इंडिया न्यूज, चंडीगढ़ :
Job in Quota not Found : सेना में सेवा के दौरान 80 प्रतिशत विकलांग हुए एक सैनिक को लाल फीताशाही ने इतना परेशान कर दिया कि उसने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की ही मांग कर डाली।
जिले के गांव मकड़ौली कलां निवासी अशोक कुमार ने आज डीसी कैप्टन मनोज कुमार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए इच्छा मृत्यु की मांग कर डाली।
उसने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में बताया कि 2016 में सेना में रहते हुए वह 80 प्रतिशत घायल हो गया था। इस वजह से उसे सेना से सेवानिवृत्त कर दिया गया।
सन् 2019 में उन्होंने हरियाणा में रोजगार पाने के लिए जब एचएसएससी के पोर्टल पर आवेदन करना चाहा तो उन्हें पता लगा कि हरियाणा सरकार नौकरियों में पूर्व सैनिकों को रोजगार मुहैया करवाने के लिए कोई कोटा नहीं दे रही।
अशोक कुमार के अनुसार उन्होंने सरकार से नौकरी पाने के लिए जब संपर्क किया तो उन्हें कहा गया कि वे विज्ञापन संख्या 5/2019 जनरल एक्स सर्विसमैन कैटेगरी नंबर 1 में अपना आवेदन कर दें।
बाद में सरकार से पालिसी बनवाकर उन्हें समायोजित कर दिया जाएगा। आवेदन करने के बावजूद सरकार ने इस मामले में कोई पहल नहीं की तथा चुप्पी साधे रखी।
बार-बार अधिकारियों व सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पत्राचार करने के बाद सरकार ने अपनी नीति में परिवर्तन किया लेकिन फिर भी अशोक कुमार को सेवा में नहीं लिया।
अशोक कुमार के अनुसार विकलांग भूतपूर्व सैनिक की मेरिट लिस्ट 35 नंबर की थी, जबकि उसने 38 अंक हासिल कर रखे थे।
जब यह तथ्य अधिकारियों के समक्ष रखे गए तो वे इधर-उधर के बहाने बनाने लगे तथा उनको सेवा में नहीं लिया। डेढ़ वर्ष इंतजार करने के बाद अशोक कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें अभी तक कोई फैसला नहीं आया है।
अधिकारियों के बार-बार कहे जाने पर अशोक कुमार रोजगार प्राप्ति का हाईकोर्ट से केस उठाने को भी राजी था लेकिन अधिकारियों ने उसकी एक नहीं सुनी तथा उसे लगातार नौकरी करने के हक से वंचित रखा।
उपरोक्त तथ्यों से राष्ट्रपति को अवगत करवाते हुए पूर्व सैनिक अशोक कुमार ने पत्र में कहा है कि वह गरीब व्यक्ति है। उसका बड़ा परिवार है।
बच्चों की स्कूल फीस भरने में भी असमर्थ (Unable to pay school fees of children)
वह अपने बच्चों की स्कूल फीस भरने में भी असमर्थ है। लंबे समय से खाली रहने के कारण उसके परिवार पर भारी कर्ज हो गया है जिसकी भरपाई वह पैंशन से नहीं कर पा रहा है।
विकलांग होने के कारण वह और कहीं काम करने लायक भी नहीं रहा इसलिए उसे इच्छा मृत्यु की इजाजत दे दी जाए। अशोक कुमार ने कहा कि इस कैटेगरी के टेस्ट में वह एकमात्र ऐसा उम्मीदवार है जिसने कोटे से आवेदन किया था।
इस नौकरी पर उसका हक है लेकिन फिर भी सरकार उसे रोजगार मुहैया न करवाकर प्रताड़ित कर रही है। इस वजह से वह काफी निराश है तथा मृत्यु चाहता है।
डीसी मनोज कुमार ने अशोक कुमार की मांग को राष्ट्रपति तक पहुंचाने की बात कही है। Job in Quota not Found
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