जींद स्वदेश लौटने पर गोल्ड मेडलिस्ट बेटी का हरियाणा के पैतृक गांव निडानी में भव्य स्वागत वर्ल्ड कैडेट चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जितने वाली प्रिया मलिक का गांव निडानी पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। दो रोज पहले ही हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में वर्ल्ड कैडेट चैंपियन शिप में गोल्ड मैडल जीता था। 16 वर्षीय प्रिया मलिक ने कुश्ती के 73 किलोग्राम भार केटेगरी में गोल्ड जीता है। गौरतलब है कि ओलंपियन अंशु मलिक भी इसी गांव से सम्बंध रखती है।
पहलवान का ढोल बजाकर, फूल मालाओं और लड्डू खिलाकर स्वागत किया गया। बधाई देने के लिए गांवो वालो का तांता लगा रहा। गांवो वालो ने देश के नाम दिया संदेश,ज्यादा से ज्यादा संख्या में बेटियों को हर फील्ड में आगे लेकर आये। हरियाणा के जींद में निडानी गांव निवासी पूर्व सैनिक जयभगवान मलिक की करीब सोलह वर्षीय बेटी प्रिया मलिक ने हंगरी में आयोजित हुई विश्व कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया है। गोल्ड मेडल लेकर प्रिया सोमवार को अपने स्कूल निडानी में पहुंची , जहां उसका भव्य स्वागत किया गया। प्रिया ने हंगरी के बुढ़ापेस्ट में विश्व कैडेट चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और 73 किलोग्राम वर्ग भार में गोल्ड मेडल पर कब्जा जमा लिया। इससे पहले भी प्रिया ने कई उपलब्धियां हासिल की है, जिसमें 2019 में पुणे में आयोजित खेलों इण्डिया में गोल्ड मेडल, 2019 में दिल्ली में आयोजित 17वीं स्कूल गेम्स में गोल्ड मेडल और 2020 में पटना में आयोजित नेशनल कैडेट चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर अपने माता पिता के साथ अपने जिले और राज्य का नाम रोशन कर चुकी हैं।
प्रिया मलिक ने कहा इससे पहले क्वार्टर फाइनल में प्रिया का मुकाबला हंगरी की पहलवान के साथ हुआ, जिसमें प्रिया ने अपने प्रतिद्वंद्वी पहलवान को 5-0 से हराकर जीत हासिल की। सेमीफाइनल मुकाबला रसिया के साथ हुआ, जिसमें प्रिया ने रसिया की पहलवान को एक तरफ 9-0 से हराकर फानल में जगह बनाई। फाइनल मुकाबला बेलारूस की पहलवान से हुआ। यहां पर भी कुश्ती पहलवान प्रिया ने बेलारूस की पहलवान को एक तरफा यानि 5-0 से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। उन्होंने बताया की सबसे कठिन मुकाबला रसिया के साथ रहा | प्रिया ने अपनी जीत का श्रेय अपने परिवार , कोच और संस्था को दिया है। प्रिया के कोच, परिजन और ग्रामीण उनकी इस जीत पर गदगद है और उज्जवल भविष्य के लिए कामना कर रहे है | ग्रामीणों ने कहा का अब समय आ गया है की बेटियों को हर फील्ड में आगे निकाले और उनका हौसला बढ़ाये | आज बेटिया भी किसी फील्ड में कम नहीं है |