इशिका ठाकुर, Karnal News: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करनाल में आयोजित महार्षि कश्यप जयंती समारोह के दौरान भारी जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कश्यप समाज के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि महर्षि कश्यप के जन्मोत्सव को रिस्ट्रिक्टेड अवकाश की लिस्ट में शामिल किया जाएगा। महर्षि कश्यप की जीवनी पर शोध के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में महर्षि कश्यप चेयर स्थापित की जाएगी, जिसके लिए इस वर्ष 15 लाख की राशि विश्वविद्यालय को दे दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि करनाल सेक्टर-14 का चौक महर्षि कश्यप के नाम से होगा तथा जुंडला राजकीय कॉलेज का नाम महर्षि कश्यप के नाम पर रखा जाएगा।
मनोहर लाल ने कहा कि महर्षि कश्यप की जयंती हर साल ऐसे ही राज्य स्तरीय समारोह आयोजित करके मनाई जाएगी तथा उनके नाम पर एक अंत्योदय कौशल रोजगार केन्द्र भी खोला जाएगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कश्यप समाज की 4 धर्मशालाओं करनाल, कुरुक्षेत्र, बिलासपुर और सफीदों के लिए 44 लाख रुपए अनुदान की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए और सबके समुचित विकास के लिए हर जिले में एक अंत्योदय कौशल विकास केंद्र खोला जाएगा, ताकि हुनर को पहचान कर उसे तराशा जाए और युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर खुल सकें। महर्षि कश्यप जयंती पर आयोजित इस राज्य स्तरीय समारोह में उम्मीद से कहीं ज्यादा भीड़ जुटी और मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही घोषणाओं के दौरान तालियों की गड़गड़ाहट और नारों से आकाश को गुंजायमान करती रही।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि दानवीर कर्ण की नगरी में इस महाआयोजन में शामिल होना उनके लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुनिराज कश्यप महान परोपकारी और प्रजापालक थे और उन्होंने समाज को एक नई दिशा देने के लिए स्मृति ग्रंथ और कश्यप संहिता जैसे महान ग्रंथों की रचना की। ऐसे महान ऋषि का प्रेरणादायक व्यक्तित्व मानव जाति का सदैव मार्गदर्शन करता रहेगा। मनोहर लाल ने कहा कि कश्यप समाज का इतिहास प्राचीन काल से ही गौरवपूर्ण रहा है। इस समाज ने रामायण काल में निषाद जैसे बलशाली राजा दिये। राजा निषाद ने ही वनवास के समय प्रभु श्री रामचंद्र जी को अपने यहां आश्रय दिया था। भक्त प्रहलाद भी इस समाज की देन हैं। महर्षि कश्यप का वंशज यह समाज, बहादुर और कमेरे वर्ग का समाज माना जाता है। आजादी के आंदोलन में इस समाज की बड़ी सराहनीय भूमिका रही है। इस समाज के लोग साहसी, वीर, परिश्रमी और स्वाभिमानी हैं और लोगों में अपार क्षमताएं हैं। वे क्षमताओं का पूरा उपयोग करके न केवल अपनी कौम का भला कर सकते हैं बल्कि पूरे समाज के विकास में रचनात्मक भूमिका निभा सकते हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि महापुरुषों की जयंतियां राज्य स्तर पर मनाने की पहल हरियाणा सरकार ने की है। उन्होंने कहा कि हमारे संत-महात्मा, गुरु और महापुरुष न केवल हमारी अमूल्य धरोहर हैं बल्कि हमारी प्रेरणा भी हैं। ऐसी महान विभूतियों की शिक्षाएं पूरे मानव समाज की धरोहर हैं। उनकी विरासत को सम्भालने व सहेजने की जिम्मेदारी हम सबकी है। इसलिए संत-महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना के तहत संतों व महापुरुषों के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का काम हरियाणा सरकार कर रही है।
महर्षि कश्यप के अलावा कबीर दास जी, महार्षि वाल्मीकि, डॉ. भीमराव अम्बेडकर और गुरु रविदास आदि की जयंती को राज्य स्तर पर मनाया रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अन्तर्गत श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश वर्ष को देश भर में मनाने का निर्णय लिया। इसी कड़ी में गत 24 अप्रैल को पानीपत में राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। इसी प्रकार प्रधानमंत्री ने दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह के शहीदी दिवस 26 दिसम्बर को हर वर्ष ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
प्रदेश में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व और श्री गुरु गोविन्द सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में भी राज्य स्तरीय आयोजन किये गए। हमने अमर स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने की पहल की है। उन्होंने कहा कि महापुरुषों ने जो समानता का संदेश दिया है, उसे साकार करने के लिए हमने अनेक ऐसी योजनाएं बनाई हैं, जिनसे गरीब से गरीब व्यक्ति का जीवन स्तर ऊंचा उठ सके।
