India News (इंडिया न्यूज़), Haryana Cold Storage, चंडीगढ़ : हरियाणा मुख्य रूप से कृषि प्रधान राज्य है और पिछले कुछ समय से किसान वर्ग कई मोर्चों पर समस्याओं से जूझ रहा है। किसानों की आर्थिक हालत को सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग लंबे समय से उठ रही है। किसानों को उनके उत्पादों व फसलों की सही कीमत नहीं मिल पाना भी लंबे समय से मुद्दा रहा है। इसके अलावा अक्सर देखा जाता है कि उचित भंडारण के अभाव में किसान अनाज, फल और सब्जी सहित अन्य जल्द खराब होने वाली चीजें लंबे समय तक सुरक्षित नहीं रख पाते हैं। इसके कारण किसानों को मजबूरन कम दाम पर अपनी उपज बाजार में बेचनी पड़ती है।
हरियाणा में 200 से ज्यादा कोल्ड स्टोरेज और 500 से ज्यादा गोदाम हैं लेकिन जरूरत के लिहाज से इनकी संख्या कम है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से किसानों को कोल्ड स्टोरेज खोलने के लिए सहायता प्रदान की जा रही है ताकि किसान अपने उत्पादों को लंबे समय तक सुरक्षित रखकर लाभ प्राप्त कर सके। इसको देखते हुए सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा कोल्ड स्टोर खोले जाएं ताकि जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों का उचित भंडारण हो सके और किसानों को इसका उचित दाम मिले। बता दें कि सरकार किसानों को कोल्ड स्टोरेज खोलने के लिए सरकार 50 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ प्रदान कर रही है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में कुल 206 कोल्ड स्टोरेज हैं। दिल्ली से सटे हरियाणा के सोनीपत में सबसे ज्यादा 81 कोल्ड स्टोरेज हैं तो वहीं इसके बाद कुरुक्षेत्र में दूसरे स्थान पर सबसे ज्यादा 35 कोल्ड स्टोरेज हैं। हालांकि जरुरत के लिहाज से ज्यादा कोल्ड स्टोरेज की जरुरत है। इनके अलावा यमुनानगर में 15, सिरसा व फतेहाबाद में 30, प्रत्येक में 15, कोल्ड स्टोरेज हैंं वहीं अंबाला और भिवानी में 16, प्रत्येक में 8 और नारनौल, हिसार, कैथल, जींद और करनाल में 20, प्रत्येक में 4 और रोहतक में 3 कोल्ड स्टोरेज हैं। इसके अलावा रेवाड़ी, नूंह, गुरुग्राम और झज्जर में 4, प्रत्येक में 1 कोल्ड स्टोरेज हैं।
रोहतक, करनाल और चरखी दादरी जैसे जिलों में सब्जियों की बड़े पैमाने पर खेती होती है, लेकिन उसे रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की पर्याप्त सुविधा नहीं है। ऐसे में कृषक वर्ग को समस्याओं से जूझना पड़ता है क्योंकि कोल्ड स्टोरेज के अभाव में सब्जियां खराब हो जाती हैं या फिर उनको औने-पौने दाम पर अपना उत्पाद बेचना पड़ता है। बता दें कि इन तीनों जिलों में महज 8 ही कोल्ड स्टोरेज हैं तो किसानों की परेशानी को आसानी से समझा जा सकता है।
ऐसे में जरुरत है कि सरकार को तुरंत प्रभाव से इन जिलों में कोल्ड स्टोरेज की स्थापना की तरफ कदम उठाए जाने की जरूरत है। इसके अलावा भी कई जिलों में सब्जियों की ठीकठाक पैदावार होती है लेकिन वहां भी कोल्ड स्टोरेज जरुरत के लिहाज से नहीं हैं। कई जिलों में बतौर विकल्प प्राइवेट कोल्ड स्टोरेज हैं लेकिन किराया ज्यादा होने की वजह से किसान प्राइवेट कोल्ड स्टोरेज का रुख नहीं करते। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में आलू, टमाटर, गाजर, खीरा, लौकी, फूलगोभी, हरी मिर्च, पालक, बैंगन, करेला जैसी सब्जियां बोई जाती हैं, लेकिन कोल्ड स्टोरेज की कमी के चलते किसानों को न तो उनकी फसल का उचित दाम मिल पाता है और न ही वो फसल को खराब होने से बचा पाते हैं।
इसके अलावा, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) बागवानी उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज और भंडारणों के निर्माण् विस्तार/आधुनिकीकरण के लिए पूंजी निवेश सब्सिडी नामक एक स्कीम को कार्यान्वित कर रहा है। इस स्कीम के अंतर्गत, कोल्ड स्टोरेज के निर्माण विस्तार/आधुनिकीकरण और 5000 मीट्रिक टन से अधिक और 10000 मीट्रिक टन तक नियंत्रित वातावरण (सीए) भंडारण के तिए सामान्य क्षेत्रों में परियोजना की पूंजीगत लागत की 35% की दर पर और पूर्वोत्तर, पहाड़ी और अनुसूचित क्षेत्रों के मामले में 50% की दर पर क्रेडिट लिंक्ड बैंक एंडेड सब्सिडी उपलम है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के मामले में 1000 टन से अधिक क्षमता वाली इकाइयों भी सहायता के लिए पात्र हैं।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) एकीकृत कोल्ड चेन, खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण अवसंरचना के लिए योजना को कार्यान्वित करता है जो प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसकई) के घटकों में से एक के रूप में है, जिसका उद्देश्य बागवानी और गैर-बागवानी उत्पादों की कटाई के बाद के नुकसान को कम करने और किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य प्रदान करना है।
इस योजना के तहत, मंत्रालय भंडारण और परिवहन अवसंरचना के लिए सामान्य क्षेत्रों के लिए 35% की दर से और पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों, आईटीडीपी क्षेत्रों और द्वीपों के लिए 50% की दर से और मूल्य संवर्धन और प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे के लिए क्रमशः 50% और 75% की दर से सहायता अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करता है जो विकिरणन सुक्थिा सहित एकीकृत कोल्ड चेन परियोजनाओं की स्थापना के लिए प्रति परियोजना 10.00 करोड़ रुपये अधिकतम अनुदान के अध्यधीन है। स्कीम के अंतर्गत स्टेंडएलोन कोल्ड स्टोरेज को शामिल नहीं किया गया है।
जिले का नाम कोल्ड स्टोरेज की संख्या गोदामों की संख्या
2. भिवानी 8 8
3.चरखी दादरी 0 2
4. फतेहाबाद 13 42
5. फरीदाबाद 0 4
6. गुरुग्राम 1 5
7. हिसार 4 53
8. झज्जर 1 7
9. जींद 4 39
10. कैथल 4 61
11. करनाल 4 56
12. कुरुक्षेत्र 35 63
13. नूह 1 4
14. नारनौल 4 9
15. पलवल 2 13
16.पंचकूला 2 0
17. पानीपत 2 18
18. रोहतक 3 20
19. रेवाड़ी 1 5
20. सिरसा 13 34
21. सोनीपत 81 20
22. यमुनानगर 15 14
कुल 206 508
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