India News Haryana (इंडिया न्यूज), Jind Soldier Martyred : जम्मू-कश्मीर में जिला कुलगाम के मोदेरगाम में आंतकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए नरवाना के गांव जाजनवाला के लांसनायक पैरा कमांडो प्रदीप नैन का पार्थिव शरीर आज सुबह पैतृक गांव पहुंचा। यहां भारी संख्या में लोग और आर्मी के जवान प्रदीप नैन को अंतिम विदाई देने पहुंचे। इस दौरान राज्यसभा सांसद सुभाष बराला तथा एसडीएम अनिल दून समेत अन्य ने पुष्प चक्र अर्पित किए। ग्रामीणों ने प्रदीप नैन की शहादत पर नारे भी लगाए।
गांव स्थित श्मशानघाट में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया। आर्मी की टुकड़ी ने शस्त्र झुकाकर उन्हें अंतिम सलामी दी। इस दौरान हर आंख नम थी। आर्मी वेटरन एसोसिएशन के जोनल प्रेजिडेंट राजबीर सिंह ने बताया कि शहादत से पहले प्रदीप नैन ने 5 आतंकियों को मार गिराया था। नैन ही जवानों की टूकड़ी को लीड कर रहा था। आर्मी के अधिकारी पूर्व अधिकारी और जवान और पुलिस के जवान बड़ी संख्या में शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे।
शहीद लांस नायक प्रदीप नैन ने आम्र्ड फोर्स के बाद आगे बढ़ने के लिए अगस्त 2019 में स्पेशल फोर्स पैरा कमांडो को ज्वाइन किया था। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उसके बैच मैट रहे सफीदों के गांव मलार वासी मोहित शर्मा ने बताया कि वो हिम्मत वाला व निडर युवक था। उसको टैंक का भी ज्ञान था। वह पीटी में हमेशा प्रथम रहता था। उसको स्काई डाइविंग करने का भी शौक था।
वह दूसरों को स्काई डाइविंग करने का डेमो देता था। वह 30 हजार फीट की ऊंचाई से स्काई डाइविंग करते हुए अपने मोबाइल फोन में वीडियो बनाता था। उसने 100 से ज्यादा बार स्काई डाइविंग की है। उन्होंने बताया कि पैरा कमांडो में जाने के लिए 350 को कोर्स के लिए भेजा था, जिसमें से केवल 25 फीट हुए थे। वहीं हरियाणा के जींद जिला से प्रदीप नैन, वो तथा जींद वासी संजीव पैरा कमांडों में चयनित हुए थे।
प्रदीप नैन ने 12वीं कक्षा पास करने के बाद सेना में जाने की तैयारी शुरू कर दी थी। प्रदीप नैन एक्सीलेंट में फिजीकल तो पास कर देता था, लेकिन पेपर में रह जाता था। उसने दो बार लिखित परीक्षा दी लेकिन सफल नहीं हुआ। प्रदीप नैन ने तीसरी बार अच्छी तैयारी कर लिखित परीक्षा पास कर ली और वह 17 जनवरी, 2015 में हिसार में आर्म्ड फोर्स में भर्ती हो गया।
प्रदीप नैन के बैच मैट रहे सफीदों के गांव मलार वासी मोहित शर्मा ने बताया कि नैन ने 15-20 आपरेशन में भाग लिया था। जिसमें वह चाइना बार्डर पर भी तैनात रहा था। उसको जहां भी आपरेशन में भेज दिया जाता, वो सबसे आगे जाने की बात कहता रहता था। उसको इस बात का डर ही नहीं था कि उसको आपरेशन में गोली लग जाएगी। उसको दिल्ली में 63 कालवरी में सर्वश्रेष्ठ वालिंयर के खिताब से नवाजा था।
उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में भी सर्च आपरेशन में प्रदीप नैन को भेजा गया था। जहां पैरा कमांडों के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस व सीआरपी के जवान भी थे। उन्होंने बताया कि आपरेशन के तहत पुलिस जहां आंतकवादी घर में घुसे होते हैं, उस घर को पहले चारों से लोकल पुलिस घेर लेती है। उसके बाद वो पीछे हट जाते हैं, तो पैरा कमांडो मोर्चा संभाल लेते हैं।
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