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Haryana Congress Defeat’s Reasons : आखिर कौन से थे वो कारण जो कांग्रेस को ले डूबे, जानिए

• LAST UPDATED : October 9, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Congress Defeat’s Reasons : प्रदेश में लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव भी खत्म हो चुके हैं। लोकसभा में जहां कांग्रेस ने जहां 5 सीटों पर फतेह हासिल कर फिफ्टी-फिफ्टी का दाव खेला था, लेकिन इन विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस शुरू से ही ओवर कॉन्फिडेंस में रही। रही-सही कसर एग्जिट पोल ने निकाल दी, क्योंकि जैसे ही चुनाव समाप्त हुए तो धड़ाधड़ एग्जिट पोल आने शुरू हो गए।

सभी पोल ने कांग्रेस को 50 पार के दिखाया। बता दें कि देर शाम तक हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम जारी हो चुके हैं जिसमें भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल किया। 57 साल का इतिहास रहा है जब हरियाणा में एक ही पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज हुई हो। चलिए आपको वे कारण बताते हैं जिनके कारण कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा।

Haryana Congress Defeat’s Reasons : गुटबाजी और आंतरिक कलह

चुनाव शुरू होने के आखिर तक कांग्रेस की आंतरिक कलह सबके सामने नजर आती रही है। कांग्रेस में भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला जैसे गुट सामने आए। तीनों के विचारों में ही मेल नजर नहीं आया जो कहीं न कहीं जनता को रास नहीं आया। सभी ने देखा था कि सैलजा और रणदीप ने काफी देरी से चुनाव प्रचार में भाग लिया था। बड़ी कशमकश में राहुल गांधी ने एक रैली में भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा का हाथ मिलवाया था।

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हुड्डा गुट को ज्यादा टिकटें मिलना

शुरू से ही कांग्रेस पूरी तरह से भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर ही निर्भर नजर आया। कुमारी सैलजा का तो पलड़ा काफी हल्का नजर आया। टिकट बंटवारे से लेकर चुनाव प्रचार तक भूपेंद्र हुड्डा की आगे रहा। टिकटों के बंटवारे में भी सैलजा गुट को कम टिकटें मिल पाई थी जिसके कारण भी सैलजा नराज चल रही थीं।

पहलवानों के आंदोलन पर राजनीतिक रंग

जी हां, पहलवानों के आंदोलन पर राजनीतिक रंग भी हार का कारण रहा। क्योंकि बृजभूषण यौन शोषण मामले में पहलवान आंदोलन कर रहे थे। इस आंदोलन में शुरुआती दौर में तो काफी सहानुभूति मिलती नजर आई लेकिर जैस ही इस आंदोलन में कांग्रेस की एंट्री हुई तो इस पर राजनीतिक रंग चढ़ना शुरू हो गया। बात यहीं पर नहीं थमी कांग्रेस ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को भी कांग्रेस में शामिल कर लिया।

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ओवर कॉन्फिडेंस

इसके कोई शक नहीं कि कांग्रेस को ओवर कॉन्फिडेंस भी ले डूबा। मालूम रहे कि लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने 2014 और 2019 की अपेक्षा काफी बेहतर प्रदर्शन किया। पार्टी ने हरियाणा की 10 में 5 सीटों पर कब्जा कियाा। हालांकि, पूरे हरियाणा विधानसभा चुनाव में ऐसे लगा जैसे कांग्रेस इस जीत के बाद ओवर कॉन्फिडेंस में आ गई। पार्टी ने फिर बीजेपी को हल्के में लेना शुरू कर दिया था।

जाति और आरक्षण

हरियाणा में राहुल गांधी का पूरा चुनावी कैंपेन पूरी तरह से जाति और आरक्षण के इर्द-गिर्द ही घूमता नजर आया। भाजपा ने इन चुनावों में अपने 10 साल के किए कार्यों का मुद्दा लेकर लड़ा जिसका परिणाम भी सबके सामने है। इसके साथ ही भाजपा ने राहुल गांधी द्वारा अमेरिका जा आरक्षण खत्म करने की बात का मुद्दा भी बनाया।

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