Khap Panchayat on Hindu Marriage Act हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन के लिए एकजुट हुई खाप पंचायतें

इंडिया न्यूज, जींद :
Khap Panchayat on Hindu Marriage Act :
जाट धर्मशाला में वीरवार को हिंदू विवाह अधिनियम संशोधन को लेकर प्रदेशभर की खाप पंचायतों के प्रतिनिधि एकत्रित हुए। इस महापंचायत में सर्वसम्मति से एक गोत्र के लड़का व लड़की की शादी को अमान्य करार दिया गया।

महापंचायत में कहा गया कि गोत्र का मतलब एक वंश है यदि कोई गोत्र को शौकीनी तौर पर लिखता है तो उसे वंश नहीं माना जाएगा। याद रहे खाप पंचायतों का यह फैसला उस समय आया है जब केंद्र सरकार लड़की की आयु विवाह के योग्य 21 वर्ष का प्रावधान कर रही है। सर्व खाप महापंचायत की अगुवाई ढांडा खाप ने की।

सर्व खाप पंचायत में पारित अन्य प्रस्तावों में एक गांव और उसके साथ लगते पड़ोसी गांव में भी शादी अमान्य है। महापंचायत में कहा गया ग्राम पंचायत का मतलब है जो गांव अब कस्बे बन गए हैं या अर्थ शहर के रूप में विकसित हो गए। उनमें गांव, पड़ोस के गांव का यह नियम लागू नहीं होगा।

कस्बों के लड़के लड़कियों द्वारा उस कस्बे और आसपास के गांव में दूसरे गोत्र में शादी करने की छूट है। कस्बों की पहचान नगर पालिका व उपमंडल का दर्जा प्राप्त शहरों से मानी जाती है।

ढांडा खाप के महासचिव देवव्रत ढांडा ने बताया कि शादी के लिए कोर्ट मैरिज की उम्र 21 साल ठीक है लेकिन माता-पिता की सहमति से होने वाली शादी 18 साल की उम्र में भी मान्य है।

महापंचायत में हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन को लेकर हुआ मंथन Khap Panchayat on Hindu Marriage Act

हिंदू मैरिज एक्ट और लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल किए जाने को लेकर वीरवार को जींद की जाट धर्मशाला में खाप महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत में दो मुद्दों को रखा गया जिसमें पहला मुद्दा एक गांव, गौत्र व गुहांड में शादी पर रहा जबकि दुसरा मुद्दा लड़की की शादी की उम्र 18 वर्ष से 21 वर्ष करना रहा।

पहले मुद्दे पर सभी खाप पंचायतों ने सहमति जताई कि गांव, गुहांड व समगोत्र में शादी को अमान्य गैरकानूनी ठहराया जाए और इस पर हिंदू मैरिज एक्ट में संशोधन किया जाए।

दूसरे मुद्दे पर भी ज्यादातर खाप पंचायतों ने कहा कि सरकार लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 करने पर खापों की राय ले। माता-पिता की सहमति से 18 की उम्र में भी शादी मान्य हो।

यह हुआ प्रस्ताव पारित

लगभग छह घंटे से भी अधिक समय तक महापंचायत में हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन को लेकर गहरा मंथन हुआ। अंत में महापंचायत में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन कर एक गांव और एक गोत्र में शादी पर कानूनी रोक लगाई जाए।

महापंचायत ने गांव के साथ लगते गांव में शादी के मामले में लचीला रूख दिखाते हुए कहा कि किसी कस्बे के साथ लगते गांव में शादी बेशक हो। इस पर खाप पंचायत को कोई ऐतराज नहीं है। कस्बा वही माना जाए जिसे नगर पालिका या उपमंडल का दर्जा प्राप्त हो।

एक गोत्र के लड़के और लड़की की शादी को अमान्य करार दिया

महापंचायत में एक गोत्र के लड़के और लड़की की शादी को अमान्य करार दिया गया। लड़का और लड़की भले ही देश और प्रदेश से बाहर रह रहे हों लेकिन एक गोत्र में शादी नहीं कर सकते हैं।

