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Kuldeep Bishnoi : मुझे केंद्रीय मंत्री और उपमुख्यमंत्री का पद ऑफर किया गया था, लेकिन…, Kuldeep Bishnoi ने खोले सभी राज

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Kuldeep Bishnoi: बीजेपी के नेताओं में एकजुटता और अपनी पार्टी के लिए वफादारी हमेशा देखने को मिलती है। सत्तारूढ़ बीजेपी के नेताओं का अक्सर कहना होता है कि हमें पद का लालच नहीं है। वहीँ बीजेपी की विचारधारा की प्रशंसा विदेश तक में होती है। लेकिन आपको बता दें, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के बेटे और बीजेपी नेता कुलदीप बिश्नोई चर्चाओं में हैं। उनके चर्चाओं में आने की वजह ये है कि उन्हें राज्य सभा नहीं भेजा गया। वहीँ बिश्नोई के समर्थकों को उम्मीद थी कि बीजेपी उन्हें राज्यसभा भेजेगी, लेकिन पार्टी ने राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष रेखा शर्मा जो प्रशानमंत्री की खास हैं उन्हें ये पद सौंपा गया। इस बात का फैसला काफी समय पहले हो गया था। लेकिन इन मामलों पर कुलदीप बिश्नोई का बयान सामने आया है।

  • कुलदीप को विधानसभा में लगा बड़ा झटका
  • पद को लेकर क्या बोले कुलदीप?

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कुलदीप को विधानसभा में लगा बड़ा झटका

आपकी जानकारी के लिए बता दें, कुलदीप बिश्नोई को हाल ही में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में बड़ा झटका लगा। दरअसल, इनके बेटे को हार का सामना करना पड़ा। आपको बता दें, जब उनके बेटे भव्य बिश्नोई को अपने गढ़ आदमपुर में हार मिली तो वो दंग रह गए क्यूंकि आदमपुर में 57 साल में पहली बार ऐसा हुआ है जब बिश्नोई परिवार को हार का सामना करना पड़ा। आपको बता दें, भव्य बिश्नोई ने नवंबर 2022 में हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की थी।

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पद को लेकर क्या बोले कुलदीप?

दरअसल, उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें पद का लालच नहीं है। उइसके अलावा कुलदीप बिश्नोई ने कहा, मुझे कभी भी पदों का लालच नहीं रहा। मुझे पहले केंद्रीय मंत्री और उपमुख्यमंत्री का पद ऑफर किया गया था। लेकिन मैंने कहा है कि कुलदीप बिश्नोई बिकाऊ नहीं हैं। इतना ही नहीं उन्होंने अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा से इस्तीफे पर कहा कि, पिता की मृत्यु के बाद मुझे जिम्मेदारी सौंपी गई और उसके बाद मैंने 12 साल से अधिक समय तक महासभा के संरक्षक के रूप में काम किया।

मैंने समुदाय को एकजुट रखा और इसे नई ऊंचाइयों पर ले गया। राजनीतिक शक्तियों की कमी के बावजूद, मैंने अपने समुदाय के कल्याण के लिए अथक काम किया। उन्होंने कहा कि मैंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे दिया क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि मैं राजनीतिक रूप से आगे बढ़ने के लिए प्रयास कर रहा हूं और इस जिम्मेदारी के लिए अपना ज्यादा समय देना संभव नहीं है।

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Heena Khan

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