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Key Points of Haryana Budget जानें, ये हैं बजट 2022-23 के मुख्य बिन्दु

• LAST UPDATED : March 8, 2022

Key Points of Haryana Budget

इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
Key Points of Haryana Budget हरियाणा के सीएम मनोहर लाल (CM Manohar Lal) का अपने दूसरे कार्यकाल का यह तीसरा बजट पेश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आज सबसे पहले 10 बजे अपने निवास पर बजट डॉक्यमेंट पर साइन किए। इसके बाद वे हरियाणा विधानसभा पहुंचे। बजट सत्र के दौरान सीएम ने कहा कि मेरे लिए यह अति सौभाग्य का विषय है कि सरकार का तीसरा बजट पेश कर रहा हूं। सीएम ने ऐलान किया कि वर्ष 2022-23 के लिए 1.77 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश करता हूं। इस बजट में पिछले वर्ष से 15.6% की वृद्धि हुई है, बजट पेश करते हुए मनोहर लाल ने महिला दिवस के मद्देनजर कई घोषणाएं भी की। सीएम ने राज्य स्तरीय सुषमा स्वराज पुरस्कार की घोषणा की। इसके तहत प्रशस्ति पत्र और पांच लाख रुपए दिए जाएंंगे। यह पुरस्कार उन महिलाओं को प्रदान किया जाएगा, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में नाम कमाया है। Haryana Budget 2022 Live Updates 

1- यह बजट प्रदेश में पोस्ट कोविड अर्थव्यवस्था को गति देने पर केन्द्रित है। जिस प्रकार केन्द्र सरकार ने इस साल के अपने बजट को ‘अमृत बजट’ कहा है, उसी प्रकार हरियाणा के लिए ‘वज्र बजट’ प्रस्तुत किया गया है।

2- यह बजट न केवल अर्थव्यवस्था को वज्र जैसी शक्ति प्रदान करेगा, बल्कि आने वाले 25 सालों में प्रदेश के विकास को तेज गति प्रदान करने का आधार भी बनेगा।

3- पोस्ट कोविड अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए Counter- Cyclical Fiscal उपाय किये गये हैं।

4- इस समय देश की अर्थव्यवस्था में हरियाणा का योगदान 3.4% है। इसे हम 4 % करके प्रधानमंत्री श्रेन्द्र मोदी के 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़ा योगदान करेंगे।

5- इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए तीन प्रमुख उद्देश्य- अंत्योदय की भावना से सबसे गरीब व्यक्ति का कल्याण, प्रभावी आय पुन:वितरण नीतियों के साथ उत्पादकता में वृद्धि और रोजगार व उद्यमिता सृजन रखे गये हैं।

6-  वर्ष 2022-23 के लिए 1,77,255.99 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव किया गया है, जो 2021-22 के 1,53,384.40 करोड़ रुपये से 15.6 प्रतिशत अधिक है।

7- राज्य सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) 2014-15 के 3,70,535 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 में 5,88,771 करोड़ रुपये हो गया है। इसमें 6.5 प्रतिषत वार्शिक वृद्धि हुई है।

8- इस बजट परिव्यय में 61,057.35 करोड़ रुपये का ­और 1,16,198.63 करोड़ रुपये का Revenue Expenditure शामिल है, जोकि क्रमशः 34.4% और 65.6 % है।

9- बजट अनुमान 2022-23 में कुल राजस्व प्राप्तियां 1,06,424.70 करोड़ रुपये प्रक्षेपित हैं, जिनमें 73,727.50 करोड़ रुपये का कर राजस्व, 12,205.36 करोड़ रुपये का गैर-कर राजस्व, 8,925.98 करोड़ रुपये केन्द्रीय करों का हिस्सा और 11,565.86 करोड़ रुपये का सहायता अनुदान शामिल है। इसके अतिरिक्त, पूंजीगत प्राप्तियां 5393.89 करोड़ रुपये प्रक्षेपित हैं।

10- इस वर्ष के बजट आवंटन को सतत विकास लक्ष्यों अर्थात Sustainable Development Goal के साथ भी जोड़ा गया है। 1,77,255.99करोड़ रुपये के कुल बजट में से सतत विकास लक्ष्य से संबंधित योजनाओं के लिए 1,14,444.77 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

11- राजकोषीय घाटे को वर्ष 2021-22 के लिए पंद्रहवें केंद्रीय वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित सीमा GSDP के 4 प्रतिशत के भीतर रखने में सफल रहे हैं।

