इशिका ठाकुर, Haryana News (Karnal Kalpana Chawla Medical College): करनाल कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के छात्र रोहतक में छात्रों पर हुए वाटर कैनन और उनको उठाए जाने के विरोध में एडमिन ब्लॉक्स कॉलेज से निकलकर कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज ओपीडी के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।
भारी तादाद में यहां पर छात्र मौजूद हैं। एमबीबीएस के स्टूडेंट एडमिन ब्लॉक से निकलकर ओपीडी के बाहर आकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके प्रदर्शन का कारण है कि देर रात रोहतक मेडिकल कॉलेज से छात्रों को पुलिस द्वारा वाटर कैनन और धक्का-मुक्की कर उठाया गया है।
एमबीबीएस के विद्यार्थी बांड व भारी कॉलेज शुल्क का विरोध पिछले कई दिन से कर रहे हैं। हरियाणा के सभी सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए राज्य सरकार ने बांड व भारी कॉलेज शुल्क लागू कर दिया है। नई नीति के अनुसार सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी को एमबीबीएस के बाद 7 साल की नौकरी करनी होगी। या फिर प्रति वर्ष 10 लाख रुपए का शुल्क देना होगा। इस हिसाब से कोर्स की कुल फीस 45 लाख होगी।
वर्ष 2019 तक वार्षिक शुल्क लगभग 50 हजार था, जो 2021 से बढ़कर 80 हजार हो गया। 10 लाख में से बाकी राशि कर्ज के रूप में थी। एमबीबीएस विद्यार्थियों का यह भी कहना है कि कॉलेज फीस के अलावा छात्रों को हॉस्टल शुल्क, मेस बिल, किताबें और स्टेशनरी के लिए भी भुगतान करना पड़ता है। जो हर साल लगभग 70 से 80 हजार होता है।
सरकार की नीतियों के विरोध में एमबीबीएस के विद्यार्थियों का आंदोलन 2020 से चल रहा है। एक जनहित याचिका भी उच्च न्यायालय चंडीगढ़ में विचाराधीन है। इसी के विरोध में एमबीबीएस के छात्रों के दोबारा रोहतक में जो लोग प्रदर्शन किया जा रहा था, वहां देर रात प्रशासन द्वारा रोहतक से जबरदस्ती छात्र छात्राओं को उठा दिया गया, जिसके विरोध में करनाल के धरने प्रदर्शन पर बैठे एमबीबीएस के छात्रों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए उसकी घोर निंदा की।
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