हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल कपालमोचन मेले में पहुंचे
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
kapal Mochan Mela 2021 हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यमुनानगर के कलेसर से पंचकूला के कालका तक के क्षेत्र को तीर्थाटन तथा पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। इसी के तहत कपालमोचन मेला क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को देवों, गुरुओं एवं ऋषि-मुनियों की पावन धरा पर आयोजित ऐतिहासिक कपालमोचन मेले में शिरकत करने पहुंचे। पिछले 50 वर्षों में मनोहर लाल ही ऐसी मुख्यमंत्री हैं जो अनेक मिथकों और अंधविश्वासों को तोड़कर यहां पहुंचे हैं। अंधविश्वास के चलते 1970 के बाद यहां कोई मुख्यमंत्री नहीं आए थे। कुछ दिन पहले जब इन्हें इस पावन-पवित्र स्थान के बारे में इस प्रकार के मिथकों और अंधविश्वास के बारे में पता चला तो इन्होंने इसे तोड़ने का फैसला लिया। इसी के चलते उन्होंने यहां सबसे पहले गुरुद्वारा कपालमोचन में माथा टेका, इसके बाद प्राचीन सफेद गऊबच्छा मंदिर के घाट, ऋणमोचन सरोवर व सूरजकुंड सरोवर पर पूजा-अर्चना की।
कपिल मुनि जी की धरती कपालमोचन में उन्होंने लोगों को गुरुनानक देव के प्रकाशपर्व और देव दीपावली की बधाई देते हुए इस क्षेत्र की धार्मिक व ऐतिहासिक महत्ता बताई। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष कोरोना के कारण कपालमोचन मेले का आयोजन नहीं करवाया जा सका था, लेकिन इस बार कोविड प्रोटोकॉल को अपनाते हुए मेले का भव्य आयोजन किया गया। जिला प्रशासन द्वारा कम समय में बेहतरीन तैयारी करने पर मुख्यमंत्री ने सराहना की।
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि लाखों श्रद्धालुओं ने कपालमोचन मेले में आस्था की की डुबकी लगाई। उन्होंने ने कहा कि इस क्षेत्र का सांस्कृतिक दृष्टि से भी काफी महत्व है। इस जगह गुरु नानकदेव जी और गुरु गोबिंद सिंह जी का आगमन हुआ था। इसे भी ध्यान में रखते हुए हमने इस क्षेत्र के विकास के लिए अनेक कदम उठाए हैं। श्री कपालमोचन तीर्थ के अलावा श्री बद्रीनारायण, श्री माता मंत्रादेवी व श्री केदारनाथ के विकास के लिए श्राइन बोर्ड बनाया गया है।
कपालमोचन में 300 लाख रुपए की लागत से भव्य गुरु गोबिंद सिंह युद्ध कला संग्रहालय का निर्माण किया गया है। बिलासपुर-कपालमोचन-दनोरा सड़क को 20 करोड़ 8 लाख 97 हजार रुपए की लागत से चौड़ा व मजबूत किया गया है। यमुनानगर में लिंक रोड कपालमोचन-दनौरा सड़क से भगवानपुर सड़क को 2 करोड़ 58 लाख 4 हजार रुपये खर्च करके चौड़ा किया गया है। इसी प्रकार काटगढ़ से रामपुर गेंडा सड़क पर सोम नदी के ऊपर 6 करोड़ 43 लाख 79 हजार रुपए की लागत से ऊपरगामी पुल का निर्माण किया गया है। राजकीय महाविद्यालय अहड़वाला भवन का 14 करोड़ 13 लाख 50 हजार रुपए की लागत से निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने और आने वाली पीढ़ियों को अपनी समृद्ध परंपराओं से अवगत कराने के लिए कुरुक्षेत्र में हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव मनाया जाता है। इसके साथ-साथ हमारी सरकार ने प्राचीन पावन सरस्वती नदी को पुन: धरा पर लाने और इसके तटों पर स्थित तीर्थों के पुनरूद्वार के लिए सरस्वती विकास बोर्ड का गठन किया है। सरस्वती नदी को पुन: प्रवाहित करने के उद्देश्य से आदिबद्री में 3 सरस्वती सरोवरों एवं बांधों का निर्माण, पिहोवा के निकट सरस्वती वन क्षेत्र, स्योंसर में 2 सरस्वती सरोवरों का निर्माण और सरस्वती नदी की 2 अन्य धाराओं को सरस्वती से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले में आए संतों से मिले मांगपत्र के बाद उन्होंने जिला उपायुक्त को एक प्लॉन तैयार करने के निर्देश दिए हैं, जिस पर शीघ्र कार्रवाई शुरू की जाएगी।
कपालमोचन मेले में दर्शन करने के बाद मीडिया द्वारा कपालमोचन मेले में मुख्यमंत्रियों के न आने के बारे में फैले अंधविश्वास का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं ऐसे अंधविश्वास को नहीं मानता। मेला शुरू होने से कुछ दिन पहले ही मुझे इस प्रकार की जानकारी मिली थी कि वर्ष 1970 के बाद कोई भी मुख्यमंत्री इस कपालमोचन मेले में नहीं आया है, पहले पंजाब के मंत्री व मुख्यमंत्री भी इस मेले में आते थे। आज मैं दो बैठकें रद करके इस कार्यक्रम में शिरकत करने आया हूं, इससे पहले भी एक बार दर्शन करके जा चुका हूं। ऐसा ही अंधविश्वास करनाल के मधुबन को लेकर भी माना जाता है। मैं मुख्यमंत्री रहते हुए मधुबन में भी तीन बार अलग-अलग कार्यक्रमों में पहुंचा हूं जबकि पिछले 30 साल से मेरे अलावा कोई दूसरा मुख्यमंत्री मधुबन नहीं गया। इस मौके पर शिक्षा मंत्री कंवरपाल, अम्बाला के सांसद रतनलाल कटारिया, कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सैनी, यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
Also Read : All Three Agricultural Laws Back किसानों की जीत इतिहास के पन्नों में दर्ज
Read Also : All Three Agricultural Laws Back कानून रद करने की क्या ये रहेगी प्रक्रिया