12- कोविड-19 महामारी के संकट के बावजूद बाजार से लगभग 30,820 करोड़ रुपये की ही उधारी ली गई है, जबकि पंद्रहवें वित्त आयोग से 40,872 करोड़ रुपये की उधारी की अनुमति थी।

13- राजकोषीय घाटा वर्ष 2021-22 में GSDP का 2.99 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

14- वित्त वर्ष 2022-23 के लिए, यह कम होकर GSDP का 2.98 प्रतिशत अनुमानित है। यह पंद्रहवें वित्त आयोग द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए निर्धारित 3.5 प्रतिशत की सीमा के अंदर है।

15- राजस्व घाटाभी निरंतर कम हो रहा है। यह संशोधित अनुमान 2021-22 में 1.40 प्रतिशत अनुमानित है।

16- बजट अनुमान 2022-23 में जी.एस.डी.पी. के 0.98 प्रतिशत तक और कम होने का अनुमान है।

ऋण देयता

17-     ऋण देयता को भी सफलतापूर्वक समाहित किया गया है। संषोधित अनुमान 2021-22 में ऋण व GSDP का अनुपात 24.98 प्रतिशत अनुमानित है,जबकि पंद्रहवें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सीमा GSDP का 32.6 प्रतिशत है।

18-     बजट अनुमान 2022-23 के लिए, यह GSDP का 24.51 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि पंद्रहवें वित्त आयोग ने  वर्ष 2022-23 के लिए GSDP के 33.3 प्रतिशत की सीमा निर्धारित की है।

पूंजीगत व्यय

19-  पूंजीगत व्यय का आर्थिक विकास पर सीधा प्रभाव पड़ता है।सरकार कुल व्यय में पूंजीगत व्यय के अनुपात को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

20-  वर्ष 2021-22 में इसे बढ़ाकर 48,265.49 करोड़ रुपये करने में सक्षम हैं, जिससे कुल व्यय में पूंजीगत हिस्सा बढ़कर 31.5 प्रतिशत हो गया है।

21-  वित्त वर्ष 2022-23 में पूंजीगत हिस्सेदारी को 34.4 प्रतिशत बढाकर पूंजीगत व्यय को 61,057.35 करेड़ रुपये करने का प्रस्ताव है।

22- पूंजीगत व्यय के लिए बजटीय आवंटन के अतिरिक्त,  सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भी राज्य में पूंजीगत बुनियादी ढांचे के निर्माण और सुड्टृढ़ीकरण के लिए पर्याप्त पूंजी निवेश कर रहे हैं।

23- वर्ष 2022-23 में इनके द्वारा 5327.56 करोड़ रुपये के पूंजी निवेष की संभावना है। इसलिए, बजट अनुमान 2022-23 में Cumulative Capital Investment66,384.91 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

24- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की वित्तीय स्थिति मजबूत करने के लिए ठोस प्रयास किए गये हैं। इन्हीं का ही परिणाम है कि पिछले 5 सालों में इनका Cumulative Profit Margin लगभग 3 गुणा हो गया है। यह 562.88 करोड़ रुपये से बढ़कर   1393.04 करोड़ रुपये हो गया है।

25- सार्वजनिक बुनियादी ढांचा और सुविधाएं प्रदान करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है।

26- राजकोषीय अपव्यय से बचने के लिए 3 समर्पित कोष स्थापित किये जाएंगे।

  • हरित विकास उद््देश्यों के लिए ‘जलवायु एवं सतत विकास कोष’।
  • वैज्ञानिक गतिविधि और छात्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए ‘अनुसंधान एवं नवाचार कोष’।
  • स्टार्ट-अप की सहायता के लिए ‘उद्यम पूंजी कोष’।

27- सरकारी संस्थाओं को पोर्टफोलियो प्रबंधन और कम लागत वाली कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं के लिए एक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी के रूप में ‘हरियाणा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड’ की स्थापना की गई है।

हरियाणा के विकास का वज्र (डायमंड) मॉडल

28-    इस बजट में, आर्थिक विकास और मानव विकास को बढ़ाने, ईज ऑफ लीविंग, गरीबों व वंचित समूहों के उत्थान और नई प्रौद्योगिकी को अपनाकर उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही रोजगार व उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिए ‘वज्र मॉडल’ को प्रस्तुत कियागया है। इसमें 5 विकासात्मक शक्तियों की परिकल्पना की गई है।

29-    इस बजट की5शक्तियां हैं

  • समर्थ हरियाणासूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर

 संरचनात्मक और संस्थागत सुधार

  • अंत्योदयगरीब से गरीब व्यक्ति का उत्थान
  • सतत विकाससस्टेनेबल डेवेलपमेंट
  • संतुलित पर्यावरणपर्यावरणीय स्थिरता,
  • सहभागितासार्वजनिक व निजी भागीदारी (जी.सी.पी.)

