15 नवंबर तक चलेगा कपाल मोचन मेला, श्रद्धालुओं की बढ़ने लगी भीड़
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Kapal Mochan Mela : यमुनानगर में कपाल मोचन में आयोजित पांच दिवसीय मेला शुरू हो चुका है आज इसका दूसरा दिन है। जी हां, दूसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। सबसे पहले एकादशी पर यहां साधु संतों ने शोभायात्रा निकाली और कपाल मोचन ऋण मोचन व सूरजकुंड सरोवर में विधिवत रूप से राजसी स्नान किया। वैसे आपको बता दें कि कपाल मोचन मेला आधिकारिक रूप से 11 नवंबर को शुरू हो चुका है।
मेले में दूसरे दिन रात तक ढाई लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। सुबह से ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में कपालभाती मेले में पहुंच रहे हैं। उक्त मेला 15 नवंबर तक चलेगा। वहीं 14 नवंबर की रात कार्तिक पूर्णिमा व गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष में श्रद्धालु सरोवर में स्नान करेंगे।
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उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि श्री कपाल मोचन मेले में देश के विभिन्न राज्यों से 8 लाख से 10 लाख की संख्या में श्रद्धालु यहां के तीनों पवित्र सरोवरों-कपाल मोचन सरोवर, ऋण मोचन सरोवर व सूरज कुण्ड सरोवर में क्रमवार स्नान करने के लिए आते हैं। कपाल मोचन मेला में आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधाएं मिलें, ऐसे सभी अधिकारियों के प्रयास होने चाहिएं।
वहीं पुलिस अधीक्षक राजीव देसवाल ने बताया कि मेले में सुरक्षा व्यवस्था के लिए 2500 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इससे उपरांत उपायुक्त एवं श्री कपाल मोचन, श्री बद्री नारायण, श्री माता मंत्रा देवी, श्री केदारनाथ मंदिर धार्मिक एवं पूजा स्थल बोर्ड यमुनानगर के मुख्य प्रशासक कैप्टन मनोज कुमार ने कपाल मोचन सरोवर, कपाल मोचन सरोवर व सूरजकुंड का निरीक्षण किया व मेला की तैयारियों का संबंधित अधिकारियों से जायजा लिया।
इस मेले की बात करें तो यह मेला सतयुग से इसी जगह पर चलता आ रहा है और धारणा है कि इस जगह पर बने तीनों स्रोवरो में यदि कोई मन्नत मांगकर स्नान करे तो उसकी एक ही साल में मांगी हुई मन्नत पूरी हो जाएगी। यह मेला हिंदु व सिख एकता का प्रतिक है। माना जाता है कि कपाल मोचन का नाम भगवान शंकर के बह्रम हत्या के लगे दोष को मिटाने के बाद ही पड़ा था।
गो बच्छा घाट पर भगवान शंकर स्नान कर बह्रम हत्या से मुक्त हुए थे जबकि इसी स्रोवर में पांडवों ने महाभारत का युद्व जीतने के बाद इस सरोवर में अपने शस्त्र साफ किए थे हालाकि इस सरोवर के पास बैठ कर सिखों के दसवे गुरू गुरू गोविंद सिंह जी ने भी भंगाली साहिब का युद्व जीतने से पहले तप्सया की थी और तभी से ही इन सरोवर की बहुत महत्वता है जबकि इसके साथ लगते ऋण मोचन सरोवर की सह महत्वता है कि यदि इस सरोवर में कोई सच्चे मन से स्नान करे तो वह ऋण मुक्त हो जाता है जबकि तीसरे सरोवर सुर्या कुण्ड में नहाने से मुक्ति प्राप्त होती है और इन दिनों में इन तीनों ही सरोवरों में दिन रात स्नान होता है, जबकि कार्तिक माह की पूर्णिमा को इन तीनों ही सरोवरों पर स्नान करने से जन्म-जन्म से मुक्ति प्राप्त हो जाती है।
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