मनोहर लाल ने कहा कि ‘अन्त्योदय’ के आदर्श पर चलते हुए हरियाणा सरकार प्रदेश में उन परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त कर रही है जो किन्हीं कारणों से पिछड़े रह गए। सभी वर्गों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इस वर्ष को हम ‘अन्त्योदय उत्थान वर्ष’ के रूप में मना रहे हैं और इसके लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना शुरू की है। इसके तहत सबसे गरीब परिवारों की पहचान करके उनकी वार्षिक आय कम से कम 1.80 लाख रुपए की जाएगी। इस योजना के तहत अब तक एक लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले लगभग 2 लाख 49 हजार परिवारों की पहचान की गई है। योजना के तहत दो चरणों में 156 स्थानों पर 570 मेला दिवस आयोजित किए गए, जिनमें 1 लाख 22 हजार परिवार शामिल हुए। अब इसका तीसरा चरण चल रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि लोगों को सभी सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ घर बैठे ही मिले और उन्हें दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें, इसके लिए सभी परिवारों के परिवार पहचान पत्र बनाए जा रहे हैं। इस एकमात्र दस्तावेज से सभी योजनाओं और सेवाओं का लाभ अब पात्र व्यक्ति को घर बैठे ही मिलने लगा है। सभी योजनाओं व सेवाओं को पीपीपी पोर्टल के साथ जोड़ा जा रहा है।
इस वर्ष अधिकांश सरकारी सेवाएं पीपीपी के जरिये आनलाइन मिलनी शुरू हो जाएंगी। अब जन्म-मृत्यु का डेटा भी ऑटो अपडेट होगा। युवाओं की शिक्षा, कौशल व बेरोजगारी का डेटा भी इस पोर्टल पर डाला गया है। हम राशन कार्ड बनाने का काम भी परिवार पहचान पत्र के माध्यम से करने जा रहे हैं। आरंभ में जिला सिरसा व कुरुक्षेत्र में यह योजना पायलट आधार पर शुरू की गई है। इस नई व्यवस्था के तहत लाभार्थी की आय में परिवर्तन होने पर राशन कार्डों के रंग श्रेणी भी अपने आप बदल जाएगी। यदि कोई व्यक्ति वृद्धावस्था पेंशन के लिए निर्धारित आयु पूरी कर लेता है तो उसे अपनी पेंशन बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे बल्कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से उसकी पेंशन अपने-आप शुरू हो जाएगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य में गरीबों को मुफ्त चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत 28 लाख से अधिक व्यक्तियों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। गरीब परिवार 631 सूचीबद्ध अस्पतालों में अपना इलाज करवा सकते हैं। इसके लिए 434 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति की जा चुकी है। सरकारी अस्पतालों में भी गरीबों को जांच और दवाइयां मुफ्त दी जा रही हैं।
‘सबको शिक्षा’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गरीब परिवारों के विद्यार्थियों के लिए 12वीं कक्षा तक मुफ्त पुस्तकें, वर्दी व लेखन सामग्री देने का प्रावधान किया है। यही नहीं, विभिन्न प्रतियोगी और प्रवेश परीक्षाओं के लिए तैयारी के लिए उन्हें मुफ्त कोचिंग प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, कई छात्रवृत्तियां भी दी जा रही ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के तहत गरीबों को सितंबर, 2022 तक हर महीने मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन बेघर लोगों की आय 1.80 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम है, उनका सर्वेक्षण शुरू किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग के छात्रों को डॉ. अम्बेडकर मेधावी छात्रवृत्ति योजना के तहत मैट्रिक के बाद उच्च शिक्षा के लिए कक्षा अनुसार 8 हजार रुपए से लेकर 12 हजार रुपए की वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाती है। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के अन्तर्गत मैट्रिकोत्तर कक्षाओं में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के छात्रों को प्रतिमास 230 रुपए से 1200 रुपए तक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त, सभी तरह की नॉन रिफंडेबल फीस की प्रतिपूर्ति की जाती है। सरकार निरंतर अंतिम पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए काम कर रही है। यही नहीं, ई-गवर्नेस का उपयोग कर गरीब आदमी के लिए सरकार के खजाने से निकला एक-एक पैसा उस तक पहुंचाया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से सांसद संजय भाटिया, अम्बाला सांसद रतन लाल कटारिया, कुरुक्षेत्र सांसद नायब सैनी, प्रदेश महामंत्री वेदपाल, डॉ. पवन सैनी, विधायक इंद्री रामकुमार कश्यप, विधायक घरोंडा हरविंदर कल्याण, पानीपत विधायक प्रमोद विज, महीपाल ढांढा, नीलोखेड़ी पूर्व विधायक भगवान दास कबीरपंथी, असंध से पूर्व विधायक बक्शीश सिंह, जिलाध्यक्ष योगेंद्र राणा, मेयर रेणू बाला गुप्ता, मुख्यमंत्री प्रतिनिधि संजय बठला, मीडिया कॉर्डिनेटर जगमोहन आनंद और जिला मीडिया प्रमुख डॉ. अशोक कुमार आदि मुख्य रूप से मौजूद थे।
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