डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज), IAS Officers, चंडीगढ़ : हरियाणा में आईएएस अधिकारियों की कमी का मामला निरंतर सुर्खियों में रहता है। अधिकारियों की कमी के चलते प्रशासनिक कार्यों में भी खलल पड़ता है। हालांकि हर साल केंद्र से अधिकारी आवंटित भी होते हैं और हर साल अधिकारी रिटायर भी होते हैं। आंकड़ों की मानें तो हरियाणा में कुल पदों में से 21 फीसदी पद अभी भी खाली हैं।
इसी कड़ी में सामने आया है कि गत दिनों हरियाणा के आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) कैडर में एक और महिला अधिकारी शामिल हो गई है। ये 2018 बैच की महिला अधिकारी अनुपमा अंजली हैं और इनका कैडर के 2020 बैच के एक आईएएस हर्षित कुमार से विवाह हुआ। इसी कारण आंध्र प्रदेश कैडर से हरियाणा कैडर में इंटर-कैडर (एक प्रदेश कैडर से दूसरे प्रदेश कैडर में) ट्रांसफर किया गया है। इससे पहले भी विवाह के चलते अधिकारियों के कैडर में परिवर्तन हुआ है। अधिकारियों की कमी को लेकर सीएम मनोहर लाल केंद्र के सामने भी अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं क्योंकि अधिकारियों की कमी के चलते विकास कार्य भी बाधित होते हैं।
वहीं भारत सरकार द्वारा पिछले 15 नवंबर को नवनियुक्त आईएएस की सूची जारी की गई, उनको देश के अलग-अलग राज्यों में कैडर आवंटित कर दिया गया है। हरियाणा को इनमें से 6 आईएस मिले हैं, जिनमें से 2 हरियाणा के रहने वाले हैं बाकी अन्य प्रदेश के। बता दें कि कुल 178 नवनियुक्त आईएएस अधिकारियों की लिस्ट जारी की गई थी, जिनमें से उपरोक्त से हरियाणा कैडर में आए हैं। यह भी बता दें कि साल 2021 में हरियाणा को 7 आईएएस मिले। 5 वर्षों में हरियाणा को कुल 28 आईएएस मिले हैं, जबकि रिटायर काफी ज्यादा हुए। साल 2017 में 4, 2018 में 4, 2019 में 8 और 2020 में 5 आईएएस अधिकारी मिले। पिछले साल हरियाणा में 14 अधिकारी रिटायर हुए और साल 2023 में कुल 10 आईएएस अधिकारी रिटायर होंगे। वहीं करीब डेढ़ दर्जन अधिकारी डेपुटेशन पर चल रहे हैं।
अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों को आबंटित प्रदेश कैडर में परिवर्तन सम्बन्धी केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए एवं मौजूदा लागू दिशा-निर्देशों के अनुसार आईएएस, आईपीएस और आईएफएस (भारतीय वन सेवा ) अधिकारियों द्वारा आपस में (उक्त तीनों सेवाओं के अधिकारियों के मध्य) विवाह करने के फलस्वरूप संबंधित अधिकारी को मूल तौर पर आवंटित प्रदेश कैडर में बदलाव/परिवर्तन किया जा सकता है एवं उस अधिकारी को उसकी पत्नी (या उसके पति) को आवंटित प्रदेश कैडर में स्थायी तौर पर केंद्र सरकार द्वारा ट्रांसफर किया जा सकता है जिसे इंटर-कैडर ट्रांसफर कहा जाता है।
जानकारी अनुसार विवाह के फलस्वरूप आईएएस/आईपीएस /आईएफएस कैडर में परिवर्तन करते समय सम्बंधित सेवा के अधिकारी का उसके अपने गृह राज्य में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है। अगर कोई पुरुष आईएएस/आईपीएस/आईएफएस अधिकारी हरियाणा का मूल निवासी है और उसे पंजाब या महाराष्ट्र या अन्य राज्य कैडर आवंटन किया गया है तो वह हरियाणा कैडर की महिला आईएएस/आईपीएस/आईएफएस अधिकारी के साथ विवाह कर अपने गृह राज्य हरियाणा में ट्रांसफर नहीं हो सकता।
एक्सपर्ट और हरियाणा में पंजाब हाईकोर्ट में अधिवक्ता हेमंत कुमार ने बताया कि हालांकि अगर दोनों पति-पत्नी चाहें तो केंद्र सरकार उन्हें कोई तीसरा राज्य कैडर आवंटन कर सकती है। गत वर्ष जून 2022 में केंद्र सरकार ने हरियाणा कैडर के 2003 बैच के आईएएस अजीत बालाजी जोशी और ओडिशा कैडर की 2009 बैच की आईएएस गौरी पराशर जोशी दोनों का उनके विवाह फलस्वरूप तीसरे राज्य पंजाब कैडर में ट्रांसफर कर दिया था। हालांकि अब भी अजित बालाजी हरियाणा में ही सेवा प्रदान कर रहे हैं।
बता दें कि वर्ष 2022 में 2019 बैच की यह महिला आईएएस अधिकारी रेनू सोगन का हरियाणा कैडर के 2019 बैच के ही एक आईएएस हितेश कुमार मीणा से विवाह के कारण पश्चिम बंगाल कैडर से हरियाणा कैडर में इंटर-कैडर ट्रांसफर किया गया था।
इसी तरह से गत फरवरी, 2022 में 2019 बैच के एक अन्य आईएएस अधिकारी डॉ. बलप्रीत सिंह का हरियाणा कैडर की 2017 बैच की महिला आईपीएस उपासना से विवाह कारण केरल कैडर से हरियाणा कैडर में इंटर-कैडर ट्रांसफर किया गया। बलप्रीत का गृह राज्य पंजाब है। मौजूदा तौर पर बलप्रीत कैथल ज़िले में बतौर एडीसी तैनात हैं। उससे पूर्व अक्टूबर, 2021 में 2015 बैच के असम-मेघालय कैडर के आईएएस शांतनु शर्मा का हरियाणा कैडर की 2020 बैच की महिला आईएएस सी. जयशरधा से विवाह कारण असम-मेघालय कैडर से हरियाणा कैडर में ट्रांसफर किया गया था। शांतनु मूल रूप से झारखंड के निवासी हैं जबकि जयशरधा तमिलनाडु से।
इसी तरह वर्ष 2021 में ही 2015 बैच की एक महिला आईएएस अधिकारी नेहा सिंह भी हरियाणा आईएएस कैडर में सम्मिलित हुई थी क्योंकि उनका हरियाणा कैडर के 2015 बैच के आईएएस राहुल हुड्डा से विवाह कारण गुजरात से हरियाणा में ट्रांसफर किया गया था। नेहा मूल रूप से बिहार की निवासी हैं।
हरियाणा में आईएएस की स्वीकृत पोस्ट 215 हैैं। इस लिहाज से पता चलता है कि प्रदेश में 21 फीसदी से भी ज्यादा पद खाली हैं। इस बात का भी बार-बार हवाला दिया जाता है कि अधिकारियों की कमी के चलते प्रशासनिक काम प्रभावित होते हैं। इस बात का हर किसी को इल्म है कि अधिकारियों की कमी के प्रोजेक्ट व विकास कार्य निर्धारित अवधि में पूरा होने की बजाय लटक जाते हैं। एक ही अधिकारी के पास कई-कई विभागों का चार्ज होता है और काम में बाधा पड़ने के अलावा अधिकारियों पर भी काम का प्रेशर रहता है।
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