इंडिया न्यूज, Haryana News (Jhinga Farming) : मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) ने मत्स्य पालक किसानों के लिए बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Prime Minister Matsya Sampada Yojana) के तहत केंद्र सरकार से आने वाली सब्सिडी में अगर देरी होती है तो वह सब्सिडी हरियाणा सरकार एडवांस में देगी।
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने सिरसा के मछली पालकों के लिए सिरसा में ही मछलीपालन से संबंधित टेस्टिंग लैब स्थापित करने की घोषणा की है। इससे यहां के झींगा मछली पालकों को सीधे लाभ होगा। इससे पहले यहां के मछली पालकों को रोहतक जाकर लैब टेस्टिंग की सुविधा लेनी पड़ती थी। बता दें कि सीएम मनोहर लाल सोमवार को सिरसा के चोरमार खेड़ा गांव में आयोजित झींगा किसानों की कार्यशाला में संबोधित कर रहे थे।
इसके साथ-साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मछली की खरीद-बिक्री के लिए झज्जर या गुरुग्राम में से किसी एक जिले में थोक मछली मार्कीट स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को आर्थिक तरक्की में लाभ मिलेगा। सरकार किसान क्रेडिट कार्ड की तरह मछली पाल किसानों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध करवा रही है।
इसी प्रकार मछली पालन में बीमा करने के लिए भी सरकार बैंक व बीमा कंपनियों से बातचीत कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मछली पालन में बिजली खपत एक बड़ा विषय है। फिलहाल सरकार जिन किसानों की खपत 20 किलोवाट है, उन्हें 4.75 प्रति यूनिट दर पर बिजली उपलब्ध करवा रही है। मछली पालक अपने प्लॉट पर सोलर प्लॉट भी लगा सकते हैं। इसके लिए उन्हें प्रति हार्स पावर 20 हजार रुपऐ की सब्सिडी दी जा रही है, जो अधिकतम 2 लाख रुपए तक हो सकती है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भिवानी के गरवा गांव में 30 करोड़ रुपए की लागत से एक्वापार्क बनाया जाएगा। यह एक्वापार्क 25 एकड़ में होगा। इसमें मछली पालन से जुड़े नए-नए शोध, मछली पालन की नई किस्म, बीज पर शोध किया जाएगा। इससे मछली पालकों को सीधे लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मिलने वाला लाभ अगले तीन वर्ष तक मिलेगा। झींगा को बड़ी मात्रा में एक्सपोर्ट किया जाता है। इससे विदेशी मुद्रा देश में आती है जो भारत की आर्थिक तरक्की के लिए महत्वपूर्ण है। इस तरह के प्रकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 ट्रिलियन इकनॉमी के सपने को पूरा करने में अपना योगदान देगा। भारत इसके लिए मछली पालन से जुड़ी नई-नई तकनीक पर कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए नई-नई योजनाएं व प्रकल्प बना रहे हैं। उसी में से एक मछलीपालन है। साधारण किसान फसल से ज्यादा आमदनी हासिल नहीं कर सकता लेकिन पशुपालन, मछलीपालन, मशरूम उत्पादन आदि से अच्छी आमदनी ले सकता है। प्रगतिशील किसान आगे बढ़े और अन्य किसानों को भी इसमें जुड़ने के लिए प्रेरित करें, इसके लिए हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल भी बधाई के पात्र हैं। मुख्यमंत्री ने सिरसा के किसानों को झींगा उत्पादन में आगे बढ़ने पर यहां के किसानों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हरियाणा में निरंतर सेम व खारे पानी वाली जमीन में झींगा उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं। वर्ष 2014-15 में झींगा पालन का क्षेत्र 70 एकड़ था और कुल उत्पादन 140 मीट्रिक टन था जो 2021-22 में बढ़कर 1250 एकड़ व 2900 मीट्रिक टन हो गया है।
सरकार ने इस वर्ष का लक्ष्य 1250 एकड़ से बढ़ाकर 2500 एकड़ करने तथा उत्पादन 2900 मीट्रिक टन से 4 हजार मीट्रिक टन रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में वर्ष 2014 में कुल 43 हजार एकड़ में 1 लाख मीट्रिक टन मछली उत्पादन होता था और इस वर्ष यह लक्ष्य बढ़ाकर 54 हजार एकड़ और 2 लाख 10 हजार मीट्रिक टन रखा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 25 लाख मत्स्य बीज उपलब्ध करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल (Sunita Duggal) ने कहा कि तीन दिन से मुख्यमंत्री सिरसा में हैं और जन संवाद कार्यक्रम के दौरान जितने भी फरियादी आए, मुख्यमंत्री ने सभी की सुनवाई की और समस्याओं का समाधान किया। सिरसा के किसानों को झींगा उत्पादन का लाभ मिलने वाला है।
सेम की भूमि पर इस तरह मछली पालन कर मुनाफा लेना किसानों के लिए बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ-साथ हरियाणा सरकार भी सहयोग कर रही है। दुग्गल ने किसानों से आह्वान किया कि वे आगे बढ़ें, सरकार उनके साथ है। झींगा उत्पादन से सेम की धरती अब सोना उगलेगी।
कृषि एवं मत्स्य पालन मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि सिरसा के किसान बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने खारे पानी में झींगा उत्पादन कर देश में नई क्रांति लाने का काम किया है। यहां के किसानों ने अन्य किसानों को भी रास्ता दिखाया है कि कैसे खारे पानी को निकालकर मछली पालन किया जा सकता है।
प्रदेश में 10 लाख एकड़ जमीन में खारे पानी की समस्या है। प्रदेश के 400 किसानों ने अब कामयाबी की कहानी लिखी है। दलाल ने कहा कि ऐसा कोई कारोबार नहीं है, जिसमें पूंजी लगाकर छह महीने में मुनाफा लिया जा सकता हो लेकिन झींगा उत्पादन ऐसा काम है, जिसमें छह महीने में पूंजी व लागत पूरी हो जाती है और अगले छह महीने में मुनाफा ले सकते हैं।
दलाल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि मछलीपालकों के लिए हैदराबाद से बीज की व्यवस्था सुनिश्चित करें। मत्स्य विभाग को मजबूत किया जाए और मछली पालकों के लिए जांच लैब खोली जाए। इसके अतिरिक्त प्रोसेसिंग प्लॉट लगाने के लिए स्कीम बनाई जाए।
उन्होंने किसानों को सहकारी बैंकों से मछली पालन व झींगा उत्पादन के लिए ऋण उपलब्ध करवाने की अपील भी की। दलाल ने कहा कि उन्होंने प्रदेश के 10 हजार किसानों को झींगा मछलीपालन करके करोड़पति बनाने का लक्ष्य लिया है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने सिरसा जिले के मिठड़ी गांव में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की लाभार्थी श्रीमती वीरपाल कौर के झींगा उत्पादन प्लॉट का अवलोकन किया।
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