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Krishna Pal Gurjar Won Faridabad Lok Sabha Seat : फरीदाबाद लोकसभा में खिला कमल, कृष्ण पाल गुर्जर जीते

• LAST UPDATED : June 4, 2024
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Krishna Pal Gurjar Won Faridabad Lok Sabha Seat : फरीदाबाद लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी कृष्ण पाल गुर्जर ने कांग्रेस के महेंद्र प्रताप सिंह को हराते हुए 1.72 लाख वोट से जीत हासिल की। भाजपा को 788569 व कांग्रेस को 615655 वोट मिले, जजपा प्रत्याशी से नोटा आगे निकला। उल्लेखनीय है कि फरीदाबाद को हरियाणा की बहुत महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों में से एक माना जाता रहा है। हालांकि यहां शुरू से ही कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर रही है। 1977 से 2019 के बीच यहां कुल 12 लोकसभा चुनाव हुए हैं जिनमें छह बार कांग्रेस तो वहीं पांच बार भाजपा ने जीत दर्ज की है।
इस बार भी यह मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच रहा। भाजपा की ओर से कृष्ण पाल को दोबारा मैदान में उतारा गया। वहीं कांग्रेस की तरफ से अवतार सिंह भड़ाना का टिकट कट गया है और उनकी जगह अब पार्टी ने महेंद्र प्रताप को चुनावी रण में उतारा।
Krishna Pal Gurjar Won Faridabad Lok Sabha Seat : फरीदाबाद से सांसद हैं गुर्जर 
कृष्णपाल गुर्जर भारत की सोलहवीं लोक सभा के हरियाणा के फरीदाबाद से सांसद हैं तथा केंद्रीय मंत्रिमंडल में वे सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, शिपिंग राज्य मंत्री थे परन्तु इसके उपरांत इन्हें भारत सरकार के मंत्रिमंडल में सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय, भारत सरकार को संभालने का दायित्व निभा रहे हैं। 2014 के चुनावों में वे हरियाणा के फरीदाबाद से निर्वाचित हुए।

छात्र जीवन से शुरू की राजनीति

राजनीति के खिलाड़ी कृष्णपाल गुर्जर ने छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत की थी। बीए, एलएलबी कृष्णपाल गुर्जर नेहरू कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए थे। पार्षद से लेकर सांसद तक का सफर तय करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं। कृष्णपाल गुर्जर नेहरू कॉलेज में छात्र संगठन के अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्ष 1994 में नगर निगम के गठन के साथ ही उन्होंने पार्षद का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। वर्ष 1996 में गुर्जर ने मेवला महाराजपुर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर विधानसभा पहुंचे।
पहली बार विधानसभा पहुंचे गुर्जर बंसीलाल सरकार में मंत्री बने। 2000 में फिर से मेवला महाराजपुर से विधायक बने। दोनों बार उन्होंने पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह को पटखनी दी थी। मगर वर्ष 2005 में उन्हें महेंद्र प्रताप सिंह के सामने हार का मुंह देखना पड़ा था। 2008 में मेवला महाराजपुर सीट खत्म कर दी गई तो गुर्जर ने 2009 में तिगांव सीट से चुनाव लड़ा और 818 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर को हराकर तीसरी बार विधायक बने। उसी दौरान वे पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष भी बने।

2014 में प्रदेश में सबसे अधिक 4.66 लाख मतों के अंतर से जीते थे गुर्जर

वर्ष 2014 में पार्टी ने उन्हें लोकसभा का टिकट थमाया। मोदी लहर पर सवार कृष्णपाल गुर्जर सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए प्रदेश में सबसे अधिक 4.66 लाख मतों के अंतर से जीते थे। आलम यह था कि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी और दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी अवतार सिंह भड़ाना को इतने वोट भी नहीं मिल थे कि उनकी जमानत बच जाती। भड़ाना को इस चुनाव में 1,85,643 वोट मिले थे। अब एक बार फिर पार्टी ने उन पर दांव लगाया है।

 

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