महिला सशक्तिकरण

30-  महिलाओं के लिए 5 लाख रुपये की नकद राशि वाला ‘सुषमा स्वराज पुरस्कार’।

31-  महिला उद्यमियों के लिए ‘हरियाणा मातृशक्ति उद्यमिता’ योजना।

32-  कामकाजी महिलाओं के लिए फरीदाबाद, गुरुग्राम और  पंचकूला में नये आवास।

33-  जिला भिवानी के कुडल व छापर तथा जिला सोनीपत के गन्नौर में 3 नए सरकारी महिला कॉलेज।

34-  उन स्वयं सहायता समूह के ऋण की सम्पूर्ण ब्याज राशि सरकार वहन करेगी, जिनके आधे से अधिक सदस्यों के परिवारों की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम है।

कृषि और सम्बद्ध क्षेत्र

35-  प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 100 कलस्टर में ‘उत्पादन आधारित प्रोत्साहन कार्यक्रम’।

36-  मोटे अनाजों पर अनुसंधान व उत्पादकता में सुधार के लिए प्रषिक्षण हेतु भिवानी में ‘क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र’ की स्थापना।

37-  जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कपास उत्पादक जिला-सिरसा और फतेहाबाद में सूक्ष्म सिंचाई को प्रोत्साहन।

38-  गर्मी सीजन के मक्का की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर।

39-  नई ग्रामीण संपर्क सड़कों के निर्माण के लिए एच.एस.ए.एम.बी. को 200 करोड़ रुपये का अनुदान।

40-  ‘फसल समूह विकास कार्यक्रम’ के तहत 100 पैक हाउस की स्थापना।

41-  ‘फसल विविधिकरण कार्यक्रम’ के तहत 20,000 एकड़ में फसल विविधिकरण का लक्ष्य।

42-  किसानों को किराए पर मषीनें उपलब्ध करवाने हेतु 5 मशीन बैंक केंद्रों की स्थापना।

43-  किसानों के मार्गदर्शन के लिए ‘प्रगतिशील किसान कृषि दर्शन’ कार्यक्रम।

44-  पशुपालन व डेयरी क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए 1 लाख अंत्योदय परिवारों की आर्थिक मदद का लक्ष्य।

45-  ‘एम्ब्रयो ट्रांसफर टैक्नॉलोजी’ (ई.टी.टी.) से पैदा होने वाले बछड़ों पर 10,000 रुपये प्रोत्साहन राशि।

46-  अंत्योदय परिवार जिनके पास पशुओं को रखने के लिए भूमि या स्थान नहीं है, उन परिवारों को ग्राम पंचायत की भूमि पर एक सांझा शैड की सुविधा।

47-  मत्स्य पालकों को भी ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ की सुविधा।

48-  भिवानी में इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क-सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना।

49-  गुरुग्राम में सार्वजनिक-निजी भागीदारी पद्धति पर जलीय पौधों, मछलियों और जंतुओं का एक आधुनिक एक्वेरियम होगा स्थापित।

सहकारिता

50-  प्रदेश में हैफेड द्वारा ‘गुड़ इकाइयां’ स्थापित करने का निर्णय।

51-  सभी जिलों में दूध और दुग्ध व अन्य खाद्य उत्पादों की जांच के लिए प्रयोगषालाएं।

52-  ‘एकमुश्त निपटान योजना’ के तहत 30 नवम्बर, 2022 तक फसली ऋण या अन्य लघु या मध्यम अवधि के ऋणों की मूल राशि का भुगतान करने पर किसानों की दण्डात्मक ब्याज सहित ब्याज की पूरी राशि माफ।

पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन

53-    प्रदूशण कम करने के लिए हर जिले में हॉट स्पॉट को ग्रीन स्पॉट में बदलने का लक्ष्य।

54-   प्रमुख पर्यावरणविद श्री दर्शन लाल जैन के नाम पर 3 लाख रुपये तक का पुरस्कार।

55-    प्रदेश में 100 ‘वायु गुणवत्ता निगरानी केन्द्र’।

वन

56-    ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ‘ईको-टूरिज्म नीति’।

57-    हर वृक्ष की गिनती के लिए वृक्ष-गणना और जियो टैगिंग।

58-    कालका से कलेसर तक 150 कि.मी. लम्बी ‘नेचर ट्रेल’ की स्थापना।

59-    प्रदेष में 10 नई हाइटेक नर्ससरियां विकसित करने का निर्णय।

शिक्षा

60-   नूंह में नये बहु-विषयक राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना।

