India News Haryana (इंडिया न्यूज), Jind Assembly Constituency : भाजपा ने जींद की पांच विधानसभा सीटों में से तीन पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। इनमें जींद से डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा, उचाना से देवेंद्र चतुर्भुज अत्री तथा सफीदों से रामकुमार गौतम हैं। इनमें सबसे बड़ी मुश्किल रामकुमार गौतम के लिए होने वाली है। सफीदों के लोगों ने हमेशा ही बाहरी उम्मीदवार को कभी भी तव्वजो नहीं दी।
भाजपा की टिकट की आस लगाए बैठे पूर्वमंत्री बच्चन सिंह पहले ही कह चुके हैं कि वह सात सितंबर को नामांकन दाखिल करेंगे और बाहरी उम्मीदवार को किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। इससे साफ है कि भाजपा को सबसे ज्यादा परेशानी सफीदों विधानसभा क्षेत्र में आने वाली है।
नारनौंद निवासी रामकुमार गौतम ब्राह्मण समुदाय से हैं। वह एक सितंबर को जींद में हुई भाजपा की जन आशीर्वाद रैली में ही भाजपा में शामिल हुए थे। रामकुमार गौतम नारनौंद से 2019 में जजपा के टिकट पर विधायक बने थे। उन्होंने भाजपा के ही कैप्टन अभिमन्यु को हराया था। अब भाजपा ने उनको सफीदों विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतार दिया है। अब देखना होगा कि भाजपा यहां पर बागियों को कैसे संतुष्ट कर पाती है या फिर रामकुमार गौतम को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। सफीदों विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण समुदाय की लगभग 15 हजार वोट हैं।
जींद विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने अपने वर्तमान विधायक डॉ. कृष्णलाल मिड्डा पर ही विश्वास जताया है। डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा जनवरी 2019 में अपने पिता डॉ. हरिचंद मिड्ढ के निधन के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर जीते थे। इसके बाद अक्तूबर 2019 में हुए आम चुनावों में भी डॉ. कृष्ण लाल मिड्डा ने जीत दर्ज की।
अब फिर से डॉ. कृष्णलाल मिड्ढा तीसरी बार भाजपा के चुनाव चिह्न पर मैदान में होंगे। डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा पंजाबी समुदाय से हैं तथा जींद विधानसभा क्षेत्र में 12 हजार के आसपास पंजाबी समुदाय की वोट हैं। डॉ. कृष्ण मिड्ढा को एंटी इंकमबेंसी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा लोगों की काफी समस्याएं हैं, जिनका समाधान नहीं हो पाया। अब देखना होगा कि डॉ. मिड्ढा किस प्रकार इसका सामना करते हैं।
चतुर्भुज अत्री : उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने ब्राह्मण समुदाय के देवेंद्र चतुर्भुज अत्री पर दांव लगाया है। देवेंद्र चतुर्भुज अत्री पहली बार मैदान में हैं। इससे पहले उनको संगठन का भी अच्छा अनुभव है। उचाना कलां विधानसभा सीट जाट बाहुल्य सीट है। यहां एक लाख पांच हजार से ज्यादा जाट वोट है। ब्राह्मण समुदाय के लगभग 27 हजार वोट हैं। देवेंद्र चतुर्भुज अत्री एक निजी स्कूल भी चलाते हैं। उनकी छवि सामाजिक व्यक्तियों में होती है। उनके पिता चतुर्भुज अत्री एक बड़े समाजसेवी थे। पहली बार चुनाव लड़ने का अनुभव उनको कहां से कहां लेकर जाता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
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