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खूब हुई देवरों की कोलड़ा से धुलाई

• LAST UPDATED : March 29, 2021

रोहतक

हरियाणा के गांव में आज भी प्रचलित है कोलड़ा मार होली, जिसके चलते महिलाओ ने कोलड़ा से जमकर देवरों की धुलाई की, इसी के चलते शाम को देवर अपनी भाभियों को मिठाई खिला इस परंपरा को जीवित रखते हैं,हा हालांकि बढ़ते कोरोना के चलते सार्वजनिक स्थानों पर होली खेलने पर शख्त पाबंदी है. लेकिन सदियों पुरानी परंपरा के चलते हरियाणा के गांव में आज भी बड़ी शानोशौकत से कोलड़ा मार होली खेली जाती है, कोलड़ा मार होली के  चलते महिलाएं कपड़े का कोलड़ा बना अपने देवरो की धुलाई करती हैं, जबकि पुरुष पानी और डंडो से अपना बचाव करते हैं. महिलाओं का कहना है भाईचारे का प्रतीक होली के दिन रूठे भी मनमुटाव भूल कर होली खेलते हैं।

बढ़ते कोरोना के प्रकोप के चलते हरियाणा में सार्वजनिक रूप से होली खेलने पर शख्त पाबंदी थी, लेकिन सदियों पुरानी परंपरा, और साल भर के त्योहार के चलते हरियाणा के गांव में जमकर कोलड़ा मार होली खेली गई, जिसमें महिलाओं ने अपने देवरों संग जमकर होली खेली, यही नहीं महिलाओ ने हाथों में कोलड़ा लेकर देवरों की धुलाई की, वहीं पुरुषों ने भी हाथ मे डंडे ओर पानी से बचाव किया. हरियाणा के गांवों में सदियों से कोलड़ा मार होली की परंपरा चली आ रही है. जिसमें महिलाएं अपने देवरों को कपड़े के कोलड़ा से पिटती है और शाम को देवर अपनी भाभी को मिठाई खिलाकर इर परंपरा को निभातीं हैं।

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