इंडिया न्यूज, Haryana News (Kuldeep Bishnoi Joins Bjp): कुलदीप बिश्नोई ने जहां कल कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, वहीं वे आज दिल्ली आॅफिस में भाजपा में शामिल हो गए हैं। कुलदीप बिश्नोई ने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, हरियाणा के मुख्यमत्री मनोहर लाल और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान कुलदीप के साथ पत्नी रेणुका बिश्नोई सहित कई लोग पहुंचे। इस दौरान रेणुका ने भी भाजपा का दामन थामा।
कुलदीप बिश्नोई और उनकी पत्नी का भाजपा में शामिल होने पर सीएम मनोहर लाल ने कहा कि मैं दोनों का भव्य स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के विकास में कुलदीप ने सक्रिय भूमिका निभाई है। मुझे पूरी उम्मीद है कि अब कुलदीप हमारे साथ मिलकर भाजपा का विकास करेंगे।
सीएम ने कहा कि कुलदीप ने पार्टी में शामिल होने को लेकर कुलदीप ने कोई शर्त नहीं रखी। वहीं प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने कुलदीप बिश्नोई को पार्टी में शामिल होने पर बधाई दी और कहा कि पार्टी को इनके आने से मजबूती मिलेगी।
वहीं कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि कांग्रेस अब इंदिरा और राजीव गांधी की पार्टी नहीं रही। आज देश हित की पार्टी मात्र भाजपा ही है। हरियाणा के सीएम की सोच से मैं काफी प्रभावित हुआ हूं इसीलिए आज कांग्रेस से इस्तीफा दिया है। मैंने एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में पार्टी जॉइन की है। ज्ञात रहे कि कुलदीप बिश्नोई दोबारा फिर 6 साल बाद कांग्रेस से किनारा किया है।
माना जा रहा है कि कांग्रेस की तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा के इस्तीफा देने के बाद कुलदीप ही इस पद को पाना चाहते थे, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने बेटे दीपेंद्र को प्रदेशाध्यक्ष बनाना चाहते थे। इसी बात को लेकर दोनों में विरोध से सुर तेज हो गए थे।
बात बिगड़ती देखकर ही उदयभान को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद पर बिठाया गया। राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा, नहीं मिला। इसके बाद राज्यसभा चुनाव में कुलदीप ने कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन के खिलाफ वोट की, जिस कारण अजय माकन की हार गई।
पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो कुलदीप ने कांग्रेस छोड़कर 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस का गठन किया था जिसमें पार्टी के 7 विधायक जीते, परंतु 5 विधायक कांग्रेस में चले गए थे।
ज्ञात रहे कि कुलदीप ने लोकसभा चुनाव 2014 से पहले भाजपा के साथ गठबंधन किया लेकिन कई कारणों से भाजपा के साथ गठबंधन टूट गया था औरहजकां का विलय कांग्रेस में करके घर वापसी कर ली थी।
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