61-   बेटियों को सुरक्षित व सुलभ परिवहन सुविधा के लिए ‘साथी’ योजना।

62-   ‘स्कूल हैल्थ कार्ड कार्यक्रम’ के तहत 25 लाख छात्रों के स्वास्थ्य की जांच।

63-   अगले तीन वर्षों में 362 नये संस्कृति मॉडल स्कूल।

64-   कौशल को बढ़ावा देने के लिए एस.टी.ई.एम. लैब की स्थापना।

65-   8वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए विषयवार ओलंपियाड व पुरस्कार।

66-   सरकारी स्कूलों में पढने वाले 10वीं से 12वीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों को मुफ्त टेबलेट।

67-   सरकारी व निजी स्कूलों के विद्यार्थियों को जोड़ने के लिए ट्विनिंग प्रोग्राम।

68-   शैक्षणिक संस्थान नेतृत्व विकास कार्यक्रम के तहत षिक्षकों को हैडमास्टर, हैड टीचर व प्राचार्य का प्रषिक्षण।

69-  प्राचीन भाशाओं और हस्तलिपि में सीखने, अध्ययन और षोध को प्रोत्साहित करने हेतु अनुदान।

70-   उन्नत एवं उभरती प्रोद्योगिकियों में शिक्षा और शोध को बढावा देने के लिए मानेसर में ‘इंस्टीच्युट ऑफ इमर्जिंग टेक्नॉलाजी की स्थापना।

स्वास्थ्य

71-  उप-मण्डलीय अस्पतालों को ऑक्सीजन सुविधा सहित 100 बिस्तरों के अस्पताल में अपग्रेड करना।

72-  वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक वाले परिवारों को ‘आयुष्मान भारत योजना’ का लाभ।

73-   वार्षिक आय 3 लाख रुपये तक वाले परिवारों के 70 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगजनों को ‘आयुष्मान भारत योजना’ का लाभ।

74-   अस्पतालों को ‘आयुष्मान भारत योजना’ के इलाज की 75 प्रतिशत राशि का भुगतान 15 दिनों के भीतर।

75-   वार्षिक आय 1.80 लाख तक वाले परिवारों को 2 वर्ष में एक बार नि:शुल्क सामान्य स्वास्थ्य जांच सुविधा।

76-  राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में 40 प्रतिशत सीटें सरकारी सेवा के डॉक्टरों हेतु आरक्षित।

77-  वरिष्ठ नागरिकों के लिए जिला नागरिक अस्पतालों में वरिष्ठ नागरिक कॉर्नर।

78-  सभी जिला नागरिक अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में विश्राम सराय की सुविधा।

79-  छोटे कस्बों और बड़े गांवों में अस्पताल व नर्सिंग होम खोलने पर 3 वर्ष तक ऋण के ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट।

80-  हर खण्ड में टीबी जांच के लिए मॉलिक्यूलर टैस्टिंग लैब की सुविधा।

81-  गरीबों को उत्तम स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए मोबाइल युनिटस षुरु करने का निर्णय।

चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान

82-    PGIMS रोहतक में किडनी प्रत्यारोपण सुविधा।

83-    कैथल, सिरसा और यमुनानगर में नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना आरंभ।

84-   पलवल, चरखी-दादरी, पंचकूला और फतेहाबाद में भी नए मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा।

85-    जींद, भिवानी, महेन्द्रगढ़, सिरसा, यमुनानगर, पलवल, चरखी-दादरी, पंचकूला और फतेहाबाद में मेडिकल कॉलेजों के साथ नये नर्सिंग कॉलेज खोलने का निर्णय।

86-    तकनीकी विश्वविद्यालयों व मेडिकल कॉलेजों के साथ मिलकर चिकित्सा-प्रौद्योगिकी व जैव चिकित्सा-इंजीनियरिंग में संयुक्त डिग्री शुरू करने का निर्णय।

87-    ऐलोपैथी और आयुष उपचार पद्धतियों के लिए संयुक्त अनुसंधान केन्द्र की स्थापना।

बाल विकास

88-    आंगनवाड़ी के बच्चों के लिए बाल संवर्धन प्रणाली।

89-    ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना’ योजना का लाभ अब दूसरे बच्चे पर भी।

कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण

90-    ‘गुरु-षिश्य योजना’ के तहत 25000

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