता रहे हैं और चुनावी तैयारियों में जुटे हैं।

इनके अलावा एक और बड़ा सियासी भजनलाल परिवार भी इस सीट से टिकट का दावेदार है। उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई इस सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जता रहे हैं। ऐसे में यहां मुकाबला एकतरफा नहीं है। वहीं भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत बंसीलाल का परिवार भी चुनावी जंग मजबूत दावेदार है। यहां से उनकी पोती श्रुति कांग्रेस की टिकट दावेदार मानी जा रही हैं। पूर्व जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला इनेलो में रहते हुए भिवानी सीट से सांसद रह चुके हैं और चौटाला परिवार में बिखराव से पहले दुष्यंत चौटाला इनेलो के टिकट पर हिसार सीट से चुनाव जीत संसद पहुंचे थे।

जजपा अब तक 6 लोकसभा क्षेत्र में रैली कर चुकी, 4 में करना बाकी

जजपा निरंतर कह रही है कि वो सभी 10 लोकसभा सीटों पर चुनावी तैयारियों में जुटी है। जजपा नेता कहीं न कहीं इस विचार के साथ भी आगे बढ़ रहे हैं कि हो सकता है कि गठबंधन न रहे। ऐसे में पार्टी सभी लोकसभा सीटों पर अपने स्तर पर तैयारियोें में जुटी है। जजपा ने गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, सिरसा, भिवानी महेंद्रगढ़ और कुरुक्षेत्र लोकसभा में रैलियां कर ली हैं और चुनावी तैयारियों में तेजी लाई जा रही है। इसके अलावा बाकी चार लोकसभी क्षेत्रों जिन में अंबाला, हिसार, गुरुग्राम और रोहतक में पार्टी की रैली होनी बाकी हैं।

अजय चौटाला के चुनाव लड़ने पर संशय

अजय चौटाला लगातार कह रहे हैं कि वो चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं और सब ठीक-ठाक रहता है तो वो भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से चुनाव रण में उतरेंगे। उनके चुनाव लड़ने में लीगल पेंच ये फसा हुआ है कि वो इनेलो के शासन के दौरान टीचर्स भर्ती घोटाले में उनको 10 साल की सजा हुई थी। हालांकि उनकी सजा पूरे होने की अवधि दो साल से ज्यादा हो चुकी है। ऐसे में लीगल पहलू पर पार्टी द्वारा एक्सपर्ट्स की रायशुमारी की जा रही है कि क्या ऐसे किसी मिलते जुलते या फिर सजा के बाद 2 साल की अवधि गुजरने के बाद किसी नेता को चुनाव लड़ने की इजाजत कभी कोर्ट ने प्रदान की थी। अगर कोर्ट द्वारा इसकी मंजूरी दी जाते है तो चुनाव लड़ने योग्य होंगे।

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