इसके अलावा महाविद्यालय, विश्वविद्यालय में पढऩे वाली लड़कियों से शादी की उम्र के निर्धारण को लेकर उनकी राय जानी जाएगी। लड़कियों की जो राय होगी उसे महत्व दिया जाए।

लड़की की शादी के लिए माता-पिता की सहमति जरूरी

खाप महापंचायत में केंद्र सरकार द्वारा लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने के फैसले पर मंथन करते हुए प्रस्ताव पारित किया कि 21 साल की उम्र शादी के लिए कोर्ट मैरिज के मामले में ठीक है लेकिन माता-पिता की सहमति आवश्यक है।

लड़की की शादी 18 साल की उम्र में भी मान्य होनी चाहिए। वहीं खाप नेताओं ने सरकार से मांग की कि प्रदेश में जातीय जहर फैलाने वाला किसी भी जाति का होए उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए। प्रदेश के सामाजिक भाईचारे को मजबूत बनाया जाए।

बच्चों की शादी पर हो मां-बाप की मर्जी : टेकराम कंडेला

टेकराम कंडेला ने कहा कि पिछले 30 साल से समगोत्र विवाह पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना किया है। उन्होंने किसानों को किसान आंदोलन की जीत पर बधाई दी। सरकार बुढ़ापा पेंशन पर सरकार रोक लगाने जा रही है वो उसका विरोध करते हैं।

सरकार ने जो कानून बनाया है वह गलत है। बच्चों की शादी पर मां-बाप की मर्जी होनी चाहिए। हम इस बात को सभी राज्यों में लेकर जाएंगें और एक ड्राफ्ट भी बनाया जाएगा और सरकार के पास भी भेजा जाएगा। ढांडा खाप के प्रधान देवव्रत ढांडा ने कहा कि एक गोत्र में शादी अमान्य है।

चाहे गांव, गवहांड में हो और चाहे वह बाहर रहे हो मान्य नहीं है। शहरों व कस्बों  में शादी मान्य है। क्योंकि वहां पर बहुत सारे गोत्रों के लोग रहते हैं। कोर्ट मैरिज के लिए 21 साल उम्र सही है। घर पर होने वाली शादी 18 साल हो और मां-बाप को शादी करने की छूट दी जाए सभी ने हाथ उठा कर इस फैसले का सम्मान किया।

मां-बाप की मर्जी के बिना शादी मान्य नहीं होनी चाहिए : सांगवान

दादरी के विधायक सोमवीर सांगवान ने कहा कि आज तक खापों ने जो फैसला लिया है वह मान्य भी हुआ है। अमेरीका के राष्ट्रपति भी हमारे देश की खापों को मानते हैं। हम सब का कर्तव्य है कि बुराई को रोकना है और जो सरकार फैसला लेकर आई है उसका भी विरोध करना है।

जो माता-पिता साधन संपन्न होते हैं वह अपना बच्चों की 21 साल की उम्र तक शादी नहीं करते हैं और जो माता-पिता साधन संपन्न नहीं होते हैं वही मां बाप अपने बच्चों की शादी 18 साल की उम्र में शादी कर देते हैं।

सरकार को चाहिए कि जो बच्चे साधन संपन्न नहीं होते उन बच्चों को हर सुविधा देने का काम करना चाहिए। सरकार ऐसा कानून बनाए ताकि मां-बाप की मर्जी के बिना शादी मान्य नहीं होनी चाहिए।

इन खापों के प्रतिनिधि हुए शामिल

मलिक खाप, नरवाल खाप, चौगामा खाप, 84 खाप, कुंडू खाप, नांदल खाप, बारह पालम खाप, बुराना बारह खाप, कंडेला खाप, माजरा खाप, राठी खाप, राजपूत समाज, सांगवान खाप, अहलावत खाप शामिल हुए।

दहिया खाप, खेड़ा खाप, बाल तपा, सहारण खाप, गोयत खाप, महम चौबीसी, पूनिया खाप, जाट सभा करनाल, जाट सभा रोहतक, राखी बारह खाप, खरक बारह खाप, नंदगढ़ बारह खाप समेत आदि सैंकड़ो खाप पंचायतों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

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